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रिजर्व बैंक द्वारा  लाइसेंस रद्द करना- दि गोलाघाट अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, गोलाघाट (असम)

23 दिसंबर 2010

रिजर्व बैंक द्वारा  लाइसेंस रद्द करना-
दि गोलाघाट अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, गोलाघाट (असम)

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि दि गोलाघाट अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, गोलाघाट (असम) अर्थक्षम नहीं रह गया है और इसे पुनर्जीवित करने के सभी प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होने वाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 16 दिसंबर 2010 को कारोबार की समाप्ति के बाद बैंक के लाईसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया। निबंधक, सहकारी समितियां, असम से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। यह उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से रुपये 1,00,000/- (एक लाख रुपये मात्र) की उच्चतम मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है।

दि खोखाट अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, गोलाघाट, असम (इसके बाद बैंक कहे जाएंगे) को  21 मई, 1997 को को-ओपरेटिव सोसाईटी के रूप में पंजीकृत किया गया था। बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) (आगे इसे अधिनियम कहा जाएगा) की धारा 22 के तहद बैंकिंग कारोबार करने के लिए 17 अक्तूबर, 1997 को भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को लाईसेंस प्रदान किया था। 31 मार्च 2008 के अनुसार बैंक की वित्तीय स्थिति पर किए गए साविधिक निरीक्षण से कुछ गंभीर कमियों का प्रकटन हुआ था।

आगे 31 मार्च 2009 की स्थिति के अनुसार की गई सांविधिक निरीक्षण से पता चला कि बैंक स्थिति और खराब तथा अनिश्चित है।  अनिश्चित वित्तीय स्थिति और नकदी की कमी के कारण बैंक को 28 जनवरी 2010 को कारोबार की समाप्ति के बाद से लागू रूप में निदेशाधीन रखा गया तथा अन्य बातों के साथ प्रति जमाकर्ता 1000 रु तक के जमा खातों से आहरण पर प्रतिबंध लगाया गया।

08 जून 2010 के हमारे पत्र सं शबैंवि.केंका.बीएसडी 4/एससीएन.41/12.29.120/ 2010-11 के माध्यम से बैंक को यह सूचित किया था कि अधिनियम की धारा 22 के अधीन बैंकिंग कारोबार करने के लिए 17 अक्तूबर, 1997 को जारी लाईसेंस रद्द क्यों न किया जाय तथा बैंक का परिसमापन न किया जाय इसका कारण बताएं। बैंक ने 12 जुलाई 2010 के पत्र के माध्य से कारण बताओ नोटिस हेतु जवाब प्रस्तुत किया था। कारण बताओ नोटिस के जवाब की जॉंच के बाद उसे संतोषजनक नहीं पाया गया।

इन सभी तथ्यों के संबंध  में भारतीय रिज़र्व बैंक संतुष्ट था कि आगे बैंक को बैंकिंग व्यापार की अनुमति देना वर्तमान और भविष्य के जमाकर्ताओं के हित के लिए हानिकारक होगा। इसलिए बैंकिंग व्यापार करने हेतु लाइसेंस ज़ारी करने के आवेदन खारिज करने योग्य था। समान रूप से अधिनियम की धारा 22 के तहत भारत में बैंकिंग कारोबार करने के लिए दि गोलाघाट अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, गोलाघाट, असम को 17 अक्तूबर, 1997  को ज़ारी लाईसेंस  एतद्वारा रद्द किया जाथा है। इस आदेश से बैंक को यह अनिवार्य बनता है कि अधिनियम के अनुच्छेद 5(ख) के अर्थ के अनुसार "बैंकिंग कारोबार"को जमा और भुगतान की स्वीकृति समेत तत्काल प्रभाव से समाप्त करें। लाईसेंस के रद्दीकरण एवं परिसमापन प्रणाली के प्रारंभ होने से जमा बीमा योजना के नियमों और शर्तों के अनुसार दि गोलाघाट अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, गोलाघाट, असम के जमाकर्ताओं को भुगतान करने की प्रणाली प्रारंभ होती है।

लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप दि गोलाघाट अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, गोलाघाट, असम को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत यथा परिभाषित "बैंकिंग व्यवसाय" करने से प्रतिबंधित किया गया है जिसमें जमाराशियां स्वीकार करना और उन्हें वापस लौटाना भी शामिल है।

किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री आर भूकया, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक, Kolkata. गुवाहती से संपर्क कर सकते हैं उनका पता निम्न प्रकार है:

डाक पता: शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक, गुवाहती क्षेत्रीय कार्यालय, स्टेशन रोड, पान बज़ार, गुवाहती – 781001 टेलीफोन नंबर : (0361) 2635006, फैक्स: (0361) 2635006 ईमेल

आर.आर. सिन्‍हा
उप महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2010-2011/881

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