RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79875525

रिज़र्व बैंक ने वैशाली शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड (जयपुर) का लाइसेंस रद्द किया

19 जून 2013

रिज़र्व बैंक ने वैशाली शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड (जयपुर) का लाइसेंस रद्द किया

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि दि वैशाली शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड जयपुर, (राजस्थान) अर्थक्षम नहीं रह गया है, इसे पुनर्ज्‍जीवित करने के सभी प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होने वाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 12 जून 2013 को बैंक का लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया। पंजीयक, सहकारी समिति, राजस्थान से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। यह उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से सामान्य शर्तों पर   1,00,000/- (एक लाख रुपये मात्र) की उच्चतम मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार है।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक को बैंकिंग कारोबार करने के लिए 2 मार्च 1998 को बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 22 के अंतर्गत लाइसेंस मंज़ूर किया गया था।

बैंक की वित्तीय स्थिति के संबंध में 31 मार्च 2008 को अधिनियम की धारा 35 के अंतर्गत किए गए सांविधिक निरीक्षण में निदेशकों और उनके संबंधियों से संबंधित ऋणों और अग्रिमों/ओवरड्राफ्ट में बड़े स्तर पर अनियमितता की रिपोर्ट की थी। चूंकि इन अनियमितताओं में प्रबंधन की सहभागिता स्पष्ट थी, सहकारी समितियों के पंजीयक ने बोर्ड को अधिक्रमित किया और भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुरोध पर 27 फरवरी 2009 को एक प्रशासक नियुक्त किया।

31 मार्च 2009 को हुए बैंक के सांविधिक निरीक्षण में दर्शाया गया था कि बैंक की निवल संपत्ति पूरी तरह से घट गई, जमाराशियां घटकर कुल जमाराशियों के 28.51 प्रतिशत तक पहुंच गई थीं और कुल गैर निष्पादनीय आस्तियां 18.66 प्रतिशत थीं। इसके अतिरक्त, बैंक फर्जी खातों और भारतीय रिज़र्व बैंक के प्रति इसकी कम देयताओं के बयान सहित जालसाजी की नहीं कर सका।

तदनुसार, 12 जुलाई 2010 को कारोबार की समाप्ति से बैंक पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए (सहकारी समितियों पर यथा लागू) के अंतर्गत निदेश लागू किए गए जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ प्रत्‍येक जमा खाते से 1000 से अधिक निकालने पर प्रतिबंध लगाया गया।

बिगड़ती हुई वित्तीय स्थिति और उपर्युक्त अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए बैंक को     4 नवंबर 2011 को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया गया। कारण बताओ नोटिस पर बैंक के 12 दिसंबर 2011 के जवाब को संतोषजनक नहीं पाया गया।

31 मार्च 2010 और 2011 को किए गए सांविधिक निरीक्षणों ने भी कोई सुधार नहीं दर्शाया और बैंक उक्त अधिनियम की धारा 11 (1) और 22 (3) के प्रावधानों के उल्लंघन में कार्य करता रहा।

31 मार्च 2012 को किए गए सांविधिक निरीक्षण से पता चला कि बैंक अधिनियम की धारा 11 (1) और 22 (23) के प्रावधानों का पालन नहीं कर रहा था। इसका सीआरएआर 753.77 प्रतिशत पर नकारात्मक था, आकलित निवल संपत्ति (-) 689.84 लाख, संचित हानि 880.35 लाख थी और जमाराशि घटकर 42.14 प्रतिशत के ख़तरनाक स्तर पर पहुंच गई।

बैंक को जारी बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने के लिए दूसरा कारण बताओ नोटिस 14 दिसंबर 2012 को जारी किया गया था। बैंक ने अपने उत्तर में जमाराशियों के कम होने की बात स्वीकार की और जालसाजी के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज किए बिना पूंजी की व्यवस्था के प्रस्ताव को दुहराया।

उपर्युक्त तथ्यों और परिस्थितियों में यह देखा गया है किः

  1. बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 11(1), 18 और 24 के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है।

  2. बैंक अपने वर्तमान और भावी जमाकर्ताओं का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है और इसके कारण अधिनियम की धारा 22(3) (ए) का पालन नहीं करता है।

  3. बैंक का कारोबार जमाकर्ताओं के हित में नहीं हो रहा था और न हो रहा है जिसका अर्थ है कि अधिनियम की धारा 22(3) (बी) का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।

  4. बैंक की वित्तीय स्थिति से इसके पुनर्ज्‍जीवित होने की कोई गुंजाइश नहीं है।

  5. यदि बैंक को अपना कारोबार आगे जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो इससे जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

उपर्युक्त को ध्यान में  रखते हुए बैंक को बैंकिंग कारोबार करने के लिए प्रदान किया गया लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। तदनुसार, वैशाली शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड, जयपुर, राजस्थान को बैंकिंग कारोबार करने के लिए अधिनियम की धारा 22 के अंतर्गत 2 मार्च 1998 को प्रदान किए गए लाइसेंस को रद्द किया गया है। लाइसेंस के रद्द होने और समापन प्रक्रिया शुरू करने से वैशाली शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड, जयपुर, राजस्थान के जमाकर्ताओं का भुगतान करने की प्रक्रिया जमा बीमा योजना की शर्तों के अधीन शुरू हो जाएगी।

इसके लाइसेंस के रद्द होने के परिणामस्वरूप, दि वैशाली शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड, जयपुर, राजस्थान पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 5(बी) (शहरी सहकारी समितियों पर यथा लागू) में यथा परिभाषित बैंकिंग कारोबार करने पर रोक लगा दी गई है जिसमें जमाराशियों की स्वीकृती और भुगतान भी शामिल है।

किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री वी.आर. प्रवीण कुमार, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, जयपुर से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा नीचे दिया गया है।

डाक पता: शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, जयपुर क्षेत्रीय कार्यालय, रामगढ़ सर्कल, टांक रोड, पी.बी. नं.–12, जयपुर-302052, फोन नं. 0141 2560543, फैक्स नं. 0141 2569693, ईमेल.

सुचेता वाझकर
प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2012-2013/2132

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?