RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

पृष्ठ
भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79741789

रिज़र्व बैंक ने सोलापूर नागरी औद्योगिक सहकारी बैंक नियमित., सोलापूर (महाराष्ट्र)  का लाइसेंस रद्द किया

11 नवंबर 2011

रिज़र्व बैंक ने सोलापूर नागरी औद्योगिक सहकारी बैंक नियमित., सोलापूर (महाराष्ट्र)
 का लाइसेंस रद्द किया

इस तथ्‍य को ध्‍यान में रखते हुए सोलापूर नागरी औद्योगिक सहकारी बैंक नियमित., सोलापूर (महाराष्ट्र) के अर्थक्षम नहीं रह जाने और महाराष्ट्र सरकार के परामर्श से  बैंक को  पुनर्जीवन  करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 05 नवंबर, 2011 को कारोबार की समाप्ति के बाद बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश ज़ारी किया। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता, निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से 1,00,000 (एक लाख रुपये मात्र) की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 19 अक्तूबर 1979 को बैंक को बैंकिंग कारोबार करने के लिए लाईसेंस प्रदान किया था। बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949(सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35 के अंतर्गत 31 मार्च 2005 की वित्तीय स्थिति के अनुसार की गई सांविधिक निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक का मूल्यांकित निवल संपत्ति नकारात्मक है और बैंक की जमा 3% तक घटे हैं। आगे 31 मार्च, 2006, 31 मार्च 2007, 31 मार्च 2008, 31 मार्च 2009 और 31 मार्च 2010 के अनुसार वित्तीय स्थिति पर किए गए निरीक्षण से यह पता चला है कि बैंक की वित्तीय स्थिति और बिगड़ गई थी। 31 मार्च 2005 के अनुसार बैंक की वित्तीय स्थिति में गिरावट को देखते हुए बैंक को 27 जून, 2006 को पर्यवेक्षी अनुदेश ज़ारी किए गए और संबंधित निरीक्षण रिपोर्टों में पाए गए तथ्यों के आधार पर समय-समय पर पर्यवेक्षी अनुदेशों को संशोधित किया।

बैंक द्वारा 27 जून, 2006 के पत्र के माध्यम से ज़ारी परिचालनात्मक विनिर्देशों के उल्लंघन  तथा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के रखरखाव के संबंध में 17 दिसंबर, 2009 को ज़ारी परिपत्र में शामिल भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों के उल्लंघन करने के कारण इस संबंध में कारण बताओ नोटिस ज़ारी करने के बाद बैंक पर 5.00 लाख का मौद्रिक जुर्माना लगाया गया।

बैंक अपनी नकदी का प्रबंधन करने में असफल रहा तथा जमा से भारी मात्रा में आकस्मिक आहरण होने और नकदी के संकट के कारण अधिनियम की धारा 35(क) के अंतर्गत 06 जनवरी 2011 के निर्देश सं शबैंवि.केंका.बीएसडी1.सं डी.28/12.22.278/2010-11 के द्वारा बैंक को 07 जनवरी, 2011 को कार्य समाप्ति से 6 महीनों के लिए सभी समावेशी निदेशों के अधीन रखा गया। 21 जून, 2011 के आदेश सं शबैंवि.केंका.बीएसडी1.सं डी.45/12.22.278/2010-11 के माध्यम से निदेश को संशोधित करते हुए उक्त की अवधि आगे 6 महीने तक बढाई गई।

अधिनियम की धारा 35 के अंतर्गत 31 मार्च 2011 के अनुसार बैंक के सांविधिक निरीक्षण से वित्तीय स्थिति अत्यधिक खराब होने तथा अन्य उल्लंघनों के बारे में प्रकटन हुआ । बैंक की निवल संपत्ति को (-) 1979..04 लाख तथा सीआरएआर (-) 49.4% को आँका गया। इस बीच जमा 30.1% तक घट गया। सकल और शुद्ध अग्रिमों के 33.4% और 22.3% के रूप में सकल एवं निवल एनपीए गठित हुआ। 31 मार्च 2011 को समाप्त वर्ष हेतु बैंक द्वारा रिपोर्ट किया हुआ 1177.71 लाख के निवल हानि की तुलना में बैंक का निवल हानि 1380.38 लाख रहा।

उपर्युक्त गंभीर अनियमितताओं से पता चला है कि बैंक का कारोबार जमाकर्ताओं के हित के विपरीत चल रहा है। बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 11(1), 18, 22(3) "क" और "ख" तथा 24 का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। उपर्युक्त गंभीर अनियमितताओं को तथा बैंक की खराब वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को 12 अगस्त, 2011 के पत्र के माध्यम से कारण बताओ नोटिस ज़ारी किया था जिसमें यह कहा गया था कि उन्हें बैंकिंग कारोबार करने के लिए 19 अक्तूबर, 1979 को जारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए। बैंक ने कारण बताओ नोटिस का जवाब 06 सितंबर, 2011 के पत्र के माध्यम से दिया। कारण बताओ नोटिस पर बैंक द्वारा दिए गए उत्तर की जांच की गयी लेकिन संतोषजनक नहीं पाया गया। इसके आगे बैंक ने पुनरुज्जीवन/नवीनीकरण की कोई जीवनक्षम योजना प्रस्तुत नहीं की तथा किसी अन्य शहरी सहकारी बैंक के साथ विलयन का भी कोई प्रस्ताव नहीं दिया।

अत: भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेन्स रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से सोलापूर नागरी औद्योगिक सहकारी बैंक नियमित., सोलापूर (महाराष्ट्र) के जमाकर्ताओं को डीआईसीजीसी अधिनियम के अंतर्गत निक्षेप बीमा योजना की शर्तों के अधीन जमाराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी।

लाइसेन्स रद्द किये जाने के अनुसरण में सोलापूर नागरी औद्योगिक सहकारी बैंक नियमित., सोलापूर (महाराष्ट्र) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत जमाराशियाँ स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्रीमती के. एस. ज्योत्सना, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है:

डाक पता : शहरी बैंक विभाग, मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक, दूसरी मंजि़ल, गारमेंट हाउस, डॉ. ए. बी. रोड, वरली, मुंबई -400 018. टेलीफोन नंबर : (022) 2492 0225 फैक्स नंबर : (022) 2493 5495; ई-मेल

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/731

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!