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भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अर्जुन अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लि., सोलापुर , (महाराष्ट्र) का लाइसेंस रद्द किया जाना

27 मई 2013

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अर्जुन अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लि., सोलापुर , (महाराष्ट्र)
का लाइसेंस रद्द किया जाना

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अर्जुन अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लि.,सोलापुर , (महाराष्ट्र) अर्थक्षम नहीं रह गया है और महाराष्ट्र सरकार के परामर्श से इसे पुनर्जीवित करने के सभी प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होने वाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 21 मई 2013 को कारोबार की समाप्ति के बाद बैंक का लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया। निबंधक, सहकारी समिति, महाराष्ट्र से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। यह उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से सामान्य शर्तों पर 1,00,000/- (एक लाख रुपये मात्र) की उच्चतम मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार है।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक को बैंकिंग कारोबार करने के लिए 14 अक्तूबर 1996 को लाइसेंस मंज़ूर किया गया था। बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35 के अंतर्गत (इसके बाद "अधिनियम" के नाम से उल्लेख किया गया है) 31 मार्च 2009 की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में रिजर्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण से बैंक की निवल हानि 26.35 लाख और निवल एनपीए, सकल और निवल अग्रिमों के क्रमश: 18.6% एवं 14.6% मूल्यांकित किए गए। बैंक के अनुसार संचित हानि 13.18 लाख रही। 31 मार्च 2009 की स्थिति के अनुसार किए गए निरीक्षण के निष्कर्षों के आधार पर दिनांक 23 अप्रैल 2010 के आरबीआई के पत्र के माध्यम से बैंक को परिचालनात्मक अनुदेश जारी किए गए।

31 मार्च 2010 तथा 31 मार्च 2011 की स्थिति के अनुसार किए गए निरीक्षणों से यह पता चला कि बैंक के वित्तीय संकेतकों में गिरावट जारी है। 31 मार्च, 2010 की स्थिति के अनुसार सकल और निवल एनपीए, सकल और निवल अग्रिमों के क्रमश: 44.4% तथा 37.9% के रूप में मूल्यांकित किया गया। बैंक को 267.98 लाख की मूल्यांकित निवल हानि हुई थी। बैंक द्वारा दी गई सूचना के अनुसार 144.23 लाख की संचित हानि हुई थी। विद्यमान पर्यवेक्षी कार्रवाई को जारी रखा गया था और भारतीय रिज़र्व बैंक के 8 नवंबर 2010 के पत्र के माध्यम से बैंक पर निम्नानुसार अतिरिक्त पर्यवेक्षी कार्रवाई की गई थी कि : (i) खुद के सावधिक जमा, केवीआईपी, सरकारी प्रतिभूति, सोना एवं एलआईसी पॉलिसी पर नए ऋण के लिए मंज़ूरी देना (ii) वसूली के लिए प्रयास करना और सीडी अनुपात को कायम रहने वाले स्तर पर रखना (iii) शेयर धारकों को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में सही सूचना देना।

31 मार्च 2011 के अनुसार बैंक को 130.86 लाख की निवल हानि हुई और सकल और निवल एनपीए क्रमश: 58.4% तथा 50.1% मूल्यांकित किया गया। बैंक ने 270.81 लाख संचित हानि की रिपोर्ट की। 31 मार्च 2011 के वित्तीय स्थिति के आधार पर 08 नवंबर 2010 के पत्र के माध्यम से बैंक पर लगाई गई पर्यवेक्षी कार्रवाई को जारी रखा गया।

31 मार्च 2010 के अनुसार किए गए निरीक्षण के दौरान एक्सपोजर मानक, गैर जमानती अग्रिम एवं निदेशकों से जुड़े ऋण के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों का उल्लंखन पाया गया और 14 दिसंबर 2010 के सकारण आदेश के माध्यम से 1 लाख का जुर्माना बैंक पर लगाया गया। बैंक ने 16 जुलाई 2012 को जुर्माने का भुगतान किया। 12 जनवरी 2012 को निदेशक मंडल के सभी सदस्यों ने इस्तीफा दिया तथा डीडीआर, सोलापुर ने एमसीएस अधिनियम, 1960 की धारा 77 के तहत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए 23 जनवरी 2012 के अपने आदेश के माध्यम से बैंक के लिए प्रशासनिक समिति की नियुक्ति की। बिगड़ती हुई वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए अधिनियम की धारा 35 क के अंतर्गत बैंक को 06 अगस्त 2012 के निदेश शबैंवि. केंका. बीएसडी1/ डी-5/ 12.22.379/ 2012-13 के माध्यम से 07 अगस्त 2012 को कारोबार समाप्ति से समीक्षा के अधीन होते हुए 6 महीनों के लिए सर्वसमावेशी निदेशाधीन रखा गया। 28 जनवरी 2013 के निदेश शबैंवि. केंका. बीएसडी1/ डी26/ 12.22.379/2012-13 के माध्यम से निदेशों को और 6 महीनों के लिए 07 फरवरी 2013 से 06 अगस्त 2013 तक बढ़ाया गया।

अधिनियम की धारा 35 के अंतर्गत 31 मार्च 2012 की वित्तीय स्थिति के अनुसार बैंक के सांविधिक निरीक्षण से अन्य बातों के साथ-साथ बैंक की वित्तीय स्थिति अधिक खराब होने तथा अन्य उल्लंघनों का पता चला। बैंक की मूल्याकिंत निवल संपत्ति (-) 281.22 लाख तथा मूल्यांकित सीआरएआर (-) 97.8% के रूप में आकलित की गई थी। जमाराशि का 39.6% तक मूल्यह्रास हुआ। सकल और निवल एनपीए सकल और निवल अग्रिमों के क्रमश: 83.8% तथा 49.5% रहे। 31 मार्च 2012 की वित्तीय स्थिति के अनुसार बैंक की मूल्यांकित निवल हानि 301.21 लाख और संचित हानि 555.35 लाख रही। बैंक ने अक्तूबर 2011 से एसएलआर रखने में चूक जारी रखा तथा दिसंबर 2011 से 6 मार्च 2012 तक और बाद में 17 मई 2012 से निरीक्षण की तारीख तक लगातार सीआरआर रखने में चूक की। बैंक ने एक क्रेडिट सोसाईटी को जमा के लिए अधिमानी भुगतान भी किया।

उपर्युक्त गंभीर अनियमितताओं से यह पता चला कि बैंक का कारोबार जमाकर्ताओं के हित में नहीं हो रहा है। बैंक ने अधिनियम की धारा 9, 11(1), 18, 22(3)(ए), 22(3)(बी) 24, के प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया है। 31 मार्च 2012 की वित्तीय स्थिति के आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को 13 दिसंबर 2012 के पत्र शबैंवि.केंका.बीएसडी1.एससीएन. 72/ 12.22.379/ 2011-12 के माध्यम से कारण बताओ नोटिस जारी किया था जिसमें यह कहा गया था कि अधिनियम की धारा 22 के अंतर्गत उन्हें बैंकिंग कारोबार करने के लिए 14 अक्तूबर 1996 को जारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए तथा बैंक का समापन क्यों न किया जाए। कारण बताओ नोटिस के लिए बैंक द्वारा दिए गए 8 जनवरी एवं 15 जनवरी 2013 तथा 22 मार्च 2013 के जवाबों पर विचार किया गया, लेकिन वे संतोषजनक नहीं पाए गए।

अत: भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया है। लाइसेन्स रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से अर्जुन अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लि., सोलापुर, (महाराष्ट्र) के जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा योजना की शर्तों के अधीन जमाराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी।

लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप अर्जुन अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लि., सोलापुर, (महाराष्ट्र) को अधिनियम की धारा 5(ख) के अंतर्गत यथापारिभाषित "बैंकिंग व्यवसाय" करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है जिसमें जमाराशियां स्वीकार करना और उन्हें वापस लौटाना भी शामिल है।

इस संबंध में किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्रीमती सुचित्रा मौर्या, उप महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, शहरी बैंक विभाग, मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, मुंबई से संपर्क कर सकते हैं। उनसे संपर्क का विवरण नीचे दिया गया है:

डाक पता: शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, दूसरी मंज़िल, गारमेंट हाउस, वरली, मुंबई-400018. टेलीफोन सं. : (022) 24932609; फैक्स सं. :(022) 24935495; ई-मेल.

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2012-2013/1973

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