गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी- एमएफआई के लिए स्व-विनियामक संगठन (एसआरओ) - आरबीआई - Reserve Bank of India
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी- एमएफआई के लिए स्व-विनियामक संगठन (एसआरओ)
26 नवंबर 2013 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-एमएफआई के लिए स्व-विनियामक संगठन (एसआरओ) सूक्ष्म वित्त क्षेत्र के मुद्दों और चिंताओं का जितना संबंध रिज़र्व बैंक द्वारा नियंत्रित संस्थाओं से है उन पर अध्ययन के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री वाई.एच. मालेगाम की अध्यक्षता में अपने केन्द्रीय निदेशक बोर्ड की एक उप-समिति नियुक्त की थी क्योंकि इसका संबंध । समिति का एक सुझाव उन विनियमों के प्रति है जो सूक्ष्म वित्त में लगी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा अनुपालन सुनिश्चित करने में व्यापक दायित्व ग्रहण करने वाले उद्योग संघों से संबंधित हैं। समिति द्वारा सिफारिश किए गए विनियमों की व्यापक रूपरेखा रिज़र्व बैंक द्वारा स्वीकार कर ली गई थी जिनमें इस क्षेत्र के लिए एक स्व-विनियामक संरचना शुरू करना शामिल था और 02 दिसंबर 2011 के निदेशों के तहत एनबीएफसी-एमएफआई सूक्ष्म वित्त के लिए विस्तृत विनियामक रूपरेखा शुरू की गई थी। निदेशों में यह भी कहा गया था कि सूक्ष्म वित्त क्षेत्र की समग्र निगरानी में उद्योग संघों की भूमिका पर अलग से दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-सूक्ष्म वित्त संस्थाओं की कार्यपद्धति की प्रभावी निगरानी, विनियमों और आचार संहिता का अनुपालन सुनिश्चित करने और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-सूक्ष्म वित्त संस्थाओं के ग्राहकों के अधिक हित में उद्योग संघों के निर्माण पर उप-समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए रिज़र्व बैंक ने उद्योग संघों को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-सूक्ष्म वित्त संस्थाओं के स्व-विनियामक संगठनों के रूप में मान्यता देने का निर्णय लिया है। उद्योग संघ/स्व-विनियामक संगठन में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-सूक्ष्म वित्त संस्थाओं की सदस्यता को व्यापार, उधारकर्ताओं और ऋणदाताओं द्वारा विश्वास के प्रतीक के रूप में देखा जाएगा और सदस्यता हटाने को इससे हटाई गई ऐसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-सूक्ष्म वित्त संस्थाओं की प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल प्रभाव के रूप में देखा जाएगा। जबकि एसआरओ की सदस्यता अनिवार्य नहीं है, फिर भी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-सूक्ष्म वित्त संस्थाओं को स्वेच्छिक रूप से कम से कम एक एसआरओ का सदस्य बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। रिज़र्व बैंक से मान्यता प्राप्त करने वाले एसआरओ को कार्यों और जिम्मेदारियों का पालन करना होगा जैसे बैंक द्वारा मान्यता प्राप्त आचार संहिता बनाना और उसको लागू करना, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-सूक्ष्म वित्त संस्थाओं के ग्राहकों के लिए शिकायत और विवाद समाधान व्यवस्था रखना, उधारकर्ता की सुरक्षा और शिक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-सूक्ष्म वित्त संस्थाओं द्वारा रिज़र्व बैंक द्वारा शुरू किए गए विनियामक ढांचे का निगरानी अनुपालन, सूक्ष्म वित्त क्षेत्र की निगरानी, सदस्यों के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम, स्वसहायता समूह आदि और वार्षिक रिपोर्ट सहित इसके वित्तीय विवरण रिज़र्व बैंक में प्रस्तुत करना। सूक्ष्म वित्त क्षेत्र और रिज़र्व बैंक के प्रति एसआरओ का न्यूनतम दायित्व अनुलग्नक I में दिया गया है। क्षेत्र की कार्यकुशलता में सुधार करने के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर इसमें संशोधन किया जाता है। एसआरओ के रूप में मान्यता प्राप्त करने वाली रूचिकर कंपनियों को रिज़र्व बैंक में आवेदन करने और अनुलग्नक I में दिए गए सभी विवरण प्रधान मुख्य महाप्रबंधक, गैर-बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, केन्द्रीय कार्यालय, विश्व व्यापार केन्द्र, कफ परेड, मुंबई-400 005 को प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। एसआरओ की मान्यता की सूचना बैंक द्वारा पत्र के माध्यम से दी जाएगी जिसमें विस्तृत शर्तें और मान्यता से जुड़ी अन्य बाध्यताएं दी होंगी। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/1066 |