भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 4/2018: आर्थिक गतिविधि और इसके निर्धारक तत्व : भारतीय राज्यों का एक पैनल विश्लेषण - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 4/2018: आर्थिक गतिविधि और इसके निर्धारक तत्व : भारतीय राज्यों का एक पैनल विश्लेषण
26 जुलाई 2018 भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 4/2018: भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला के अंतर्गत वर्किंग पेपर उपलब्ध कराया है जिसका शीर्षक है – “आर्थिक गतिविधि और इसके निर्धारक तत्व : भारतीय राज्यों का एक पैनल विश्लेषण” यह पेपर गरिमा वाही और मुनीष कपूर द्वारा लिखा गया है। यह पत्र राज्य स्तर के भारतीय आंकड़ों का उपयोग करके आर्थिक गतिविधि पर अन्य व्यापक आर्थिक निर्धारकों के साथ मौद्रिक और राजकोषीय नीति दोनों के प्रभाव का आकलन करता है। चूंकि स्थानीय कारकों और राज्य सरकार की नीतियों के कारण राज्यों में आर्थिक गतिविधि अलग - अलग हो सकती है, इसलिए आश्रित और संभावित व्याख्यात्मक दोनों चरों में अधिक परिवर्तनशीलता प्रदान करते हुए राज्य स्तर के अनुभवजन्य विश्लेषण से अंतर्निहित आर्थिक संबंधों की बेहतर पहचान करने में मदद मिल सकती है। अनुभवजन्य विश्लेषण आर्थिक गतिविधि को स्थिर करने में एक प्रतिचक्रीय मौद्रिक नीति के लिए भूमिका की पुष्टि करता है। बैंक क्रेडिट विस्तार ब्याज दर चैनल के अतिरिक्त, प्रेषण के क्रेडिट चैनल के संचालन का सुझाव देते हुए आर्थिक गतिविधि का समर्थन करता है। आर्थिक गतिविधि में सार्वजनिक निवेश में अंतर्गमन पाया जाता है, जबकि अन्य राजकोषीय खर्च से आर्थिक गतिविधियों पर बहिर्गमन का प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार, पूंजीगत बहिर्वाहों के प्रति उन्मुख व्यय के संयोजन के साथ विवेकपूर्ण राजकोषीय नीति, उत्पादन को बढ़ावा दे सकती है। * रिज़र्व बैंक ने आरबीआई वर्किंग पेपर श्रृंखला की शुरुआत मार्च 2011 में की थी। ये पेपर रिज़र्व बैंक के स्टाफ सदस्यों द्वारा किए जा रहे अनुसंधान प्रस्तुत करते हैं और अभिमत प्राप्त करने और चर्चा के लिए इन्हें प्रसारित किया जाता है। इन पेपरों में व्यक्त विचार लेखकों के होते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक के नहीं होते हैं। अभिमत और टिप्पणियां कृपया लेखकों को भेजी जाएं। इन पेपरों के उद्धरण और उपयोग में इनके अनंतिम स्वरूप का ध्यान रखा जाए। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/233 |