24 मार्च 2015 भारतीय उद्योग में विदेशी सहयोग संबंधी सर्वेक्षण के आंकड़े जारी – 2012-2014 भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय उद्योग में विदेशी सहयोग संबंधी सर्वेक्षण के दसवें दौर के परिणामों से संबंधित आंकड़े जारी किए। इस सर्वेक्षण में वर्ष 2012-13 और 2013-14 को शामिल किया गया। इस सर्वेक्षण में संदर्भ अवधि के दौरान विदेशी कंपनियों से तकनीकी सहयोग लेने वाली भारतीय कंपनियों के परिचालन के विभिन्न पहलुओं पर अनुसूची के अनुसार व्यापक जानकारी दी गई है। इस सर्वेक्षण दौर में 866 भारतीय कंपनियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी, जिनमें से 303 कंपनियों ने 528 विदेशी तकनीकी सहयोग (एफटीसी) करारों की सूचना दी। इस सर्वेक्षण के परिणामों के प्रमुख अंश नीचे प्रस्तुत हैं : प्रमुख अंश:
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कवरेज: जिन 303 कंपनियों ने 2012-14 की अवधि के दौरान करारों की सूचना दी है, उनमें से 160 विदेशी सहायक कंपनियों (एकल विदेशी निवेशक जिनकी कुल इक्विटी में 50 प्रतिशत से अधिक धारिता है), 94 विदेशी सहयोगी कंपनियों (विदेशी निवेशकों की धारिता कुल इक्विटी के 10 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक है), 9 कंपनियों ने पूर्ण तकनीकी सहयोग प्राप्त किया और शेष 40 कंपनियों की इक्विटी सहभागिता 10 प्रतिशत से कम थी और/अथवा केवल बाह्य निवेश था (सारणी 1)।
करारों का उद्योग-वार वितरण: कुल विदेशी तकनीकी सहयोग के करारोंमें विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी में काफी बढ़ोतरी हुई, वहीं सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी में दसवें दौर में गिरावट आई। इस सर्वेक्षण के नौवें दौर के स्तर की तुलना में इस दौर में निर्माण क्षेत्र और कृषि संबंधित कार्यकलापों की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी दर्ज हुई (सारणी 2)।
करारों का देश-वार वितरण: प्रौद्योगिकी अंतरण के स्रोत के मामले में जापान, संयुक्त राज्य अमेरीका (यूएसए) और जर्मनी शीर्ष स्थान पर रहे, जिनकी इस सर्वेक्षण अवधि के दौरान प्रतिक्रिया देने वाली कंपनियों के कुल एफटीसी करारों में लगभग 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी रही (सारणी 3)।
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अंतरित आस्तियों का प्रकार: कंपनियों द्वारा सूचित किए गए एफटीसी करारों में “अंतरण जानकारी” की हिस्सेदारी इस सर्वेक्षण के नौवें दौर के 45.8 प्रतिशत के स्तर में वृद्धि दर्ज करते हुए मौजूदा दौर में 66.9 प्रतिशत पर पहुंच गई (सारणी 4)।
भुगतान पद्धति: इस सर्वेक्षण अवधि में करारों की हिस्सेदारी, जिसमें (क) रॉयल्टी और एकमुश्त तकनीकी शुल्क, (ख) केवल रॉयल्टी और (ग) केवल एकमुश्त तकनीकी शुल्क शामिल था, क्रमशः 30.5 प्रतिशत 48.1 प्रतिशत, और 21.4 प्रतिशत रही (सारणी 5)।
निर्यात प्रतिबंध खंड: निर्यात प्रतिबंध खंडों वाले एफटीसी करारों के अनुपात में विनिर्माण क्षेत्र में पिछले सर्वेक्षण दौर की तुलना में मामूली वृद्धि दर्ज हुई। देश-वार करारों के विश्लेषण से पता चलता है कि जहां तक निर्यात प्रतिबंध खंडों वाले करारों की हिस्सेदारी का प्रश्न है, संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए), युनाइटेड किंग्डम, इटली और स्विटज़रलैंड के साथ किए गए करारों की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी हुई है तथा जापान, जर्मनी, कोरिया और फ्रांस के साथ किए गए करारों की हिस्सेदारी में कमी आई (सारणी 6 और सारणी 7)।
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अनन्य अधिकारों का प्रावधान: यदि एफटीसी करार में भारतीय कंपनी के लिए अनन्य अधिकारों का कोई प्रावधान हो तो विदेशी सहयोगकर्ता ऐसी आस्तियां भारत में परिचालनरत अन्य पार्टियों को अंतरित नहीं कर सकते। जहां तक कुल करारों में से अंतरित आस्तियों संबंधी अनन्य अधिकार वाले करारों के अनुपात का प्रश्न है, विनिर्माण क्षेत्र और सेवा क्षेत्र के अनुपात में पिछले सर्वेक्षण दौर की तुलना में काफी वृद्धि हुई (सारणी 8)।
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उत्पादन मूल्य: एफटीसी की सूचना देने वाली कंपनियों का कुल उत्पादन मूल्य वर्ष 2012-13 के ₹ 1826.7 बिलियन स्तर से बढ़कर वर्ष 2013-14 में ₹ 1954.2 बिलियन पर पहुंच गया। कुल उत्पादन में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी में काफी सुधार हुआ जबकि सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी में पिछले सर्वेक्षण दौर की तुलना में कमी आई (सारणी 9 और सारणी 10)।
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लाभप्रदता: एफटीसी की सूचना देने वाली कंपनियों की नियोजित पूंजी की तुलना में सकल लाभ के अनुपात द्वारा परिकलित औसत लाभप्रदता वर्ष 2010-12 के 10.0 प्रतिशत के स्तर से बढ़कर वर्ष 2012-14 में 14.8 प्रतिशत हो गई (सारणी 11)।
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आयात और निर्यात: एफटीसी की सूचना देने वाली कंपनियों का कुल निर्यात वर्ष 2012-13 के ₹ 182.8 बिलियन के स्तर से बढ़कर वर्ष 2013-14 में ₹ 203.7 बिलियन पर पहुंच गया, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र का सर्वाधिक हिस्सा रहा। एफटीसी की सूचना देने वाली कंपनियों का आयात 2012-13 के ₹ 452.5 बिलियन के स्तर में मामूली बढ़ोतरी दर्ज करते हुए 2013-14 में ₹ 476.8 बिलियन हो गया, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र की एफटीसी कंपनियों की सर्वाधिक हिस्सेदारी थी (सारणी 12 और सारणी 13)।
वर्ष 2010-12 से संबंधित भारतीय उद्योग में विदेशी सहयोग संबंधी सर्वेक्षण के नौवें दौर संबंधी आंकड़े 01 अप्रैल 2014 को भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर जारी किए गए थे। संगीता दास निदेशक प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/2009 |