भारतीय रिज़र्व बैंक (संशोधन) अधिनियम 2006 : आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) पर ब्याज से संबंधित प्रावधान - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक (संशोधन) अधिनियम 2006 : आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) पर ब्याज से संबंधित प्रावधान
23 फरवरी 2007
भारतीय रिज़र्व बैंक (संशोधन) अधिनियम 2006 :
आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) पर ब्याज से संबंधित प्रावधान
भारतीय रिज़र्व बैंक (संशोधन) अधिनियम, 2006 जून 2006 में अधिनियमित किया गया था। इस अधिनियम के परिणामस्वरूप रिज़र्व बैंक ने 22 जून 2006 की अपनी प्रेस प्रकाशनी और परिपत्रों के अनुसार निर्णय लिया कि (i) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा रखे गए आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) की दर और वर्तमान छूट पर यथास्थिति जारी रखी जाए; (ii) 3 प्रतिशत के सांविधिक न्यूनतम आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखने की अपेक्षा को हटाया जाए; और (iii) 24 जून 2006 को प्रारंभ होनेवाले पखवाड़े से अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा रखे गए पात्र आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) शेषों पर कोई ब्याज का भुगतान अब से नहीं किया जाए।
दिनांक 9 जनवरी 2007 के असाधारण गज़ट अधिसूचना संख्या एस.ओ.21(इ) ने 9 जनवरी 2007 को उस तारीख के रूप में अधिसूचित किया है जिस तारीख को धारा 3 को छोड़कर, भारतीय रिज़र्व बैंक (संशोधन) अधिनियम, 2006 के सभी प्रावधान लागू होंगे।
भारतीय रिज़र्व बैंक (संशोधन) अधिनियम, 2006 की धारा 3 निम्नलिखित को हटाने के लिए उपलब्ध कराया गया है:
- ड उप धारा 42(1ए) के संशोधन द्वारा आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) की उच्चतम और प्रारंभिक सीमा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा देश में मौद्रिक स्थिरता प्राप्त करने की आवश्यकता के संबंध में निर्धारित की जानी है; और
- ड उप धारा 42(1बी) के संशोधन द्वारा पात्र आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) शेषों पर ब्याज भुगतान के प्रावधान डअर्थात् सांविधिक न्यूनतम आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) के बीच की आरक्षित नकदी की राशि
चूंकि उपर्युक्त धारा 3 अब तक अधिसूचित नहीं की गई है, सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि :
(i) रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारण के लिए न्यूनतम आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) स्तर तथा अधिकतम आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) स्तर भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42(1) के वर्तमान प्रावधानों के अनुसार बैंकों की कुल माँग और मीयादी देयताओं के क्रमश: 3 प्रतिशत रखे गए हैं।
(ii) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की उप-धारा 42(5)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों के अधीन ऐसे बैंकों को जिन्होंने आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) के लिए माँग और मीयादी देयताओं के अभिकलन हेतु आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) छूट की गणना किए जाने के कारण 22 जून 2006 से 2 मार्च 2007 के दौरान 3 प्रतिशत के सांविधिक न्यूनतम आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) को बनाए नहीं रखा है, को दण्डात्मक ब्याज के भुगतान से छूट प्रदान की जाए; और
(iii) इस अंतराल के दौरान संगत समयावधियों में मौद्रिक नीति के रुझान और उपायों के अनुरूप पात्र आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) शेष पर निम्नलिखित तरीके से ब्याज का भुगतान किया जाए :
(क) 24 जून 2006 से 8 दिसंबर 2006 तक की अवधि के लिए 3.5 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान किया जाए;
(ख) 9 दिसंबर 2006 से 16 फरवरी 2007 अवधि के लिए 2.0 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान किया जाए;
(ग) 17 फरवरी 2007 से अगली सूचना तक 1.0 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान किया जाए।
जी. रघुराज
उप महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2006-2007/1154