रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 11/2022: भारत में एसएमई विनिमय: फर्म के गुण और आईपीओ विशेषताओं का प्रायोगिक विश्लेषण - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 11/2022: भारत में एसएमई विनिमय: फर्म के गुण और आईपीओ विशेषताओं का प्रायोगिक विश्लेषण
12 अगस्त 2022 रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 11/2022: भारत में एसएमई विनिमय: भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर शृंखला1 के अंतर्गत "भारत में एसएमई विनिमय: फर्म के गुण और आईपीओ विशेषताओं का प्रायोगिक विश्लेषण" शीर्षक से एक वर्किंग पेपर रखा। पेपर का लेखन श्रोमोना गांगुली ने किया है। यह अध्ययन एसएमई-समर्पित विनिमयों के प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) आंकड़ों और फर्मों के तुलन पत्र आंकड़ों का उपयोग करते हुए, कम मूल्य (अंडरप्राइसिंग), पश्च बाजार चलनिधि और दीर्घावधि के असामान्य विवरण (रिटर्न) के संदर्भ में, भारत में एसएमई (लघु और मध्यम उद्यम) विनिमयों की कतिपय विशेषताओं पर प्रकाश डालता है। प्रवृत्ति अंक मिलान तकनीक का उपयोग करते हुए, अध्ययन में पाया गया कि एसएमई विनिमयों में सूचीबद्ध फर्मों में अन्य गैर-सूचीबद्ध एसएमई की तुलना में लाभप्रदता, चलनिधि और आस्ति उपयोग अनुपात अधिक है। यह पाया गया कि बाजार में तेजी की अवधि से पहले एसएमई के आईपीओ का मूल्य कम था। इसके अलावा, एसएमई विनिमयों में, सूचीबद्ध होने के पश्चात पहले 60 कारोबारी दिनों के भीतर ही आवर्त अनुपात में काफी गिरावट के साथ, पश्च बाजार चलनिधि की कमी एक समस्या बनी हुई है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/712 1 भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर शृंखला की शुरुआत मार्च 2011 में की थी। ये पेपर भारतीय रिज़र्व बैंक के स्टाफ सदस्यों और कभी-कभी बाहरी सह-लेखकों, जब अनुसंधान संयुक्त रूप से किया जाता है, के अनुसंधान की प्रगति पर शोध प्रस्तुत करते हैं। इन्हें टिप्पणियों और आगे की चर्चा के लिए प्रसारित किया जाता है। इन पेपरों में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और जरूरी नहीं कि वे जिस संस्थान (संस्थाओं) से संबंधित हैं, उनके विचार हों। अभिमत और टिप्पणियां कृपया लेखकों को भेजी जाएं। इन पेपरों के उद्धरण और उपयोग में इनके अनंतिम स्वरूप का ध्यान रखा जाए। |