भारतीय रिज़र्व बैंक ने आइएफआरएस को लागू करने की समस्याओं को सुलझाने के लिए एक कार्यकारी दल का गठन किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आइएफआरएस को लागू करने की समस्याओं को सुलझाने के लिए एक कार्यकारी दल का गठन किया
22 जुलाई 2010 भारतीय रिज़र्व बैंक ने आइएफआरएस को लागू करने की समस्याओं को सुलझाने भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय बैंकिंग प्रणाली के लिए अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोटिंग मानकों (आइएफआरएस) के सकेंद्रण के संदर्भ में उसके कार्यान्वयन की समस्याओं को सुलझाने और परिचालनगत दिशानिर्देशों को तैयार करने में सुविधा देने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग (डीबीओडी) के मुख्य महाप्रबंधक श्री पी.आर.रवि मोहन की ञ्ध्यक्षता में एक कार्यकारी दल का गठन किया। इस दल के अन्य सदस्य भारतीय बैंक संघ (आइबीए), भारतीय सनदी लेखाकार संस्था (आइपीएआइ) और भारतीय रिज़र्व बैंक के विनियामक और बाज़ार संबंधी विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि हैं। इनके अलावा, आइएफआरएस को लागू करने में मूल क्षमता, विशेषज्ञ टरैर अनुभव वालो व्यावसायियों को इस दल में विशेष आमंत्रित के रूप में शामिल किया गया है। निम्नलिखित विषयों पर कार्य करने के लिए छह उप-समूहों का गठन किया गया है :
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानक के साथ भारतीय लेखांकन मानक के समेकन के संदर्भ में बैंकिंग उद्योग तथा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए एक अलग रूपरेखा मार्च 2010 में तैयार की गई है। इस रूपरेखा के अनुसार, सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानक (आइण्फआरएस) के साथ समेकित भारतीय लेखांकन मानकों के अनुपालन में 1 अप्रैल 2013 तक अपने आरंभिक जमा तुलनपत्र को परिवर्तित करेंगे। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और शहरी सहकारी बैंकों के लिए एक क्रमिक दृष्टिकोण अंगीकार करना प्रस्तावित है। वर्ष 2010-11 के वार्षिक नीति वक्तव्य में यह घोषणा की गई थी कि अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानक में सहज परिवर्तन को सुविधा प्रदान करने के लिए यह प्रस्तावित है कि अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानक संकेंद्रण प्रक्रिया की जटिलता का अध्ययन शुरु किया जाए तथा यथोचित परिचालनात्मक दिशानिर्देश जारी किए जाएँ। जी. रघुराज प्रेस प्रकाशनी : 2010-2011/119 |