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अप्रैल- सितंबर 2024 के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में परिवर्तन के स्रोत

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर दूसरी तिमाही, अर्थात्, जुलाई – सितंबर 2024-25  के भुगतान संतुलन (बीओपी) के आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों के आधार पर, अप्रैल- सितंबर 2024 के दौरान विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में परिवर्तन के स्रोत सारणी 1 में दिए गए हैं:   

सारणी 1: विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में परिवर्तन के स्रोत *

(बिलियन अमेरिकी डॉलर)

मदें

अप्रैल- सितंबर 2023

अप्रैल- सितंबर 2024

I.

 

चालू खाता शेष

-20.3

-21.4

II.

 

पूंजी लेखा (निवल राशि) (क से च तक)

47.2

45.3

 

क.

विदेशी निवेश (i+ii)

24.6

25.2

 

 

(i) प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई)

3.9

4.4

 

 

(ii) पोर्टफोलियो निवेश

20.7

20.8

 

 

   जिसमें से:

 

 

 

 

     विदेशी संस्थागत निवेश (एफआईआई)

21.4

20.7

 

 

     एडीआर/जीडीआर

0.0

0.0

 

ख.

बैंकिंग पूंजी

17.3

9.0

 

 

   जिसमें से : एनआरआई जमाराशियां

5.4

10.2

 

ग.

अल्‍पावधिक ऋण

0.4

6.3

 

घ.

बाह्य सहायता

2.2

3.5

 

ङ.

बाह्य वाणिज्यिक उधार

2.8

3.6

 

च.

पूंजी लेखा में शामिल अन्‍य मदें

-0.1

-2.3

III.

 

मूल्यन परिवर्तन

-17.7

35.5

 IV.

 

कुल (I+II+III) @
आरक्षित निधि  में वृद्धि (+) / आरक्षित निधि में कमी (-)

9.3

59.4

*:        बीओपी के पुराने फार्मेट पर आधारित हैं जो चालू खाते और पोर्टफोलियो निवेश के अंतर्गत एडीआर/जीडीआर के अंतरणों के संव्यवहार में नए फार्मेट (बीपीएम6) से भिन्न हो सकते हैं।     
@:      अंतर, यदि कोई हो, तो पूर्णांकन के कारण है। 
नोट: ‘:      पूंजी लेखा में अन्‍य मदें’ के अंतर्गत ‘भूल और चूक’ के अलावा एसडीआर आबंटन, निर्यात में घट-बढ़, विदेशों में रखी निधियां, एफडीआई के अंतर्गत प्राप्‍त ऐसे अग्रिम, जिसमें शेयर का निर्गम नहीं किया गया है तथा पूंजीगत प्राप्तियां, जिन्‍हें और कहीं शामिल नहीं किया गया है और रुपया मूल्‍यवर्गित ऋण शामिल हैं।  

 भुगतान संतुलन के आधार पर (अर्थात्, मूल्यन प्रभावों को छोड़कर) अप्रैल- सितंबर 2024 के दौरान विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में 23.8  बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई, जबकि अप्रैल- सितंबर 2023 के दौरान इसमें 27.0  बिलियन अमेरिकी डॉलर की अभिवृद्धि दर्ज की गई थी। अप्रैल- सितंबर 2024-25 के दौरान विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में सांकेतिक अर्थ में (मूल्यन प्रभावों सहित) 59.4   बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में 9.3  बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई थी (सारणी 2)।   

सारणी 2: आरक्षित निधियों में परिवर्तन की तुलनात्‍मक स्थिति

(बिलियन अमेरिकी डॉलर)

मदें

अप्रैल- सितंबर 2023

अप्रैल- सितंबर 2024

1

विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों  में घट-बढ़
(मूल्यन प्रभावों सहित)

9.3

59.4

2

मूल्यन प्रभाव
[अभिलाभ (+)/हानि (-)]

-17.7

35.5

3

बीओपी के आधार पर विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों  में परिवर्तन (अर्थात् मूल्यन प्रभावों को छोड़कर)

27.0

23.8

नोट : आरक्षित निधियों  में बढ़ोतरी (+)/आरक्षित निधियों में कमी (-)
अंतर, यदि कोई हो, तो पूर्णांकन के कारण है।

मूल्यन अभिलाभ, जो मुख्य रूप से प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मूल्यह्रास और  स्वर्ण मूल्य में वृद्धि को दर्शाता है, अप्रैल- सितंबर 2024 के दौरान 35.5  बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि अप्रैल- सितंबर 2023 के दौरान मूल्यन हानि 17.7  बिलियन अमेरिकी डॉलर रही।

(पुनीत पंचोली)  
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1798

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