निधि आधारित उधार दर (एमसीएलआर) प्रणाली की सीमांत लागत के कार्य की समीक्षा करने के लिए आंतरिक अध्ययन समूह की रिपोर्ट - आरबीआई - Reserve Bank of India
निधि आधारित उधार दर (एमसीएलआर) प्रणाली की सीमांत लागत के कार्य की समीक्षा करने के लिए आंतरिक अध्ययन समूह की रिपोर्ट
4 अक्तूबर 2017 निधि आधारित उधार दर (एमसीएलआर) प्रणाली की सीमांत लागत के कार्य की समीक्षा जैसा कि आज के विकासात्मक और विनियामकीय नीतियों पर वक्तव्य में दर्शाया गया है, रिज़र्व बैंक ने आज निधि आधारित उधार दर (एमसीएलआर) प्रणाली की सीमांत लागत के कार्य की समीक्षा करने के लिए आंतरिक अध्ययन समूह की रिपोर्ट को अपने वेबसाईट पर रखा। रिजर्व बैंक ने बताया है कि रिपोर्ट पर टिप्पणियों को प्रधान परामर्शदाता, मौद्रिक नीति विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, 24वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट, मुंबई 400 001 को डाक या ईमेल द्वारा 25 अक्तूबर 2017 तक भेजा जा सकता है। रिज़र्व बैंक प्राप्त प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए, अध्ययन समूह की सिफारिशों पर अंतिम निर्णय लेगा। यह उल्लेखनीय है कि 2 अगस्त 2017 के विकासात्मक और विनियामकीय नीतियों पर वक्तव्य में, यह दर्शाया गया था कि रिज़र्व बैंक द्वारा मौद्रिक संचरण में सुधार और बैंक उधार दरों को सीधे बाजार निर्धारित बेंचमार्क से जोड़ने का पता लगाना के परिप्रेक्ष्य से एमसीएलआर प्रणाली के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के लिए एक आंतरिक अध्ययन समूह (अध्यक्ष: डॉ.जनक राज) का गठन किया गया था। अध्ययन समूह ने 25 सितंबर 2017 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। अध्ययन समूह का उद्देश्य इस प्रकार था: (i) यह अध्ययन करना कि क्या एमसीएलआर ने अपने उद्देश्य को प्राप्त किया है जिसके लिए इसे प्रारंभ किया गया था; (ii) एमसीएलआर पर स्प्रैड निर्धारित करने के लिए बैंकों द्वारा अपनाई गई प्रथाओं पर विचार करना; (iii) मौद्रिक संचरण को मजबूत करने के लिए एमसीएलआर प्रणाली में उपयुक्त संशोधन का सुझाव देना; और (iv) मौद्रिक संचरण में सुधार के लिए बैंकों द्वारा ब्याज दर निर्धारण के संबंध में कोई अन्य सिफारिश करना। जोस जे.कट्टूर प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/931 |