भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के पर्यवेक्षण के लिए सीमापारीय सहयोग हेतु एक पर्यवेक्षी कॉलेज का गठन किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के पर्यवेक्षण के लिए सीमापारीय सहयोग हेतु एक पर्यवेक्षी कॉलेज का गठन किया
4 दिसंबर 2012 भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के लिए एक पर्यवेक्षी कॉलेज का गठन किया है। इस पर्यवेक्षी कॉलेज को स्थापित करने का उद्देश्य इन बैंकों में उभरते हुए पर्यवेक्षी मुद्दों पर कार्रवाई करना तथा सीमापारीय पर्यवेक्षण के लिए एह सहयोगी व्यवस्था का गठन करना है। पर्यवेक्षी कॉलेजों का विकास सारे विश्व में किसी अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग समूह के प्रभावी पर्यवेक्षी निरीक्षण के एक महत्वपूर्ण संघटक के रूप में हुआ है। यह व्यवस्था पर्यवेक्षी व्यापकता को कम करने तथा बासेल II ढांचे में वर्णित बेहतर पर्यवेक्षी सहयोग के लिए पर्यवेक्षी अंतरालों को भरने के लक्ष्य के साथ विकसित हुई थी । यह अवधारणा बैंकिंग पर्यवेक्षण के लिए बासेल समिति (बीसीबीएस) अक्टूबर 2010 दस्तावेज़ ''पर्यवेक्षी कॉलेजों पर अच्छे व्यवहार सिद्धांत'' में वर्णित थी। यद्यपि, समग्र विश्व में सर्वोत्तम व्यवहारों के साथ भारत के लिए बेंचमार्क की दृष्टि से कोई प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंक (एसआईबी) तथा घरेलू देशी पर्यवेक्षक के रूप में इसकी क्षमता नहीं है, रिज़र्व बैंक ने निर्णय लिया कि भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड प्रत्येक के लिए एक पर्यवेक्षी कॉलेज की स्थापना की जाए क्योंकि दोनों बैंकों के पास कई पर्यवेक्षी अधिकार क्षेत्रों में समुद्रपारीय परिचालन ले जाने का भारी विस्तार है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के लिए नौ मेजबान देश पर्यवेक्षक हैं। ये हैं: बंगलादेश बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ बहरीन, नेशनल बैंक ऑफ बेल्जियम, दुबई वित्तीय सेवा प्राधिकार, वित्तीय सेवा प्राधिकार (लंदन), संघीय वित्तीय सेवा प्राधिकार (बाफिन), बैंक ऑफ मॉरिशस, नेपाल राष्ट्र बैंक और सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकार। आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के पास सात मेजबान देश पर्यवेक्षक हैं। ये हैं : सेंट्रल बैंक ऑफ बहरीन, नेशनल बैंक ऑफ बेल्जियम, दुबई वित्तीय सेवा प्राधिकार, वित्तीय सेवा प्राधिकार (लंदन), संघीय वित्तय सेवा प्राधिकार (बाफिन), बैंक ऑफ रशिया और सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकार। सभी मेजबान देश पर्यवेक्षकों की एक बैठक में डॉ. के.सी.चक्रवर्ती, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने यह आशा व्यक्त की कि यह कॉलेज एक प्रक्रिया और एकबारगी मंच नहीं है, यह खासकर विदेशों में भारतीय बैंकों के लगातार विस्तारित पदचिह्नों पर विचार करते हुए समेकित पर्यवेक्षण की एक व्यवस्था बनेगा। वे मुंबई में 03/04 दिसंबर 2012 को आयोजित भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के लिए पर्यवेक्षी कॉलेजों की पहली बैठक का उद्घाटन कर रहे थे। श्री जी. गोपालकृष्ण, कार्यपालक निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक में संचालित की जाने वाली पर्यवेक्षी संरचना की एक समीक्षा प्रस्तुत की तथा इसके भीतर पर्यवेक्षी पद्धतिकरणों में हाल में किए गए परिवर्तनों का भी वर्णन किया। पूर्व में श्री जी. जगनमोहन राव, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी, बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक ने सभी मेज़बान देश पर्यवेक्षी प्रतिनिधियों का स्वागत किया और श्री दीपक सिंघल, प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग ने विनियामक पहलुओं पर एक प्रस्तुतीकरण किया। मेज़बान पर्यवेक्षकों ने अपने अधिकार क्षेत्र में वर्तमान पर्यवेक्षी महत्वों पर ध्यान केंद्रित करते हुए बैंक (बैंकों) के पर्यावलोकन पर प्रस्तुतीकरण किए। भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड दोनों बैंकों ने भी अभिशासन, वित्तीय कार्यनिष्पादन, अंतराल विश्लेषण सहित जोखिम प्रबंधन, अगली कारोबारी योजना, विनियामक अनुपालन, चलनिधि / संकट प्रबंध, समुद्रपारीय शाखाओं / संस्थाओं के संबंध, उद्यम (समूहवार) गतिविधियों और जोखिम अवधारणाओं आदि पर महत्व देते हुए कॉलेज को प्रस्तुतीकरण किए। इन प्रस्तुतीकरणों के बाद बैंकों तथा पर्यवेक्षक कॉलेज के बीच एक चर्चापरक सत्र का आयोजन किया गया। श्री प्रतीप चौधुरी, अध्यक्ष, भारतीय स्टेट बैंक और श्रीमती चंद्रा कोचर, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड ने पर्यवेक्षी कॉलेज को किए गए प्रस्तुतीकरणों के दौरान अपने दलों का नेतृत्व किया। यह बैठक प्रत्येक दिन सत्र समाप्ति के साथ मुख्य निष्कर्षों का सांराश देते हुए तथा बैठकों की उपलबधीयो पर पर्यवेक्षी सहयोग निर्मित करने पर अगले प्रयासों के अनुपालन के संकल्प के साथ समाप्त की गई। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2012-2013/927 |