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भारतीय रिज़र्व बैंक ने जारी की भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिए निधि प्रवाह खातों के संकलन संबंधी कार्य समूह की रिपोर्ट

24 अगस्‍त 2015

भारतीय रिज़र्व बैंक ने जारी की भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिए
निधि प्रवाह खातों के संकलन संबंधी कार्य समूह की रिपोर्ट

भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिए निधि प्रवाह खातों के संकलन संबंधी कार्य समिति की रिपोर्ट आज अपनी वेबसाइट पर जारी की। इस रिपोर्ट के साथ संकलन कार्य-पद्धति मैनुअल भी संलग्‍न है। इस रिपोर्ट और मैनुअल पर अपनी राय/फीडबैक प्रधान परामर्शदाता, आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई–400 001 को 15 सितंबर 2015 तक ईमेल या डाक द्वारा भेजा जा सकता है।

निधि प्रवाह खाते (flow of funds) निश्चित काल-खंड में अर्थव्‍यवस्‍था के विभिन्‍न क्षेत्रों में से विभिन्‍न प्रकार की लिखतों के माध्‍यम से वित्‍तीय लेनदेनों के सुव्‍यवस्थित रिकार्ड को निरूपित करते हैं। निधि प्रवाह के ये खाते (क) अर्थव्‍यवस्‍था के वित्‍तीय विकास के स्‍वरूप व गति, (ख) वित्‍तीय क्षेत्र और वास्‍तविक अर्थव्‍यवस्‍था के बीच संबंध तथा (ग) वित्‍तीय अंतर-संबद्धता के साथ ही अर्थव्‍यवस्‍था की वित्‍तीय स्थिरता/सुभेद्यता के मूल्‍यांकन का महत्‍वपूर्ण विश्‍लेषणात्‍मक साधन होते हैं।

रिज़र्व बैंक 1960 के दशक की शुरुआत से निधि प्रवाह खातों के आंकड़ों का संकलन वार्षिक रूप से करता रहा है। आंकड़ों में पाए गए अंतरों, खासकर वैश्विक वित्‍तीय संकट के परिप्रेक्ष्‍य में, को दूर करने तथा उभरती अंतरराष्‍ट्रीय उत्‍तम प्रथाओं को अपनाने की आवश्‍यकता को ध्‍यान में रखते हुए इस कार्य समूह ने सिफारिश की है कि जहां तक हो सके मौजूदा निधि प्रवाह खातों की पुनर्रचना संयुक्‍त राष्‍ट्र के सिस्‍टम ऑफ नेशनल एकाउंट्स (एसएनए) के अनुरूप की जाए, जिसके अंतर्गत ज्‍यादा से ज्‍यादा संस्‍थाओं, लिखतों और आंकड़ों के स्रोत को शामिल किया जाए; आंकड़ों के मिलान संबंधी फामेर्टों में संशोधन किया जाए; तथा संबंधित क्षेत्रों के निधि प्रवाह खातों के संकलित आंकड़ों की वेटिंग व वैधीकरण के लिए विभिन्‍न स्‍टेकहोल्‍डरों के बीच संवाद स्‍थापित करने के लिए एक मंच उपलब्‍ध कराया जाए; और कार्य-पद्धति, आंकड़ों में रहने वाले अंतर एवं आवधिक अंतराल वाले अन्‍य मुद्दों की समीक्षा की जाए।

अल्‍पना किल्‍लावाला
प्रधान मुख्‍य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2015-2016/472

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