भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा “अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमाराशियां एवं ऋण की तिमाही सांख्यिकी – ‘मार्च 2015’ का प्रकाशन
22 जून 2015 भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा “अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमाराशियां एवं ऋण की तिमाही सांख्यिकी – ‘मार्च 2015’ का प्रकाशन भारतीय रिज़र्व बैंक ने 31 मार्च 2015 को समाप्त तिमाही के लिए अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की तिमाही सांख्यिकी नामक काल श्रेणी वेब प्रकाशन जारी किया है। यह डेटा https://dbie.rbi.org.in वेब साइट पर जाकर वेब-पेज https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications पर प्राप्त किया जा सकता है। यह प्रकाशन बैंको द्वारा मूलभूत सांख्यकी विवरणिया (मूसांवि-7) के माध्यम से प्रस्तुत आकड़ों पर आधारित है और अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) की संकलित जमाराशियाँ और सकल बैंक ऋण के स्थानिक वितरणों को दर्शाता है। ये आंकड़े राज्य, जिला, केंद्र (तीन या अधिक शाखाओ वाले), जनसंख्या समूह और बैंक समूह के आधार पर वर्गीकृत किये गये हैं। प्रमुख तथ्य: -
मार्च 2015 मे संकलित जमाराशियाँ और सकल बैंक ऋण की वृद्धि दर एक वर्ष पूर्व के 13.9 प्रतिशत और 13.8 प्रतिशत से घटकर क्रमशः 10.7 प्रतिशत और 9.8 प्रतिशत हो गई। उपर्युक्त गिरावट चौतरफा रही, जो ‘ग्रामीण’ जन संख्या समूह को छोड़कर शेष सभी जनसंख्या समूहों में पायी गई। ग्रामीण समूह के सकल बैंक ऋण की वृद्धि दर एक वर्ष पूर्व के 14.0 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2015 में 14.7 प्रतिशत हो गई। -
महानगरीय शाखाओं ने संकलित जमा राशियों में लगभग 52.9 प्रतिशत तथा सकल बैंक ऋण में 64.4 प्रतिशत योगदान के साथ, ऋण-जमा (सी-डी) अनुपात 94.2 प्रतिशत के सर्वोच्च स्तर पर रिकॉर्ड किया। अन्य जनसंख्या समूहों का ऋण-जमा अनुपात अखिल भारतीय अनुपात के 77.4 प्रतिशत से कम रहा। -
अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के कुल कारोबार (संकलित जमा राशियाँ+सकल बैंक ऋण) के आकार के क्रमानुसार सात राज्यों अर्थात महाराष्ट्र, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात की संयुक्त हिस्सेदारी 68.8 प्रतिशत रही। अकेले महाराष्ट्र की हिस्सेदारी कुल कारोबार में 26.1 प्रतिशत थी। इन राज्यों की हिस्सेदारी संकलित जमाराशियों में 66.4 प्रतिशत और सकल बैंक ऋण में 71.9 प्रतिशत रही। -
मार्च 2015 में तमिलनाडु का ऋण-जमा अनुपात सर्वोच्च (119.5 प्रतिशत) था जिसके बाद चंडीगढ़ (106.2 प्रतिशत), आंध्र-प्रदेश (105.7 प्रतिशत), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (103.6 प्रतिशत) और तेलंगाना (102.4 प्रतिशत) का स्थान रहा। -
मार्च 2015 में संकलित जमाराशियों में भारतीय स्टेट बैंक और इसके सहायक, निजी क्षेत्र के बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एक वर्ष पूर्व के अपनी तेज वृद्धि को बनाए रख सके। ऋण के मामले में केवल निजी क्षेत्र के बैंक ही एक वर्ष पहले के स्तर की तुलना में मार्च 2015 में वृद्धि दर में बढ़ोत्तरी कर सके। -
31 मार्च 2015 को संकलित जमाराशियों में सरकारी क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी 72.9 प्रतिशत और सकल बैंक ऋण में 71.6 प्रतिशत हिस्सेदारी रही, जो सर्वाधिक थी, जिसके बाद निजी क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारियां क्रमशः 19.7 प्रतिशत तथा 20.9 प्रतिशत रही। संगीता दास निदेशक प्रेस प्रकाशनी: 2014-2015/2715 |