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रिज़र्व बैंक ने भारतीय निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए वर्तमान स्वामित्व दिशानिर्देशों और कॉर्पोरेट संरचना की समीक्षा करने के लिए एक आंतरिक कार्य समूह का गठन किया

12 जून 2020

रिज़र्व बैंक ने भारतीय निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए वर्तमान स्वामित्व दिशानिर्देशों और
कॉर्पोरेट संरचना की समीक्षा करने के लिए एक आंतरिक कार्य समूह का गठन किया

रिज़र्व बैंक ने भारतीय निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए स्वामित्व और कॉर्पोरेट संरचना पर वर्तमान दिशानिर्देशों की समीक्षा के लिए एक आंतरिक कार्य समूह (आईडब्ल्यूजी) का गठन किया है।

चूंकि व्यापक आर्थिक, वित्तीय बाजार और तकनीकी विकास बैंकिंग के भविष्य को निरंतर प्रभावित करते हैं और संपूर्ण बैंकिंग उद्योग के परिचालन में बदलाव लाते हैं, यह आवश्यक माना गया कि गतिशील बैंकिंग परिदृश्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विनियमों को संरेखित किया जाए। नए सहभागियों के प्रवेश के माध्यम से प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए इन विकासों का लाभ उठाने हेतु रिज़र्व बैंक ने पहले ही सार्वभौमिक बैंकों और छोटे वित्त बैंकों के मांग पर (ऑन-टैप) लाइसेंसिंग के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। भारतीय निजी क्षेत्र के बैंकों में स्वामित्व और नियंत्रण से संबंधित व्यापक नीति फरवरी 2005 में जारी रूपरेखा द्वारा निर्देशित है। हालांकि, निजी क्षेत्र के बैंकों के स्वामित्व और नियंत्रण को स्पष्ट रूप से अलग करने की और प्रमुख शेयरधारकों के ‘फिट और उचित' होने की आवश्यकता के व्यापक सिद्धांत अपरिवर्तित रहे हैं, विभिन्न बिंदुओं पर जारी किए गए पिछले लाइसेंसिंग दिशानिर्देशों के भाग के रूप में कुछ वर्षों में विशिष्ट रूपरेखाएं विकसित हुई हैं।

इसलिए इस मुद्दे पर असर डालनेवाली पिछले कई वर्षों की प्रमुख घटनाओं को ध्यान में रखते हुए निजी क्षेत्र के बैंकों में स्वामित्व, प्रशासन और कॉर्पोरेट संरचना पर वर्तमान दिशा-निर्देशों की व्यापक समीक्षा करना आवश्यक समझा गया। यह समीक्षा विभिन्न समयावधि में स्थापित बैंकों ,भले ही उनके कारोबार शुरू करने की तारीख कोई भी हो,उनपर लागू मानदंडों में सामंजस्य स्थापित करने का अवसर प्रदान करेगी।

तदनुसार, आंतरिक कार्य समूह स्वामित्व और नियंत्रण, प्रमोटरों के अधिकार, विलयन की आवश्यकता, नियंत्रण और मतदान के अधिकार आदि से संबंधित वर्तमान लाइसेंसिंग और विनियामक दिशानिर्देशों की जांच और समीक्षा करेगा। कार्य दल की संरचना इस प्रकार है:

  1. डॉ. प्रसन्न कुमार मोहंती, निदेशक, रिज़र्व बैंक केंद्रीय बोर्ड
  2. प्रो. सचिन चतुर्वेदी, निदेशक, रिज़र्व बैंक केंद्रीय बोर्ड
  3. श्रीमती लिली वडेरा, कार्यपालक निदेशक, रिज़र्व बैंक
  4. श्री एस. सी. मुर्मू, कार्यपालक निदेशक, रिज़र्व बैंक
  5. श्री श्रीमोहन यादव, मुख्य महाप्रबंधक, रिज़र्व बैंक - संयोजक

समिति के कार्यक्षेत्र निम्नानुसार हैं:

i. भारतीय निजी क्षेत्र के बैंकों में स्वामित्व और नियंत्रण से संबंधित वर्तमान लाइसेंसिंग दिशानिर्देशों और विनियमों की समीक्षा करना और अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं के साथ-साथ घरेलू आवश्यकताओं और स्वामित्व और नियंत्रण के अत्यधिक संकेंद्रण के मुद्दे, को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त मानदंड सुझाना;

ii. बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन करनेवाले व्यक्तियों / संस्थाओं के पात्रता मानदंड की जांच और समीक्षा करना और सभी संबंधित मुद्दों पर सिफारिश प्रस्तुत करना;

iii. गैर-सहकारी वित्तीय धारिता कंपनी (एनओएफएचसी) के माध्यम से वित्तीय सहायक कंपनियों की धारिता पर वर्तमान नियमों का अध्ययन करना और इस विषय पर सभी बैंकों को एक समान विनियमन पर लाकर एक संक्रमण पथ उपलब्ध कराते हुए परिवर्तन का मार्ग सुझाना;

iv. प्रारंभिक / लाइसेंसिंग चरण में प्रमोटर के शेयरधारिता के मानदंडों और तत्पश्चात विलयन की समयसीमा के साथ शेयरहोल्डिंग की जांच और समीक्षा करना; तथा

v. विषय वस्तु से संबंधित किसी भी अन्य मुद्दे की पहचान करना और उन पर टिप्पणी प्रस्तुत करना।

समिति अपनी रिपोर्ट 30 सितंबर 2020 तक प्रस्तुत करेगी।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/2493

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