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मुकदमा दायर किये गये खातों की सूची तथा चूककर्ताओं की सूची पर सूचना एकत्रित करने और वितरित करने पर ऋण सूचना ब्यूरो की भूमिका की जांच करने के लिए कार्य-दल

मुकदमा दायर किये गये खातों की सूची तथा चूककर्ताओं की सूची पर सूचना एकत्रित करने और वितरित करने पर ऋण सूचना ब्यूरो की भूमिका की जांच करने के लिए कार्य-दल

19 दिसंबर 2001

भारतीय रिज़र्व बैंक ने ऋण सूचना ब्यूरो द्वारा ऋण सूचना पर आंकड़ों को एकत्रित करने तथा उनका वितरण करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए एक कार्य-दल गठित किया है। श्री एस. आर. अय्यर, अध्यक्ष, ऋण सूचना ब्यूरो इस कार्य-दल की अध्यक्षता करेंगे। कार्य-दल के अन्य सदस्य इस प्रकार हैं :

  1. श्रीमती उषा थोरात, प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, आंतरिक ऋण प्रबंध कक्ष, भारतीय रिज़र्व बैंक
  2. श्री के. सी. बंध्योपाध्याय, प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, वित्तीय संस्था प्रभाग, बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक
  3. श्री के. आर. गणपति, प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक
  4. श्री बीरेन्द्र कुमार, उप प्रबंध निदेशक एवं मुख्य ऋण अधिकारी, भारतीय स्टेट बैंक
  5. श्री एम. जी. बाक्रे, मुख्य महाप्रबंधक, ऋण वसूली विभाग, भारतीय औद्योगिक विकास बैंक
  6. डॉ. राजीव उबेरॉय, क्षेत्रीय प्रमुख - अनुपालन, स्टैंडड़ चार्टड़ ग्रिंडलेज़ बैंक लि.
  7. श्री टी. आर. माधवन, महाप्रबंधक (ऋण), बैंक ऑफ इंडिया
  8. श्री बी. बी. तिवारी, संयुक्त विधि अधिकारी, विधि विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक
  9. श्री कैज़द भरूचा, वाइस प्रेसिडेंट (क्रेडिट एण्ड मार्केट रिसर्च), एचडीएफसी बैंक लिमिटेड
  10. श्री के. उन्नीकृष्णन, कार्यपालक - बैंकिंग परिचालन, भारतीय बैंक संघ

श्री सी. आर. मुरलीधरन, मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक कार्य-दल के सदस्य-सचिव होंगे।

कार्य-दल को सौंपे गये कार्य इस प्रकार हैं :

  1. इस बात की संभावनाओं का पता लगाना कि ऋण सूचना ब्यूरो, मुकदमा दायर किये गये खातों की सूची तथा चूककर्ताओं की सूची, जिनमें जानबूझ कर चूक करनेवाले भी शामिल हैं, पर सूचना एकत्रित करने और वितरित करने की भूमिका अदा कर सके। फिलहाल यह कार्य रिज़र्व बैंक कर रहा है।
  2. सूचना एकत्रित करने तथा वितरित करने से जुड़े अन्य पहलुओं, जैसे, सीमा, आवधिकता, तथा भविष्य में सदस्यों को इस तरह की सूचना ऑन-लाइन उपलब्ध कराने की संभावना सहित व्याप्ति की जांच करना।
  3. एक ‘पड़ताल बिंदु’ (क्वेरी मोड) तैयार करने की संभावनाओं की जांच करना, ताकि सदस्यों से विशिष्ट अनुरोध प्राप्त होने पर अपेक्षित तथा उचित समझी जानेवाली कोई भी अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध करायी जा सके। इसके अंतर्गत, जहां तक विधिक रूप से अनुमत हो, चूककर्ता कंपनियों के निदेशकों से संबंधित ब्यौरे भी शामिल होंगे।
  4. बैंकरों द्वारा दिये गये सुझावों की पड़ताल करना कि राज्य सरकारों के चूककर्ताओं के संबंध में सूचना व्यापक रूप से परिचालित और प्रकाशित की जाये, तथा
  5. विषय से जुड़ा अन्य कोई मामला।

आपको याद होगा कि वर्ष 2001-2002 के लिए मौद्रिक तथा ऋण नीति की मध्यावधि समीक्षा में की गयी घोषणा (पैरा 66) में भारतीय रिज़र्व बैंक ने यह उल्लेख किया था कि यह केंद्रीय सूचना ब्यूरो, भारतीय बैंक संघ, चुनिंदा बेंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्रतिनिधियों को लेते हुए एक दल गठित करेगा जो ऋण सूचना ब्यूरो द्वारा ऋण सूचना पर आंकड़ों को एकत्रित करने तथा वितरित करने की प्रक्रिया को शुरू करेगा।

अल्पना किल्लावाला
महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2001-2002/704

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