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भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा “अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमा और उनके ऋण संबंधी तिमाही सांख्यिकी : सितंबर 2016” के लिए प्रकाशित

29 नवंबर 2016

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा “अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमा और
उनके ऋण संबंधी तिमाही सांख्यिकी : सितंबर 2016” के लिए प्रकाशित

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज 30 सितंबर 2016 की स्थिति के अनुसार 'अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (एस॰सी॰बी॰) की जमा और ऋण संबंधी तिमाही सांख्यिकी' के आंकड़ें जारी किए है। इस तिमाही सर्वेक्षण के लिए आंकड़े क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (क्षे॰ग्रा॰बैं॰) सहित सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों से संगृहीत किए गए हैं| इन आंकड़ों में राज्यवार, जिलावार, केंद्रवार, जनसंख्या-समूह और बैंक-समूह वार जमाराशियों का प्रकार और सकल बैंक ऋणों को सम्मिलित किया गया है| यह प्रकाशन https://dbie.rbi.org.in वेबसाइट पर तथा https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!3 के वेब-पेज पर जाकर प्राप्त किया जा सकता है|

सर्वेक्षण के इस चक्र से, इसके आयोजन के तरीके में कुछ परिवर्तन किए गए हैं| सर्वप्रथम, अब इस तिमाही सर्वेक्षण की संदर्भ तिथि सभी कैलेंडर तिमाहियों के अंतिम दिन की तिथि हुआ करेगी| अब तक जून, सितंबर और दिसंबर तिमाहियों में आयोजित होने वाले सर्वेक्षणों की संदर्भ तिथि संदर्भित तिमाही का अंतिम शुक्रवार हुआ करता था| दूसरे, ऋण की परिभाषा अन्य विवरणियों के समान बनाने के लिए, इसमें बिल-रिडिसकॉउन्ट को इस बार से सम्मिलित नहीं किया जाएगा| अंतिम परिवर्तन यह है कि उन केन्द्रों, जहां बैंक शाखाएँ/ कार्यालय स्थित हैं, का जनसंख्या समूहवार वर्गीकरण 2001 की जनगणना की जगह 2011 की जनगणना के अनुसार किया गया है| तुलना करने के उद्देश्य से, पिछली चार तिमाहियों (सितंबर 2015 से जून 2016) का जनसंख्या समूहवार आंकड़ा 2011 की जनगणना के आधार पर पुनः वर्गीकृत किया गया है|

प्रमुख तथ्य:

  • जमाराशियाँ और बैंक ऋणों की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि सितंबर 2016 में क्रमशः 12.9 प्रतिशत और 12.1 प्रतिशत रही, जो पिछले एक वर्ष की तुलना में अधिक थी| जमाराशियाँ और बैंक ऋणों, दोनों मामलों में वृद्धि का आधार व्यापक था, जो सभी जनसँख्या समूहों तथा विदेशी बैंकों द्वारा दिए गए बैंक ऋणों में वृद्धि को छोड़कर सभी बैंक-समूहों में देखा गया|

  • सितंबर 2016 में सकल जमाराशियों के 70 प्रतिशत और बैंक ऋणों के 67 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपनी अग्रणी स्थिति बरकरार रखी|

  • मियादी जमाराशियों की हिस्सेदारी कुल जमाराशियों में सबसे अधिक (63.6 प्रतिशत) रही जिसके बाद बचत राशियों (28.1 प्रतिशत) और चालू जमाराशियों (8.3 प्रतिशत) की हिस्सेदारी रही।

  • भारत में अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के कुल कारोबार (संकलित जमा राशियाँ + बैंक ऋण) के आकार के क्रमानुसार सात राज्यों अर्थात महाराष्ट्र, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात की संयुक्त हिस्सेदारी 68 प्रतिशत रही। अखिल भारतीय स्तर पर इन सातों राज्यों की जमाराशियों के 66 प्रतिशत और बैंक ऋण में 72 प्रतिशत की भागीदारी थी|

  • 30 सितंबर 2016 को अनुसूचित वाणिज्य बैंकों का अखिल भारतीय ऋण-जमा अनुपात 74.5 प्रतिशत था। निजी क्षेत्र के बैंकों का 85.6 प्रतिशत का ऋण-जमा अनुपात अखिल भारतीय ऋण-जमा अनुपात से अधिक था| सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का ऋण-जमा अनुपात 71.2 प्रतिशत पर स्थिर रहा|

  • 36 राज्यों/ केंद्र-शासित प्रदेशों में से 6 राज्यों/ केंद्र-शासित प्रदेशों का ऋण-जमा अनुपात औसत अखिल भारतीय ऋण-जमा अनुपात से अधिक था| तमिलनाडु के 107.5 प्रतिशत के सर्वोच्च ऋण-जमा अनुपात के बाद चंडीगढ़, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का ऋण-जमा अनुपात क्रमशः 103.0 प्रतिशत, 102.3 प्रतिशत, 100.2 प्रतिशत, 99.3 प्रतिशत और 87.7 प्रतिशत था|

अल्पना किल्लावाला
प्रधान परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/1360

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