भारतीय रिज़र्व बैंक अपनी वेबसाइट पर समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश पर आँकड़े डालेगा - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक अपनी वेबसाइट पर समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश पर आँकड़े डालेगा
22 जून 2011 भारतीय रिज़र्व बैंक अपनी वेबसाइट पर समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश पर आँकड़े डालेगा भारतीय रिज़र्व बैंक ने यह निर्णय लिया है कि वह जुलाई 2011 से भारतीय कंपनियों /फॉर्म ओडीआइ में प्रधिकृत व्यापरियों द्वारा यथा रिपोर्ट की गई पर्टियों द्वारा समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश के कारण बहिर्वाह को मासिक आधार पर अपनी वेबसाइट पर डालेगा। इस रिपोर्ट में निम्नलिखित क्षेत्र अर्थात् भारतीय कंपनी/पार्टी का नाम, संयुक्त उद्यम/पूर्ण रूप से स्वाधिकृत सहायक कंपनी (जेवी/डब्ल्यूओएस), उस देश का नाम जहाँ निवेश किया गया है, संयुक्त उद्यम/पूर्ण रूप से स्वाधिकृत सहायक कंपनी (जेवी/डब्ल्यूओएस) की प्रमुख गतिविधि, इक्विटी को शामिल करते हुए संयुक्त उद्यम/पूर्ण रूप से स्वाधिकृत सहायक कंपनी (जेवी/ डब्ल्यूओएस) में मूल कंपनी की वित्तीय प्रतिबद्धता, मिलियन अमरीकी डॉलर में निर्गत ऋण और गारंटियाँ शामिल होंगी। पूर्व अवधि के संबंध में जुलाई 2007 से मई 2011 तक के आँकड़े भी जारी किए जा रहे हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक और सरकार के प्रयत्न के एक भाग के रूप में यह प्रयास किया गया है कि सूचना का व्यापक प्रसारण हो तथा अधिक पारदर्शिता लायी जाए क्योंकि संयुक्त उद्यम/पूर्ण रूप से स्वाधिकृत सहायक कंपनी (जेवी/डब्ल्यूओएस) को भारत तथा दूसरे देशों के बीच आर्थिक सहयोग के एक व्यापक माध्यम के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे समुद्रपारीय निवेश हमारे आयात में वृद्धि, प्रौद्योगिकी और कौशल के अंतरण, आर एण्ड डी के परिणामों की सहभागिता, व्यापक वैश्विक बाजार तक पहुँच, ब्रॉण्ड छवि को प्रोत्साहन, भारत तथा मेज़बान देश में रोजगार का उत्पादन एवं उपलब्ध कच्चे माल के उपयोग को उत्प्रेरित करते हैं। भारतीय समुद्रपारीय निवेश नीतियों को एक वैश्वीकृत वातावरण में विकसित हो रही अर्थव्यवस्था की परिवर्तित जरूरतों को पूरा करने के लिए क्रमिक रूप से उदारीकृत और सरलीकृत किया गया है। वह नीति जो निर्यात प्रोत्साहन तथा दूसरे देशों के साथ आर्थिक सहबद्धता की सुदृढ़ता की एक रणनीति के रूप में विकसित की गई थी उसके क्षेत्र और आकार को खासकर, जून 2000 में विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा) लागू किए जाने के बाद उल्लेखनीय रूप से अनुरूप बनाया गया है। वर्ष 2003 के बाद की अवधि में इस नीति ने कार्पोरेट संस्थाओं और पंजीकृत सहभागिताओं को स्वचालित मार्ग के अंतर्गत वर्तमान में उनकी निवल संपत्ति के 400% की सीमा तक विदेश में वास्तविक व्यापार में निवेश के लिए सहायता प्रदान की है। पिछले चार वर्षों में समुद्रपारीय निवेश के सकल आँकड़े नीचे दिए गए है:
अजीत प्रसाद प्रेस पकाशनी:2010-2011/1855 |