RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79917196

भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘ऋण मूल्यनिर्धारण पर कार्य समूह’ की प्रारूप रिपोर्ट जारी की

10 अप्रैल 2014

भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘ऋण मूल्यनिर्धारण पर कार्य समूह’ की प्रारूप रिपोर्ट जारी की

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर ऋण मूल्यनिर्धारण पर वर्किंग समूह की प्रारूप रिपोर्ट डाली। प्रारूप रिपोर्ट की सिफारिशों पर टिप्पणियां/प्रतिसूचना प्रधान मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग, 13वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई – 400 001 को ईमेल या डाक द्वारा 16 मई 2014 तक भेजी जा सकती हैं।

पृष्ठभूमि

ऋण मूल्यनिर्धारण ढ़ांचे में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने के लिए नीतिगत प्रयासों के बावजूद ग्राहक सेवा दृष्टिकोण के कुछ मुद्दे रहे हैं। ये मुख्य रूप से ब्याज दरों की अधोमुखी प्रवृत्ति, पुराने और नए उधारकर्ताओं के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार और कीमत-लागत अंतर में विवेकाधीन बदलाव आदि से संबंधित हैं। इसके जवाब में भारतीय रिज़र्व बैंक ने ऋण मूल्यनिर्धारण में भेदभाव से संबंधित मुद्दों की जांच करने और अस्थायी दर व्यवस्था के अंतर्गत ऋण के पारदर्शी और उचित मूल्यनिर्धारण हेतु उपायों की सिफारिश करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के तत्कालीन उप गवर्नर श्री आनन्द सिन्हा की अध्यक्षता में एक कार्य समूह गठित किया जिसमें बैंकों, भारतीय बैंक संघ (आईबीए), अकादमियों और भारतीय रिज़र्व बैंक के सदस्य शामिल थे।

सिफारिशें

कार्य समूह द्वारा की गई प्रमुख सिफारिशें हैं:

• यह वांछनीय होगा कि बैंक विशेषकर वे जिनकी जमाराशियों की भारित औसत परिपक्वता कम है, निधियों की मार्जिनल लागत के आधार पर आधार दर का परिकलन करें। इससे मूल्यनिर्धारण में अधिक पारदर्शिता आ सकती है, ग्राहक शिकायतें कम हो सकती हैं, नीतिगत दर में बदलावों का बेहतर अंतरण और बैंकों में आस्ति देयता प्रबंधन उन्नत हो सकता है। यदि बैंक अपनी जमाराशि प्रोफाइल के कारण निधियों के भारित औसत लागत या किसी अन्य पद्धति का उपयोग करते हैं जिसका परिणामस्वरूप पुराने और नए ग्राहकों के बीच अंतर आए, तो बैंकों के बोर्ड यह सुनिश्चित करें कि इस अंतर से उधारकर्ताओं के बीच किसी प्रकार का भेदभाव उत्पन्न नहीं हो। (पैरा 4.31)

• कीमत-लागत अंतर के निर्धारण के लिए विशिष्ट परिचालन लागत, ऋण जोखिम प्रीमियम और अवधि प्रीमियम जैसे कारकों और प्रतिस्पर्धा, कारोबारी रणनीति और ग्राहक संबंध जैसे व्यापक कारकों का भी उपयोग किया जाता है। बैंकों के पास बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति हो जो इन घटकों का वर्णन करे। बैंक का बोर्ड यह सुनिश्चित करे कि किसी भी प्रकार का मूल्य अंतर बैंक की ऋण मूल्यनिर्धारण नीति के अनुरूप हो जो जोखिम समायोजित पूंजी प्रतिफल (आरएआरओसी) की फैक्टरिंग करती है। बैंक मूल्यनिर्धारण नीति के तर्क को रिज़र्व बैंक के समक्ष प्रदर्शित करने में समर्थ हों। (पैरा 4.32)

• बैंक की आंतरिक नीति किसी उधारकर्ता के मामले में अंतर के तर्क और दायरे की रूपरेखा और ऋण मूल्यनिर्धारण के संबंध में शक्तियों का प्रत्यायोजन अवश्य दर्शाए। (पैरा 4.34)

• मौजूदा ग्राहक से चार्च किया जाने वाला अंतर ग्राहक की ऋण जोखिम प्रोफाइल में गिरावट के कारण को छोड़कर किसी भी स्थिति में बढ़ाया नहीं जा सकता है। ग्राहक को इस संबंध में अनुबंध करते समय सूचित जाए। इसके अतिरिक्त, यह सूचना बैंकों द्वारा नोटिस/वेबसाइट के माध्यम से पर्याप्त रूप से प्रदर्शित की जाए। (पैरा 4.35)

• फ्लोटिंग दर ऋण अनुबंध में ब्याज दर का पुनर्निर्धारण करने की अवधि दी जाए और पुनर्निर्धारण अवधि के अंदर आधार दर में बदलाव किए बिना उन्हीं तारीखों को पुनर्निर्धारण किया जाए। (पैरा 4.36)

• बेंचमार्क मुख्य उधार दर (बीपीएलआर) अनुबंधो के लिए सावधि विधि खंड हो ताकि इसके बाद सभी अनुबंधों को आधार दर से जोड़ा जाए। बैंक यह सुनिश्चित करें कि वे ग्राहक जो बीपीएलआर से जुड़े हुए ऋण को आधार दर ऋण में परिवर्तित करते हैं, उनसे ऐसे स्विचन के लिए किसी प्रकार की अतिरिक्त ब्याज दर या प्रोसेसिंग शुल्क नहीं वसूला जाए। (पैरा 4.38)

• भारतीय बैंक संघ फ्लोटिंग ब्याज दर उत्पादों के लिए भारतीय बैंक आधार दर (आईबीबीआर) जैसी नई बेंचमार्क विकसित करे जिसे सभी जगह से एकत्र कर आईबीए द्वारा आवधिक आधार पर प्रकाशित किया जाए। यह सुनिश्चित करते हुए कि मंजूरी के समय उधार दरें बैंक की आधार दर के बराबर हों या उससे ऊपर हों, बैंक आधार दर, आईबीबीआर या अन्य किसी फ्लोटिंग दर बेंचमार्क से जुड़े फ्लोटिंग दर उत्पाद प्रस्तुत करने पर विचार कर सकता है। आईबीबीआर को होम लोन के लिए उपयोग किया जा सकता है। डिज़ाइन रूप में, आईबीबीआर वित्तीय बेंचमार्क समिति (अध्यक्षः श्री पी. विजय भास्कर, कार्यपालक निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक) द्वारा निर्धारित बेंचमार्कों के मानकों को पूरा करे। (पैरा 4.44)

• कार्य समूह ने अधिकाधिक पारदर्शिता लाने के लिए अनेक सिफारिशें भी की हैं जिनसे बैंकों में तुलनात्मक क्षमता और ग्राहकों द्वारा सूचित निर्णय निर्माण में वृद्धि होगी। (पैरा 6.23, 6.24, 6.27 तथा 6.28)

• समय पूर्व भुगतान के कारण मुलधन पर ब्याज कमी का लाभ ऋण को प्रभावित करने वाली अगली ईएमआई चक्र तारीख की प्रतीक्षा किए बिना बैंक द्वारा धन प्राप्त करने वाले दिन दिया जाना चाहिए। (पैरा 6.29)

• बैंक और रिज़र्व बैंक दोनों ग्राहक शिक्षा अभियानों के माध्यम से वित्तीय शिक्षा प्रदान करें। (पैरा 6.30)

• खुदरा ऋण के लिए ग्राहकों के पास अनुबंध करते समय निकास सहित और निकास के बिना विकल्प होने चाहिए। निकास विकल्प का मूल्यनिर्धारण अलग-अलग किंतु उचित रूप से किया जा सकता है। निकास विकल्प का ग्राहक द्वारा न्यूनतम नोटिस अवधि में और बिना बाधाओं के आसानी से उपयोग किया जाए। इससे अनुबंध करने वाले ग्राहकों के मुद्दों का समाधान होगा, यह ग्राहक संरक्षण उपाय के रूप में कार्य करेगा और इससे प्रतिस्पर्धा में भी वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त, भारतीय बैंक संघ ऋणों विशेषकर बंधक/हाउसिंग ऋणों के तेज अंतरण हेतु दिशानिर्देशों का एक सेट विकसित करे। उन बैंकों पर दंड भी लगाया जा सकता है जो इस संबंध में उधारकर्ताओं से सहयोग नहीं करते हैं। (पैरा 6.31)

• उद्योग संघ, आईबीए को निम्नलिखित कार्य करने चाहिए:

  • ग्राहक सेवा की बेहतर पद्धतियों के लिए मामला अध्ययन और उदाहरण तैयार करे;

  • सुधार के लिए सर्वोत्तम बाजार व्यवहार पद्धतियां के क्षेत्रों की पहचान के लिए अध्ययन करे;

  • उद्योग प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण का आयोजन करे। (पैरा 6.32)

• बैंकों में शिकायत निवारण प्रणालियां सुदृढ़ की जाएं और ग्राहकों की आवश्यकताओं के प्रति प्रतिक्रियाशील हों। रिज़र्व बैंक उन बैंको को दंडित करे जो पर्याप्त उपाय नहीं करते हैं, जैसाकि बार-बार आने वाली शिकायतों में देखा गया है। (पैरा 6.25)

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/1998

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?