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भारी मूल्य लेन-देन के लिए भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप का उपयोग

18 फरवरी 2008

भारी मूल्य लेन-देन के लिए भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप का उपयोग

भुगतान प्रणालियों की अभिरक्षा, सुरक्षा सुनिश्चित करने के महत्व को पहचानते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक ने भुगतान के तीन इलेक्ट्रॉनिक स्वरूपों तथा; तत्काल सकल भुगतान (आरटीजीएस) प्रणाली, राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनइएफटी) प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा (इसीएस) को लागू किया है। इन स्वरूपों में भुगतान पिछले कुछ वर्षों के दौरान तेजी से बढ़ता रहा है। कागज आधारित प्रणाली से इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों की ओर जाने से संबंधित विभिन्न मामलों की जाँच के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा गठित एक आंतरिक कार्यदल ने इस स्वरूप में जाने के लिए प्रोत्साहन, निगरानी और अधिदेश के चरणबध्द दृष्टिकोण की अनुशंसा की है। रिज़र्व बैंक प्रोत्साहन और निगरानी के इस दृष्टिकोण का उपयोग कर रहा है जिसके परिणामस्वरूप 9773 केंद्रों में स्थित प्रायः 40000 बैंक शाखाओं को तत्काल सकल भुगतान प्रणाली और राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण प्रणाली में शामिल किया गया है।

रिज़र्व बैंक द्वारा संचालित एक अध्ययन से यह पता चलता है कि तीन महीने की एक अवधि के दौरान चार महानगरों के समाशोधन गृहों में 1 करोड़ और उससे अधिक मूल्य के लगभग 2,100 चेक संसाधित किए गए हैं। यह प्रस्तावित है कि 1 अप्रैल 2008 से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं यथाः बैंकों, प्राथमिक व्यापारियों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के साथ-साथ भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित बाज़ारों तथा; मुद्रा बाज़ार, सरकारी प्रतिभूति बाज़ार और विदेशी मुद्रा बाज़ार के बीच 1 करोड़ रूपये यथा उससे अधिक के लेन-देन के सभी भुगतानों को केवल इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप द्वारा किए जाने को अधिदेशित किया जाए। इस कार्य से न केवल कागज़ आधारित भारी मूल्य के खुदरा भुगतानों से सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में जाने से जोखिमों में कमी हो सकती है बल्कि भुगतान प्रणालियों में अत्यधिक दक्षता और ग्राहक सुविधा भी मिल सकती है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने तदनुसार एक दृष्टिकोण पेपर तैयार किया है और आज उसे अपनी वेबसाइट पर डाला है तथा वह आम जनता के अभिमत के लिए 3 मार्च 2008 तक खुला है। अभिमत पर इ-मेल से भेजे जा सकते हैं अथवा 022-22659566 पर फैक्स किए जा सकते हैं अथवा मुख्य महाप्रबंधक (डीपीएसएस), भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, मुंबई - 400001 को संबोधित पत्र के माध्यम से भेजे जा सकते हैं।

अजीत प्रसाद
प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2007-2008/1094

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