शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए संशोधित विनियामक ढांचा - आरबीआई - Reserve Bank of India
शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए संशोधित विनियामक ढांचा
19 जुलाई 2022 शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए संशोधित विनियामक ढांचा भारतीय रिज़र्व बैंक ने, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) में हाल ही में किए गए संशोधनों के तत्वावधान में शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के मुद्दों की जांच करने, मध्यावधि रोड मैप प्रदान करने, शहरी सहकारी बैंकों के त्वरित समाधान के उपाय संबंधी सुझाव देने और इस क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने हेतु उपयुक्त विनियामक / पर्यवेक्षी बदलावों की सिफारिश करने के लिए, 15 फरवरी 2021 को श्री एन. एस. विश्वनाथन, पूर्व उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्यक्षता में शहरी सहकारी बैंकों पर विशेषज्ञ समिति (समिति) का गठन किया था। विशेषज्ञ समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को 23 अगस्त 2021 को हितधारकों और आम जनता की टिप्पणियों के लिए आरबीआई की वेबसाइट पर रखा गया था। प्राप्त फीडबैक को ध्यान में रखते हुए समिति की सिफारिशों की जांच की गई, ताकि उन्हें क्रियान्वित किया जा सके। 2. समिति ने, अन्य बातों के साथ-साथ, बैंकों की जमाराशियों के आकार और उनके परिचालन क्षेत्र के आधार पर एक चार-स्तरीय विनियामक ढांचे की सिफारिश की। निवल मालियत, जोखिम-भारित आस्तियों की तुलना में पूंजी अनुपात (सीआरएआर), शाखा विस्तार और एक्सपोज़र सीमा जैसे प्रमुख मापदंडों के लिए मुख्य रूप से विभेदित विनियामक दृष्टिकोण की सिफारिश की गई थी। छत्र संगठन (यूओ) की सदस्यता को भी सिफारिशों का एक महत्वपूर्ण भाग माना गया है। 3. सिफारिशों की जांच करते समय, यूसीबी को सुविधाजनक निकटवर्ती बैंकों में बदलने की समिति की विजन और क्षेत्र की विविधता को विधिवत ध्यान में रखा गया है। इस क्षेत्र को और अधिक सुदृढ़ बनाने और इसकी व्यवस्थित संवृद्धि को समर्थन देने हेतु, पूंजीगत अपेक्षाओं पर उपयुक्त रूप से पुनर्विचार (रिकैलिब्रेट) किया गया है। इसके अलावा, इस क्षेत्र के गैर-विघटनकारी बदलाव के लिए एक उपयुक्त ग्लाइड पथ भी प्रदान किया गया है। मजबूत शहरी सहकारी बैंकों को अधिक परिचालनगत लचीलापन प्रदान करके भी इस क्षेत्र के सुदृढीकरण के उपायों को पूरक बनाया जा रहा है ताकि वे ऋण मध्यस्थता में अपनी वांछित भूमिका निभा सके। 4. स्वीकृत प्रमुख सिफ़ारिशें निम्नानुसार हैं:
5. सिफारिशों की एक सूची जो पूर्ण रूप से स्वीकार की गई हैं, आंशिक रूप से उपयुक्त संशोधनों के साथ स्वीकार की गई हैं और जिनकी आगे फिर से जांच की जानी है, अनुबंध में दी गई है। संशोधित अनुदेश, जहां आवश्यक हो, यथासमय अलग से जारी किए जाएंगे। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/561 1 टियर 1 - सभी यूनिट यूसीबी और वेतन पाने वाले यूसीबी (जमाराशि आकार पर विचार किए बिना), और अन्य सभी यूसीबी जिनके पास 100 करोड़ रुपये तक जमाराशियाँ हैं; टियर 2 - 100 करोड़ रुपये से अधिक और 1000 करोड़ रुपये तक की जमाराशि वाले यूसीबी; टियर 3 - 1000 करोड़ रुपये से अधिक और 10,000 करोड़ रुपये तक की जमाराशि वाले यूसीबी; टियर 4 - 10,000 करोड़ रुपये से अधिक जमाराशि वाले यूसीबी। |