भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला : भारतीय उद्योगों में क्षमता उपयोगिता का आकलन : मामले और चुनौतियॉं - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला : भारतीय उद्योगों में क्षमता उपयोगिता का आकलन : मामले और चुनौतियॉं
7 मई 2012 भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला : क्षमता उपयोगिता का आकलन इस तथ्य से महत्वपूर्ण है कि यदि सही तरह से आकलन किया जाता है तो एक अर्थव्यवस्था में निहित मुद्रास्फीतिकारक दबावों के लिए एक विश्वसनीय संकेत प्राप्त हो सकेगा। क्षमता उपयोगिता का मापन एक विशिष्ट पद्धति तक सीमित नहीं है और इसका मापन सर्वेक्षणों और उत्पादन ऑंकड़ों के प्रयोग के माध्यम से किसी अर्थव्यवस्था, उद्योग अथवा प्लांट से किया जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय अनुभव सुझाव देते हैं कि क्षमता उपयोगिता का आधिकारिक अनुमान कई देशों द्वारा जारी नहीं किया जाता है। लगभग सभी मामलों में विनिर्मित क्षेत्र की क्षमता उपयोगिता के आधिकारिक अनुमान केंद्रीय बैंक, सरकारी अथवा अपने एजेंटों द्वारा आयोजित विभिन्न व्यवसाय सर्वेक्षणों के परिणामों पर आधारित होता है। भारत में क्षमता उपयोगिता का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है। इस पेपर में समय श्रृंखला और सर्वेक्षण पद्धति के तुलनात्मक विश्लेषण और अंतर्राष्ट्रीय पद्धतियों के अध्ययन के माध्यम से भारतीय उद्योगों में क्षमता उपयोग अनुमान की अधिक उचित पद्धति की पहचान करने का प्रयास किया गया है। अध्ययन के निष्कर्ष यह दर्शाते हैं कि क्षमता उपयोग के समय श्रृंखला अनुमान कारोबार चक्र के उतार-चढ़ाव और अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीतिकारी दबावों को सही तरीके से पकड़ सकता है। किंतु अंतर्राष्ट्रीय अनुभव और समय श्रृंखला उपायों की पद्धतियुक्त सीमाएं, सर्वेक्षण पद्धति को भारतीय उद्योगों में क्षमता उपयोग के आकलन के लिए बेहतर मॉडल मानती हैं। तथापि चयनित फर्मों के सर्वेक्षण से प्राप्त क्षमता उपयोग अनुमानों की तुलना समय श्रृंखला पद्धति से प्राप्त अनुमानों से करना आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उचित समष्टि रूप से आर्थिक स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है और दोनों श्रृंखलाएं समान प्रवृत्तियों को दर्शाती है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2011-2012/1762 |