आपदाग्रस्त किसानों की सहायता के लिए उपाय सुझाने हेतु कार्य दल - आरबीआई - Reserve Bank of India
आपदाग्रस्त किसानों की सहायता के लिए उपाय सुझाने हेतु कार्य दल
24 जुलाई 2007
आपदाग्रस्त किसानों की सहायता के लिए उपाय सुझाने हेतु कार्य दल
सांस्थिक वित्तीय क्षेत्र से कृषि/ग्रामीण क्षेत्र को बाधामुक्त ऋण उपलब्ध कराने को सुविधा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार, भारतीय रिज़र्व बैंक और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा किए गए नीति उपायों के होते हुए भी भारतीय कृषि कठिन दौर से गुजर रही है और भारतीय किसान अत्यधिक कष्ट का अनुभव कर रहे हैं। देश के विभिन्न भागों में किसानों द्वारा आत्महत्या में वृद्धि दृर्भाग्यपूर्ण स्थिति की सुस्पष्ट अभिव्यक्ति है। इन मामलों के समाधान के लिए रिज़र्व बैंक ने वर्ष 2006-2007 के वार्षिक नीति वक्तव्य के पैराग्राफ 152 में घोषणा की थी कि आपदाग्रस्त किसानों की सहायता के लिए वित्तीय परामर्शी सेवाओं के प्रावधान तथा ऐसे किसानों के लिए निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम अधिनियम के अंतर्गत एक विशेष ऋण गारंटी योजना लागू किए जाने सहित उपाय सुझाए जाने हेतु एक कार्यदल का गठन किया जाएगा। तदनुसार, रिज़र्व बैंक ने श्री एस.एस.जोल, उपाध्यक्ष, पंजाब राज्य आयोजना बोर्ड, चंडीगढ़ की अध्यक्षता में एक कार्यदल का गठन किया।
इस कार्यदल ने बैठकों, बैंकरों के साथ इंटरफेस, अन्य विशेष आमंत्रितों, संकेंद्रित सामूहिक चर्चाओं और किसानों द्वारा सामना की जानेवाली समस्याओं के अध्ययन हेतु उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, केरल, आंध्र प्रदेश और पंजाब के कुछ जिलों के क्षेत्र संबंधी दौरों के संयोजन में विभिन्न ॉााटंतों से उपलब्ध आंकड़ों का उपयोग किया है। शुरूआत करते हुए इस समूह ने "आपदा" की परिभाषा प्रस्तुत की है तथा किसानों द्वारा सामना की जानेवाली आपदा के प्रणालीगत अथवा प्रकृति-वैशिष्ट्य स्वभाव के आधार पर इस समूह ने विस्तृत अनुशंसाएं/ उपाय सुझाए हैं जिन पर केंद्र और राज्य सरकारों, बीमा कंपनियों, बैंकों और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है। विभिन्न अनुशंसाओं में ऋण संबंधी और ऋणेतर दोनों मामले शामिल हैं। इस समूह ने आपदाग्रस्त किसानों के लिए निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम द्वारा लागू की जानेवाली एक ऋणा गारंटी योजना भी प्रस्तावित की है।
जी. रघुराज
उप महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2007-2008/115