ईसीबी नीति के लिए संशोधित रूपरेखा की घोषणा - आरबीआई - Reserve Bank of India
ईसीबी नीति के लिए संशोधित रूपरेखा की घोषणा
30 नवंबर 2015 ईसीबी नीति के लिए संशोधित रूपरेखा की घोषणा भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले 10 वर्षों में बाह्य वाणिज्यिक उधारों (ईसीबी) के प्रबंधन में प्राप्त अनुभव और समष्टि आर्थिक विकास पर विचार करते हुए, भारत सरकार के साथ विचार-विमर्श से मौजूदा बाह्य वाणिज्यिक उधार की रूपरेखा की समीक्षा की। तदनुसार, एक परिपत्र द्वारा संशोधित ईसीबी रूपरेखा आज जारी की गई। संशोधित रूपरेखा के महत्वपूर्ण सिद्धांत निम्ननुसार हैं:
विदेशों से निधि प्रवाह को आकर्षित करने के एक साधन के रूप में ईसीबी के लिए रूपरेखा,विकसित हो रही समग्र आर्थिक स्थिति के अनुरूप पूंजी खाता प्रबंधन नीति की जांच में भी एक प्रमुख साधन के रूप में बनी रहेगी। अनुभव और उभरती समष्टि आर्थिक स्थिति के आधार पर एक वर्ष के बाद दिशा निर्देशों की समीक्षा की जाएगी। संशोधित ईसीबी रूपरेखा में तीन ट्रैक शामिल होंगे :
भारतीय रिजर्व बैंक ने संशोधित ढांचे के लिए परिचालन दिशानिर्देश जारी किए हैं जो सरकारी राजपत्र में फेमा, 1999 के अंतर्गत निर्धारित संबंधित विनियमन के प्रकाशन की तारीख से प्रभावी हो जाएंगे। संशोधित ढांचे के प्रारंभ तक अनुबंधित की जा रही ईसीबी और 31 मार्च, 2016 तक समाप्त हो रही विशेष योजनाओं के लिए 31 मार्च 2016 तक संक्रमणकालीन अवधि की अनुमति दी गई है। यह स्मरण दिलाया जाता है कि सितंबर 2015 में प्रस्तावित ईसीबी रूपरेखा का मसौदा व्यापक विचार-विमर्श के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था। अल्पना किल्लावाला प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/1275 |