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भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला 8/2012 अग्रणी मुद्राओं के विनिमय दर में अस्थिरता से भारतीय रुपए में अस्थिरता आयी

22 जून 2012

भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला 8 / 2012
अग्रणी मुद्राओं के विनिमय दर में अस्थिरता से भारतीय रुपए में अस्थिरता आयी

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाईट पर ''अग्रणी मुद्राओं के विनिमय दर में अस्थिरता से भारतीय रुपए में अस्थिरता आयी'' शीर्षक एक वर्किंग पेपर डाला। यह वर्किंग पेपर डॉ. रबी एन. मिश्रा और श्री जगन मोहन द्वारा लिखित है।

वित्तीय बाज़ारों के बीच बढ़ते हुए एकीकरण के एक वातावरण में किसी मुद्रा के विनिमय दर में अस्थिरता न केवल घरेलू समष्टिआर्थिक और वैश्विक कारकों से हो सकती है बल्कि इसपर कारोबारी गतिविधि की समयावधि, मांगी गई नीलामियों के अंतर और जोखिम अवधारणाओं के अनुसार बाज़ार सूक्ष्‍म संरचना के कारण अन्‍य अस्थिर बाज़ारों से उत्‍पन्‍न व्‍यापकता प्रभावों से भी हो सकती है। इस संदर्भ में यह पेपर ब्रेजेलियन रियल, रशियन रूबल, दक्षिण कोरियाई वॉन, सिंगापुर डॉलर, जपानी येन, स्विस फ्रैंक, ब्रिटिश पाउंड स्‍टर्लिंग के विनिमय दरों से वर्ष 2005-11 के दौरान भारतीय रुपए के विनिमय दर पर अस्थिरता प्रभावों का विश्‍लेषण करता है।

यह अध्‍ययन दो चरणों वाले बहु-भिन्‍न सामान्‍यीकृत स्‍व-प्रत्‍यावर्ती सशर्त हेट्रोसिडेस्टिसिटी (जीएआरसीएच) ढांचे का उपयोग विनिमय दर अस्थिरता और इसके व्‍यापक प्रभावों की गतिशीलता की जांच करने के लिए करता है जिसमें साधारण युग्‍मवार ग्रेंगर आकस्मिकता जांच के परीक्षण द्वारा भी सहयोग किया जाता है। इस अध्‍ययन में शामिल सभी मुद्राएं सशर्त स्‍व-संबंध की उपस्थिति तथा दैनिक विनिमय दरों में अस्थिरता की निरंतरता प्रदर्शित करती हैं। इसके निष्‍कर्ष इस विचार का समर्थन करते हैं कि अन्‍य बातों के बीच अग्रणी मुद्राओं के विनिमय दर में पायी गई अस्थिरताएं भारतीय रुपए के दैनिक विनिमय दर में अस्थिरता उत्‍पन्‍न करती हैं।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने मार्च 2011 में भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखलाएं लागू की थी। ये पेपर भारतीय रिज़र्व बैंक के स्‍टाफ सदस्‍यों की प्र‍गति में अनुसंधान का प्रतिनिधित्‍व करते हैं तथा इन्‍हें स्‍पष्‍ट अभिमत और आगे चर्चा के लिए प्रसारित किया जाता है।  इन पेपर में व्‍यक्‍त विचार लेखकों के हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक के नहीं। अभिमत और टिप्‍पणियों लेखकों को भेजी जाएं। इन पेपरों के उद्धरण और उपयोग इसके अनंतिम स्‍वरूप को ध्‍यान में रखकर किए जाएं।

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/2051

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