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रिज़र्व बैंक ने श्री भद्रन मर्कन्टाइल को-ओपरेटिव बैंक लि., भद्रन (गुजरात) का लाइसेंस रद्द किया

9 अप्रैल 2012

रिज़र्व बैंक ने श्री भद्रन मर्कन्टाइल को-ओपरेटिव बैंक लि., भद्रन (गुजरात) का लाइसेंस रद्द किया

इस तथ्‍य को ध्‍यान में रखते हुए कि श्री भद्रन मर्कन्टाइल को-ओपरेटिव बैंक लि., भद्रन (गुजरात) के अर्थक्षम नहीं रह जाने और गुजरात सरकार के परामर्श से बैंक को पुनर्जीवन करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 30 मार्च 2011 को बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का 21 मार्च 2012 का अपना आदेश ज़ारी किया। सहकारी समितियों के निबंधक, गुजरात राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता, सामान्य नियम और शर्तो के अधीन निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से 1,00,000 (एक लाख रुपये मात्र) रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने 11 दिसंबर 1986 को बैंक को बैंकिंग कारोबार करने के लिए लाईसेंस प्रदान किया था। बैंक की अनिश्चित वित्तीय स्थिति को देखते हुए, अधिमान भुगतान रोकने और जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 36 (1) के तहत 31 अक्तूबर 2006 को कारोबार समाप्ति से बैंक को परिचालनगत निर्देशाधीन रखा गया और जमाकर्ताओं पर 1000/ प्रति जमाकर्ता आहरण की सीमा लगायी गयी थी। अधिनियम की धारा 35 के अंतर्गत 31 मार्च 2010 की वित्तीय स्थिति के अनुसार किए गए सांविधिक निरीक्षण से बैंक की नाजुक वित्तीय स्थिति तथा अन्य उल्लंघनों का पता चला। बैंक की मूल्यांकित निवल संपत्ति 10.72 लाख थी और सीआरएआर 29.6% था। सकल एनपीए सकल अग्रिम के 81.3% था। बैंक की मूल्यांकित निवल हानि 263.73 लाख थी। 31 मार्च 2011 की वित्तीय स्थिति के लिए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35 के अंतर्गत किए गए सांविधिक निरीक्षण से यह पता चला कि मूल्यांकित निवल संपत्ति (-) 272.67 लाख थी, सीआरएआर (-) 413.5% था, सकल एनपीए सकल अग्रिम के 78.2% था तथा जमाराशि की 55.0% हानी हुई थी। 31 मार्च 2011 की स्थिति के अनुसार बैंक की वित्तीय स्थिति अनिश्चित हो जाने तथा उसमें और अधिक ह्रास होने के कारण अधिनियम की धारा 35 क(1) के अंतर्गत, 26 अगस्त 2011 को कारोबार समाप्ति के बाद, बैंक को निदेशाधीन रखा गया था, जिसे समीक्षा के अधीन 26 फरवरी 2012 को कारोबार समाप्ति से छह महिनों के लिए बढाया गया था।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 22 के अंतर्गत बैंक को 22 दिसंबर 2011 के पत्र के माध्यम से कारण बताओ नोटिस ज़ारी किया। कारण बताओ नोटिस पर बैंक ने 16 जनवरी 2012 के अपने उत्तर में अनियमितताएं/ टिप्पणियों को स्वीकार किया तथा कारण बताओ सूचना में दी गयी कमियों पर कोई मत व्यक्त नहीं किया। बैंक ने पुनरुज्जीवन/नवीनीकरण की कोई जीवनक्षम योजना प्रस्तुत नहीं की या किसी अन्य मज़बूत शहरी सहकारी बैंक के साथ विलय का प्रस्ताव नहीं दिया। विलयन के प्रस्ताव के अभाव में तथा बैंक की अनिश्चित वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए बैंक के पुनरुज्जीवन की कोई आशा नहीं थी तथा बैंक को जारी रखने से जमाराशि का और अधिक ह्रास ही होगा जो जनहित में नहीं है।

उपर्युक्त तथ्यों से यह स्पष्ट है कि

  • अधिनियम की धारा 11(1), 22(3)(ए) तथा 22(3)(बी) के प्रावधानों का बैंक अनुपालन नहीं कर रहा था।

  • बैंक अपने विद्यमान तथा भावी जमाकर्ताओं को भुगतान करने में असमर्थ था।

  • बैंक का कारोबार जमाकर्ताओं के हित के विपरित किया जा रहा था।

  • बैंक की वित्तीय स्थिति के कारण पुनरुज्जीवन की संभावना नहीं थी।

  • सभी संभावनाओं में यदि बैंक को कारोबार करने की अनुमति दी जाती तो इसका जनहित पर विपरित प्रभाव होगा।

अत: भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेन्स रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से श्री भद्रन मर्कन्टाइल को-ओपरेटिव बैंक लि., भद्रन (गुजरात) के जमाकर्ताओं को डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के अंतर्गत निक्षेप बीमा योजना की शर्तों के अधीन जमाराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी।

लाइसेन्स रद्द किये जाने के परिणामस्वरूप श्री भद्रन मर्कन्टाइल को-ओपरेटिव बैंक लि., भद्रन (गुजरात) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत जमाराशियाँ स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्रीमती एम.के.शुभश्री, सहायक महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग,अहमदाबाद क्षेत्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक, अहमदाबाद से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है:

डाक पता : शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, ला गज्जर चेंबर्स, आश्रम रोड, अहमदाबाद-380009, टेलीफोन नंबर:(079) 2658 9338 फैक्स नंबर : (079)2658 4853; ई-मेल

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/1607

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