रिज़र्व बैंक ने दि सेंचुरी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत, गुजरात का लाइसेन्स र िकिया - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक ने दि सेंचुरी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत, गुजरात का लाइसेन्स र िकिया
11 जून 2005
रिज़र्व बैंक ने दि सेंचुरी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत, गुजरात का लाइसेन्स र िकिया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 7 जून 2005 को दि सेंचुरी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत, गुजरात को मंजूर किया गया लाइसेन्स र िकर दिया। उक्त बैंक ने ऋण शोधन बंद कर दिया था। बैंक का लाइसेन्स र िकरने वाला आदेश बैंक को 10 जून 2005 को सुबह 10.00 बजे जारी किया गया। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, गुजरात से दि सेंचुरी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत, गुजरात के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने की मांग की गयी है। इस बात का विशिष्टता से ध्यान रखना होगा कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम के अंतर्गत कवर किया जाता है और वह 1,00,000 रुपये की उच्चतम मौद्रिक सीमा तक उसकी जमाराशियों की चुकौती का हकदार है।
इससे पहले भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 31 मार्च 2003 तक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किये गये बैंक के निरीक्षण में यह बात सामने आयी कि बैंक ने बड़ी राशियों के अस्थायी ओवरड्राफ्ट और अरक्षित अग्रिम स्वीवफ्त किये थे जो उसके कुल अग्रिमों के 40.4 प्रतिशत होते हैं। बैंक को तदनुसार स्थिति को नियमित करने और 30 सितंबर 2003 तक की स्थिति दर्शाने वाली रिपोर्ट रिज़र्व बैंक को प्रेषित करने के लिए सूचित किया गया। अलबत्ता, बैंक ने कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। उसके बाद भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक की लेखा-बहियों की संवीक्षा की गयी, जिससे यह बात स्पष्ट हुई कि बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों का उल्लंघन करते हुए चालू खातों से ओवरड्राफ्टों के रूप में बड़े पैमाने पर अरक्षित अग्रिमों की अनुमति दी थी। दिनांक 31 अगस्त 2004 को बैंंक अपनी समाशोधन देयता पूरी करने में नाकामयाब रहा और उसकी जमाराशियों पर रोक लगाकर उसे सूरत समाशोधन गफ्ह से निलंबित किया गया। बैंक की चलनिधि स्थिति बिगड़ गयी और उसे 10 सितंबर 2004 को कारोबार की समाप्ति से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35क के अंतर्गत निदेशों के अधीन रखा गया, जिनके तहत अन्य बातों के साथ-साथ उसे जमाराशियों को स्वीकारने और उसकी चुकौती पर प्रतिबंध लगाये गये।
उसके बाद दिनांक 30 सितंबर 2004 तक की बैंक की स्थिति के संदर्भ में किये गये निरीक्षण में उसकी वित्तीय स्थिति और बिगड़ने की बात सामने आयी। यह पाया गया कि उसके वित्तीय मानदंडों की बड़ी हानि हुई है। उच्च अनर्जक आस्तियों के कारण उसकी निवल संपत्ति और सीआरएआर ऋणात्मक (निगेटिव) हो गयी है और उसकी जमाराशियों का महत्त्वपूर्ण भाग नष्ट हो गया है बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक के अनेक दिशानिर्देशों/निदेशों का भी उल्लंघन किया है। अत: बैंक को 4 फरवरी 2005 को एक नोटिस जारी किया गया, जिसके द्वारा उसे यह कारण बताने के लिए कहा गया कि बैंकिंग कारोबार करने के लिए उसे मंजूर किया गया लाइसेन्स र िक्यों न किया जाए। नोटिस पर बैंक द्वारा दिये गये उत्तर की जांच की गयी परंतु उसे संतोषजनक नहीं पाया गया। अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में बैंक को जारी लाइसेन्स र िकरने का अंतिम उपाय अपनाया।
लाइसेन्स र िकरने के साथ दि सेंचुरी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत को उक्त अधिनियम की धारा 5(ख) में निर्धारित किये अनुसार बैंकिंग कारोबार करने से प्रतिबंधित किये जाने के साथ-साथ जमाराशियों की स्वीवफ्ति और चुकौती करने के लिए भी प्रतिबंधित किया गया है। गुजरात सरकार द्वारा समापन क्रियाविधियां प्रारंभ किये जाने के बाद दि सेंचुरी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत, गुजरात के जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम अधिनियम के अनुसार बीमावफ्त राशि की चुकौती की प्रक्रिया शुरू होगी।
किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, अहमदाबाद से संपर्क कर सकते हैं जिनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है:
डाक पता |
शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, ला गज्जर चेंबर्स, आश्रम रोड, पोस्ट बॉक्स सं.1, अहमदाबाद-380 009 |
टेलीफोन नंबर |
(079) 2658 - 2360, 3650, 4039, 6019, 7324-25, 7614 और 26589338 |
फैक्स नंबर |
(079) 26584853 |
ई-मेल पता |
पी. वी. सदानंदन
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प्रेस प्रकाशनी : 2004-2005/1304