RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79901213

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा श्रीकाकुलम को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, श्रीकाकुलम – आंध्रप्रदेश का लाइसेंस रद्द किया गया

13 सितंबर 2013

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा श्रीकाकुलम को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड,
श्रीकाकुलम – आंध्रप्रदेश का लाइसेंस रद्द किया गया

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि दि श्रीकाकुलम को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, श्रीकाकुलम (आंध्र प्रदेश) अर्थक्षम नहीं रह गया है, इसे पुनर्ज्जिवित करने के सारे प्रयास असफल हो गए है और जमाकर्ताओं को सतत अनिश्चितता के कारण असुविधा हो रही थी, इसलिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने उक्‍त बैंक का लाइसेंस रद्द करने के लिए दिनांक 23 अगस्‍त 2013 के आदेश को बैंक को 27 अगस्‍त 2013 को दिया था। सहकारी समितियों के पंजीयक, आंध्रप्रदेश से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। यह उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से सामान्य शर्तों पर 1,00,000/- (एक लाख रुपये मात्र) की उच्चतम मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक को बैंकिंग कारोबार करने के लिए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 22 (सहकारी समितियों पर यथालागू) के अंतर्गत 21 नवंबर 1995 को लाइसेंस मंज़ूर किया गया था।

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) के अंतर्गत 31 मार्च 2006 की वित्‍तीय स्थिति के संदर्भ में किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण से यह पता चला कि महत्‍वपूर्ण वित्‍तीय मानदंड जैसे मूल्‍यांकित निवल मालियत, सीआरएआर, निवल लाभप्रदता आदि में गिरावट हुई है जिससे 0.53% का जमा-ह्रास हुआ है, 0.9% की विनियामक पूंजी की तुलना में सीआरआर का हिस्‍सा (-) 0.71% रहा और बैंक की निवल मालियत (-) 1.03 लाख रही। इसके अलावा, सकल और निवल अनर्जक आस्तियां सकल और निवल आग्रिमों के क्रमश: 19.8% और 12.8% पर रहीं।

तद्पश्चात 31 मार्च 2007 और 31 मार्च 2008 की वित्‍तीय स्थिति के अनुसार किए गए निरीक्षणों से पता चला कि बैंक के वित्‍तीय संकेतकों की खराब स्थिति बनी रही।

31 मार्च 2009 के संदर्भ में किए गए सांविधिक निरीक्षण से अन्‍य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि जमा ह्रास, निवल मालियत और सीआरएआर की स्थिति में मामूली सुधार आया, किंतु लाभप्रदता की दबावग्रस्‍त स्थिति बनी रही और बैंक को 18.66 लाख की मूल्‍यांकित हानि का सामना करना पड़ा। प्रस्‍तुत की गई कार्ययोजना के अनुसार बैंक ने पूंजी, निवल मालियत, सीआरएआर आदि के तहत लक्ष्‍य प्राप्‍त नहीं किया।

31 मार्च 2010 के संदर्भ में किए गए सांविधि‍क निरीक्षण से यह पता चला कि जमा ह्रास बढ़कर 8% पर पहुंच गया और बैंक को (-) 13.56 की हानि का सामना करना पड़ा और सीआरएआर (-) 19.5% पर रहा। निवल अग्रिमों में निवल अनर्जक आस्तियों का हिस्‍सा 7.5% रहा। बैंक द्वारा दी गई अनुपालन सूचना संतोषजनक नहीं पाया गया। प्रबंध निदेशक द्वारा की गई धोखाधडी के परिणामस्‍वरूप परिचालनगत अनुदेश में संशोधन करते हुए अन्‍य बातों के साथ-साथ मीयादी जमा राशियों के समय पूर्व आहरण पर प्रतिबंध लगाना पड़ा।

31 मार्च 2011 के संदर्भ में किए गए सांविधिक निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक की वित्‍तीय स्थिति और खराब होती गई। जमाह्रास बढ़कर 30.4 % पर पहुंच गया और निवल मालियत में (-) 72.94 लाख की कमी आई, सीआरएआर की स्थिति खराब होकर (-) 33.2% पहुंच गया और मूल्‍यांकित निवल हानि (-) 116.87 लाख थी। बैंक ने 21 दिनों के लिए सीआरआर रखने के संबंध में चूक की तथा केवाईसी मानदंडों और परिचालनगत अनुदेशों का उल्‍लंघन किया। बैंक की उपर्युक्‍त खराब वित्‍तीय स्थिति के कारण प्रति जमा खाते में 1000 आहरण सीमा के अतिरिक्‍त आहरण पर प्रतिबंध लगाते हुए बैंक को 8 मार्च 2012 को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 35ए के अंतर्गत सर्वसमा‍वेशी निदेश जारी किए गए। इन निदेशों की आवधिक रूप से समीक्षा की गई और इन्‍हें 08 सितंबर 2013 तक बढ़ा दिया गया।

31 मार्च 2012 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 (सहकारी समितियों में यथालागू) के अंतर्गत किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण से पता चला कि बैंक की वित्तीय स्थिति और खराब होती गई। वास्‍तविक और विनिमय योग्‍य बैंक की प्रदत्‍त पूंजी और रिज़र्व (-) 70.25 लाख पर ऋणात्‍मक रहे और 28.9% का जमा ह्रास हुआ था, सीआरएआर (-) 32.1% पर था, सकल व निवल अनर्जक आस्तियां क्रमश: 57.2% और 54.8% पर रहीं जबकि निवल हानि (-) 122.15 लाख रहीं। बैंक ने एसएलआर बनाए रखने में चूक किया है जो अधिनियम की धारा 24 का उल्‍लंघन है। बोर्ड ने समय पर प्रबंध निदेशक के विरूद्ध कार्रवाई नहीं की जिसने उक्‍त धोखाधड़ी की।

उपर्युक्‍त गंभीर अनियमितताओं के परिणामस्‍वरूप भारतीय रिज़र्व बैंक के 04 सितंबर 2012 के अनुरोध पर सहकारी समितियों के पंजीयक, आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा बैंक के बोर्ड का अधिक्रमण किया गया और 24 सितंबर 2012 से एक प्रशासक (विशेष अधि‍कारी) द्वारा कार्यभार ग्रहण किया। 19 दिसंबर 2012 को उक्‍त बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया। दिनांक 23 जनवरी 2013 को दिए गए कारण बताओ नोटिस का उत्‍तर संतोषजनक नहीं पाया गया। 31 मार्च 2013 की गैर लेखापरीक्षित वित्‍तीय स्थिति की संवीक्षा के अनुसार जमाराशि का 34.2 % ह्रास होकर खतरनाक स्थिति पाई गई, सीआरएआर घटकर (-) 52.4% और सकल अ‍नर्जक आस्तियां बढ़कर 78.6% पहुंच गई।

उपर्युक्‍त उल्लिखित तथ्‍यों और परिस्थितियों को देखते हुए यह पाया गया कि:

  1. बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 11(1), 18, 22(3) (ए), 22 (3) (बी), 24, 29 और 31 के प्रावधानों का अनुपालन नहीं कर रहा है;
  2. बैंक अपने जमाकर्ताओं द्वारा भुगतान हेतु दावा करने पर पूरी राशि उन्‍हें अदा करने की स्थिति में नहीं है;
  3. बैंक की गतिविधियां जमाकर्ताओं के हित में नहीं है;
  4. बैंक की वित्‍तीय स्थिति इतनी खराब है कि उसके पुनरज्‍जीवन के लिए कोई गुंजाइश नहीं रही;
  5. यदि इस बैंक को बैंकिंग कारोबार करने की अ‍नुमति दी जाए तो उससे जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

उपर्युक्‍त के मद्देनज़र, पूर्वोक्‍त अधिनियम की धारा 22 के अंतर्गत दि श्रीकाकुलम को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, श्रीकाकुलम (आंध्रप्रदेश), को भारत में बैंकिंग कारोबार करने के लिए प्रदत्‍त 21 नवंबर 1995 के लाइसेंस को रद्द कर दिया है। लाइसेंस रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से दि श्रीकाकुलम को-अॅपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, श्रीकाकुलम (आंध्रप्रदेश) के जमाकर्ताओं को डीआईसीजी अधिनियम 1961 के अनुसार निक्षेप बीमा योजना की शर्तों के अधीन भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी जिसे जमाराशि स्‍वीकार करना और उनका भुगतान करना शामिल है।

लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप दि श्रीकाकुलम को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, श्रीकाकुलम (आंध्रप्रदेश) को अधिनियम की धारा 5 (ख) के अंतर्गत यथापरिभाषित "बैंकिंग व्यवसाय" करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है जिसे जमाराशि स्‍वीकार करना और उनका भुगतान करना शामिल है।

जमाकर्ता किसी प्रकार के स्‍पष्‍टीकरण के लिए श्री रवींद्र भूक्‍या, महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, हैदराबाद से संपर्क कर सकते हैं। उनसे संपर्क करने का विवरण नीचे दिया गया है:

डाक पता: शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, सचिवालय मार्ग, सैफाबाद, हैदराबाद -500004; दूरभाष सं. (040) 23234920; फैक्‍स : (040) 23235891 ई-मेल.

सुचेता वाझकर
प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/553

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?