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फिनटेक क्षेत्र में स्व-विनियामक संगठन(नों) के लिए रूपरेखा

विषय – सूची
अध्याय I – प्रारंभिक
अध्याय II - फिनटेक एसआरओ – विशेषताएं और संचालन
अध्याय III – फिनटेक एसआरओ – पात्रता और सदस्यता
अध्याय IV – फिनटेक एसआरओ – कार्य और जिम्मेदारियाँ
अध्याय V – फिनटेक एसआरओ – शासन और प्रबंधन

अध्याय I – प्रारंभिक

परिचय

तकनीकी नवोन्मेष वित्तीय सेवाओं के परिदृश्य को नया आकार दे रहे हैं, जिसमें फिनटेक संस्थाएं विघटनकारी और सुविधाकर्ता दोनों रूप में उभर रही हैं। फिनटेक संस्थानें निर्माण, आकार, गतिविधियों, डोमेन आदि के संदर्भ में विविध रूप में शामिल हैं, जो सभी निरंतर परिवर्तन और विकास के अधीन हैं। फिनटेक संस्थाएं समय की बचत कर के, पहुँच को बढ़ाकर और लागत को कम करके वित्तीय सेवाओं को फिर से परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस ढांचे के तहत एसआरओ-एफटी की सदस्यता के उद्देश्य से, फिनटेक को ऐसी संस्थाओं के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो व्यवसायों और उपभोक्ताओं को वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की डिलीवरी के लिए तकनीकी समाधान प्रदान करती हैं या पारंपरिक वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी में विनियामक और पर्यवेक्षी अनुपालन को शामिल करती हैं या अन्यथा। इस परिभाषा को सदस्यता पात्रता पर निर्णय लेने के लिए एक व्यापक मार्गदर्शन के रूप में माना जा सकता है।

2. जहां एक ओर फिनटेक संस्थाएं कई तरह के नवोन्मेष प्रस्तुत करते हैं, वहीं दूसरी ओर फिनटेक क्षेत्र ग्राहक सुरक्षा, डेटा गोपनीयता, साइबर सुरक्षा, शिकायत निवारण, आंतरिक प्रशासन, वित्तीय प्रणाली अखंडता आदि से संबंधित चिंताएँ भी उठाता है। अतः, इस गतिशील क्षेत्र के विनियमन के दृष्टिकोण को संतुलित, सूक्ष्म और उचित रूप से पूर्वानुमानित होना चाहिए। ऐसे संदर्भ में, फिनटेक के लिए रूपरेखा को भी कल्पनाशील, अनुकूल, लचीला और कथित जोखिमों के अनुपात में  होने की आवश्यकता है। विशेष रूप से, फिनटेक की रचनात्मक क्षमता को अधिकतम करने और वित्तीय प्रणाली के लिए उनके द्वारा उत्पन्न होने वाले विशिष्ट जोखिमों को कम करने के बीच एक विवेकपूर्ण संतुलन वांछनीय है। यह निरीक्षण रूपरेखा गतिविधि-आधारित, जोखिम-आधारित, पैमाने-आधारित और चरणबद्ध भी होनी चाहिए।

3. स्व-विनियमन , फिनटेक क्षेत्र के भीतर इस नाजुक संतुलन को हासिल करने का एक तरीका हो सकता है। स्व-शासन की संस्कृति की ओर अग्रसर होते हुए, फिनटेक संस्थाएं सक्रिय रूप से उद्योग मानकों और सर्वोत्तम प्रथाओं को निर्धारित कर सकती हैं और उनका पालन कर सकती हैं। यह दृष्टिकोण औपचारिक विनियमन की अनुपस्थिति में भी जिम्मेदार आचरण और नवोन्मेष के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने के लिए क्षेत्र को सशक्त बना सकता है। सहयोग के माध्यम से, यह क्षेत्र सामूहिक रूप से चुनौतियों की पहचान कर सकता है और उनका समाधान कर सकता है, साथ ही एक ऐसे माहौल का निर्माण कर सकता है जहाँ नवोन्मेष का विकास होता है, और नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं के लिए साझा प्रतिबद्धता का मार्गदर्शन कर सकता है। स्व-विनियमन द्वारा तेजी से तकनीकी प्रगति और विकसित बाजार गतिशीलता के अनुकूल होने का लाभ भी प्राप्त किया जा सकता है। संक्षेप में, स्व-विनियमन का मार्ग फिनटेक क्षेत्र को स्वयं द्वारा लगाए गए मानकों के साथ विकास को संरेखित करने, सहकर्मियों की मांगों के प्रति उत्तरदायी होने और अनुकरणीय आचरण मानदंडों द्वारा निर्देशित होने में सक्षम बना सकता है। उचित रूप से डिज़ाइन किया गया, स्व-विनियमन आत्म-अनुशासन की शुरुआत कर सकता है, आंतरिक शासन के उच्च स्तर को आत्मसात कर सकता है और फिनटेक क्षेत्र के संगठित और व्यवस्थित विकास के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा दे सकता है।

4. स्व-विनियमन के लिए संस्थाओं के बीच आम सहमति और सहयोग पर आधारित एक सुपरिभाषित संरचना की आवश्यकता होती है। यह दस्तावेज़ फिनटेक क्षेत्र के लिए स्व-विनियामक संगठन (एसआरओ) के रूप में ऐसी रूपरेखा प्रस्तुत करता है। एसआरओ अनिवार्य रूप से एक उद्योग-नेतृत्व वाली इकाई है जो विनियामक मानकों को स्थापित करने और लागू करने, नैतिक आचरण को बढ़ावा देने, बाजार की अखंडता सुनिश्चित करने, विवादों को सुलझाने और अपने सदस्यों के बीच पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार है।  इस ढांचे में फिनटेक क्षेत्र (एसआरओ-एफटी) के लिए एसआरओ की विशेषताएं शामिल हैं, और इसमें अन्य बातों के साथ-साथ व्यापक कार्य, शासन मानक, पात्रता मानदंड और एसआरओ-एफटी के रूप में मान्यता प्रदान करने की अपेक्षाएं शामिल हैं।

अध्याय II - फिनटेक एसआरओ – विशेषताएं और संचालन

5. एसआरओ-एफटी को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की निगरानी में विश्वसनीयता और जिम्मेदारी के साथ निष्पक्ष रूप से काम करना चाहिए। इसे फिनटेक क्षेत्र के स्वस्थ और सतत विकास की दिशा में प्रयास करना चाहिए और यदि आवश्यक हो, तो चरणबद्ध विनियामक और/या पर्यवेक्षी अनुपालन के लिए एक मार्ग की पहचान करनी चाहिए। एसआरओ-एफटी में, अन्य बातों के साथ-साथ, निम्नलिखित विशेषताएं होनी चाहिए:

(i) फिनटेक क्षेत्र का सच्चा प्रतिनिधित्व: एसआरओ-एफटी को, यह सुनिश्चित करते हुए कि वह फिनटेक क्षेत्र का सही मायने में प्रतिनिधि है, जिसमें बैंकों को छोड़ कर  वो फिनटेक शामिल हैं जो वर्तमान में आरबीआई द्वारा विनियमित हैं (उदाहरण के लिए, एनबीएफसी-अकाउंट एग्रीगेटर, एनबीएफसी-पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म, आदि), अपनी सदस्यता से अपनी ताकत प्राप्त करनी चाहिए । फिनटेक व्यवसायों की विविध प्रकृति का अर्थ है कि वे अक्सर विभिन्न डोमेन में काम कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ संस्थाएँ ऋण और बीमा दोनों उत्पादों को एकीकृत कर सकती हैं, जबकि रेगटेक प्रदाता ऋण और बीमा सहित कई वित्तीय संस्थानों के लिए समाधान विकसित करते हैं। विस्तृत सदस्यता समझौतों के माध्यम से, जो उद्योगकर्मियों के एक व्यापक दायरे को शामिल करते हैं, एसआरओ-एफटी को न केवल आधारभूत मानकों और आचार संहिता के नियमों को तैयार करने के लिए वैधता और विश्वसनीयता प्राप्त करनी चाहिए, बल्कि उन्हें प्रभावी ढंग से निगरानी और लागू करना चाहिए। इस प्रतिनिधि संरचना को समावेशिता को बढ़ावा देना चाहिए और एसआरओ-एफटी को अपने सदस्यों की सामूहिक विशेषज्ञता और अनुभव का लाभ उठाने में सक्षम बनाना चाहिए, जिसके परिणामस्वरूप ऐसे मानकों का विकास होगा जो फिनटेक समुदाय के भीतर व्यावहारिक, अनुकूल और व्यापक रूप से स्वीकृत हैं। इसलिए उद्योग जगत को एसआरओ-एफटी को मानकों को निर्धारित करने, आचरण के नियमों को परिभाषित करने और अपने सदस्यों द्वारा रूपरेखा को स्वैच्छिक रूप से अपनाने को सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख निकाय के रूप में देखना और स्वीकार करना आवश्यक है। क्षेत्र की गतिशीलता को देखते हुए, यह संभावना हो सकती है कि फिनटेक के पास एक से अधिक एसआरओ की सदस्यता हो । इसके अतिरिक्त, फिनटेक संस्थाओं को कम से कम एक एसआरओ में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

(ii) विकासोन्मुख: एसआरओ-एफटी को विकासोन्मुख होना होगा, तथा उद्योग के उद्भव और विकास  में सक्रिय रूप से योगदान देना होगा। इसमें अपने सदस्यों के लिए न्यूनतम पात्रता मानदंड निर्धारित करना, विशेष ज्ञान और विशेषज्ञता प्रदान करना, मार्गदर्शन प्रदान करना और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से क्षमता निर्माण में योगदान देना शामिल है। निरंतर सीखने और कौशल विकास को बढ़ावा देकर, एसआरओ-एफटी को अधिक मजबूत, सक्षम और परिपक्व फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान देना होगा। इसके अतिरिक्त, एसआरओ-एफटी की विशेषज्ञता कौशल अंतर को पाटने, प्रारंभिक चरण की संस्थाओं को आवश्यक सहायता, मार्गदर्शन प्रदान करने और उन्हें वित्तीय प्रौद्योगिकी और नियामक वातावरण की गतिशील प्रकृति से अवगत कराने के साथ-साथ दूरदर्शी नीतियों के निर्माण में सहायता करने में सहायक होनी चाहिए।

(iii) प्रभाव से स्वतंत्रता: विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए, एसआरओ-एफटी को किसी एक सदस्य या सदस्यों के समूह के प्रभाव से मुक्त रह कर स्वतंत्र रूप से कार्य करना चाहिए। इससे परिष्कृत निर्णय लेने की प्रक्रिया सुनिश्चित होगी और संगठन को कुछ प्रभावशाली लोगों के हितों से प्रभावित होने से रोका जा सकेगा। एसआरओ-एफटी को निष्पक्षता बनाए रखनी चाहिए, हितों के टकराव से बचना चाहिए और अपने सदस्यों पर निष्पक्ष निगरानी सुनिश्चित करनी चाहिए। एसआरओ-एफटी की स्वतंत्रता एक तटस्थ और विश्वसनीय इकाई के रूप में प्रतिष्ठा बढ़ाएगी, जो उद्योग प्रतिभागियों और नियामक दोनों का विश्वास और भरोसा हासिल करने के लिए आवश्यक है।

(iv) विवादों का वैध मध्यस्थ: सदस्यों को एसआरओ-एफटी को विवादों का वैध मध्यस्थ मानना ​​चाहिए। इसके लिए सदस्यों के बीच उत्पन्न होने वाले विवादों के लिए एक पारदर्शी और निष्पक्ष समाधान तंत्र की आवश्यकता होगी जो फिनटेक क्षेत्र में विश्वास पैदा करे। सदस्यों के संघर्षों और विवादों को कुशलतापूर्वक संभालकर, एसआरओ-एफटी को एक अधिक स्थिर और सामंजस्यपूर्ण फिनटेक वातावरण में योगदान देना चाहिए।

(v) सदस्यों को विनियामक अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करना: एसआरओ-एफटी को अपने सदस्यों को विनियामक प्राथमिकताओं के साथ संरेखित करने के लिए प्रेरित करने में सक्षम होना चाहिए। इसमें उद्योगकर्मियों और आरबीआई के बीच संचार को सुविधाजनक बनाना, आवश्यक परिवर्तनों की वकालत करना और अनुपालन की संस्कृति को बढ़ावा देना शामिल होना चाहिए। उसके सदस्यों द्वारा अपनाए जाने के लिए निर्धारित कोड/मानक/नियम, यदि कोई हो, फिनटेक के लिए सीधे निर्धारित विनियामक ढांचे का विकल्प नहीं होंगे। अनुपालन सुनिश्चित करने के अपने कर्तव्य के रूप में, एसआरओ-एफटी के पास कोड/मानकों/नियमों का पालन न करने के लिए अपने सदस्यों के खिलाफ जांच करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त अधिकार होने चाहिए। विनियामक संवाद में सक्रिय रूप से भाग लेकर, एसआरओ-एफटी को उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित करते हुए नवोन्मेष के लिए अनुकूल विनियामक वातावरण को आकार देने में सहायता करनी चाहिए।

(vi) सूचना का भण्डार: सूचना के भण्डार के रूप में, एसआरओ-एफटी को अपने सदस्यों की गतिविधियों से संबंधित प्रासंगिक डेटा एकत्र करके, उसका विश्लेषण और उसका प्रसार करना चाहिए। इस सूचना केन्द्र को उद्योग अनुसंधान, प्रवृत्ति विश्लेषण और नीति निर्माण के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में काम करना चाहिए। ज्ञान को समेकित और साझा करके, एसआरओ-एफटी को फिनटेक क्षेत्र के समग्र विकास और लचीलेपन में योगदान देना चाहिए। एसआरओ-एफटी को अपने सदस्यों के फिनटेक से संबंधित सभी ऐसी सूचनाओं को शामिल करने वाला एक भण्डार स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

अध्याय III – फिनटेक एसआरओ – पात्रता और सदस्यता

6. सामान्य आवश्यकताएँ

(i) आवेदक को कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत पंजीकृत एक गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में स्थापित करना होगा। एसआरओ की शेयरधारिता पर्याप्त रूप से विविधीकृत होनी चाहिए, और किसी भी इकाई के पास अकेले या सामूहिक रूप से इसकी चुकता शेयर पूंजी का 10% या उससे अधिक हिस्सा नहीं होना चाहिए।

(ii) संगठन के उद्देश्य और गतिविधियों के संबंध में पारदर्शिता और स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए, एसोसिएशन के ज्ञापन (एमओए) में एसआरओ-एफटी के रूप में संचालन को उसके प्राथमिक उद्देश्य के रूप में स्पष्ट रूप से उल्लिखित किया जाना चाहिए।

(iii) आवेदक के पास भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एसआरओ-एफटी के रूप में मान्यता प्राप्त होने के बाद एक वर्ष की अवधि के भीतर या एसआरओ-एफटी के रूप में परिचालन शुरू करने से पहले, जो भी पहले हो, दो करोड़ रुपये की न्यूनतम निवल संपत्ति होनी चाहिए।

(iv) एसआरओ-एफटी को एसआरओ-एफटी की जिम्मेदारी को प्रभावी ढंग से और लगातार पूरा करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे की स्थापना करने की क्षमता का प्रदर्शन करना चाहिए। उसमें एक मजबूत आईटी बुनियादी ढांचा और उचित समय सीमा के भीतर तकनीकी समाधान तैनात करने की क्षमता होनी चाहिए।

(v) एसआरओ-एफटी को ‘उपयोगकर्ता को नुकसान’ पहुंचाने वाले उन मामलों के प्रबंधन के लिए सिस्टम स्थापित करना चाहिए, जो उसके संज्ञान में आते हैं या आरबीआई या किसी अन्य हितधारक द्वारा उसे संदर्भित किए जाते हैं। उपयोगकर्ता को नुकसान पहुंचाने वाले मामलों में धोखाधड़ी, गलत बिक्री, अनुचित व्यवहार, अनधिकृत लेनदेन या वित्तीय सेवाओं के उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी अन्य प्रकार के कदाचार शामिल हो सकते हैं।

(vi) आरबीआई की पूर्व स्वीकृति के बिना एसआरओ-एफटी को विदेश में संस्थाएं/कार्यालय स्थापित नहीं करना है।

7. सदस्यता मानदंड

(i) आवेदक एसआरओ-एफटी को सभी प्रकार के आकार, चरण और गतिविधियों की संस्थाओं की सदस्यता के साथ फिनटेक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करना चाहिए।

(ii) यदि आवेदन के समय प्रतिनिधित्व अपर्याप्त है, तो उचित समय-सीमा के भीतर उसे प्राप्त करने के लिए एक रोडमैप शामिल किया जाना चाहिए। विस्तृत सदस्यता प्रदर्शित करने या प्राप्त करने में विफलता के परिणामस्वरूप मान्यता से इनकार या निरस्तीकरण किया जाएगा।

(iii) एसआरओ-एफटी की सदस्यता में ऐसे सदस्य शामिल होने चाहिए जो फिनटेक है तथा सदस्यता स्वैच्छिक होनी चाहिए।

(iv) एसआरओ-एफटी भारत में अधिवासित/पंजीकृत इकाई होनी चाहिए।

(v) एसआरओ-एफटी में भारत के बाहर अधिवासित फिनटेक को सदस्य के रूप में शामिल किया जा सकता है।

(vi) एसआरओ-एफटी द्वारा विकसित सदस्यता शुल्क संरचना उचित और गैर-भेदभावपूर्ण होनी चाहिए। हालांकि सदस्यता शुल्क सदस्य के आकार, उद्देश्य, क्षमता आदि के आधार पर भिन्न या विभेदित हो सकते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सदस्यता का स्वरूप गैर-भेदभावपूर्ण बना रहे, यानी सदस्यता शुल्क के बावजूद सभी फिनटेक को समान अधिकार और प्रतिनिधित्व प्राप्त हो।

(vii) एसआरओ-एफटी को सदस्यता समझौतों के माध्यम से अपने सदस्यों के लिए नियम, मानक, आचार संहिता आदि निर्धारित करने का अधिकार प्राप्त होना चाहिए।

(viii) फिनटेक संस्थाओं को आरबीआई द्वारा मान्यता प्राप्त एसआरओ-एफटी का सदस्य बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

8. निदेशक मंडल और प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिकों के लिए उपयुक्त और उचित मानदंड

(i) निदेशक मंडल (बीओडी) और प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक (केएमपी) के पास पेशेवर क्षमता एवं निष्पक्षता और अखंडता की प्रतिष्ठा होनी चाहिए।

(ii) एसआरओ-एफटी, निदेशक मंडल या केएमपी के खिलाफ किसी भी कानूनी कार्यवाही को आवेदन में घोषित किया जाना चाहिए और यह प्रदर्शित किया जाना चाहिए कि ऐसी कार्यवाही एसआरओ-एफटी के कामकाज में बाधा नहीं डालती है या उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान नहीं पहुंचाती है। इसके अतिरिक्त, आवेदक, निदेशक मंडल या किसी केएमपी के किसी भी सदस्य को अतीत में नैतिक पतन/आर्थिक अपराध सहित किसी भी अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया गया होना चाहिए।

(iii) एसआरओ-एफटी, निदेशक मंडल और केएमपी की उपयुक्त एवं उचित स्थिति पर आरबीआई के विचार अंतिम होंगे।

9. एसआरओ-एफटी के रूप में मान्यता प्रदान करते समय, यदि आवश्यक समझा जाए तो आरबीआई ऐसी अन्य शर्तें निर्धारित करेगा, जो यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक होंगी कि एसआरओ-एफटी का कामकाज सार्वजनिक हित के लिए हानिकारक न हो।

10. आवेदन आवश्यकताएँ

(i) फिनटेक के लिए कोई भी प्रतिनिधि संगठन एसआरओ-एफटी के रूप में मान्यता के लिए आवेदन कर सकता है। 'प्रतिनिधि' चरित्र को वास्तविक सदस्यता के माध्यम से आवेदन के समय पर प्रदर्शन योग्य होना चाहिए। अलग से, आवेदक द्वारा उन फिनटेक संस्थाओं को सूचीबद्ध करते हुए जिन्होंने भविष्य में सदस्य बनने के अपने इरादे को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया है, 'इच्छित' सदस्यता को भी इंगित किया जा सकता है।

(ii) एसआरओ-एफटी में सदस्यता मुख्य रूप से उन फिनटेक से होनी चाहिए जो वर्तमान में किसी भी वित्तीय क्षेत्र विनियामक द्वारा विनियमित नहीं हैं। सदस्यता विनियमित संस्थाओं (बैंकों के अलावा) के लिए भी खोली जा सकती है।

(iii) मान्यता प्राप्त एसआरओ-एफटी की संख्या पर विचार प्राप्त आवेदनों की संख्या और प्रकृति के आधार पर किया जाएगा।

(iv) एसआरओ-एफटी के रूप में मान्यता के लिए आवेदन के साथ निम्नलिखित संलग्न होना चाहिए -

  1. प्रस्तावित एसआरओ-एफटी के एमओए, एसोसिएशन के लेख आदि की एक प्रति;
  2. उसके बोर्ड के गठन का विवरण, उसके प्रबंधन की भूमिका/जिम्मेदारी, तथा जिस तरीके से उसका संचालन किया जाएगा; और
  3. यदि आवश्यक हो तो विस्तृत सदस्यता प्राप्त करने के लिए रोडमैप और समयसीमा।

(v) आवेदन के साथ विस्तृत औचित्य भी संलग्न होना चाहिए कि उसेअध्याय II में वर्णित एसआरओ-एफटी की विशेषताओं को किस प्रकार प्राप्त है या प्राप्त करने का इरादा रखता है।

(vi) आवेदन के साथ अध्याय IV में बताए गए कार्यों का विस्तृत विवरण संलग्न होना चाहिए कि वह किस प्रकार कार्य करता है या करने का प्रस्ताव करता है।

(vii) आवेदन बोर्ड के प्राधिकरण के तहत प्रस्तुत किया जाना चाहिए, और आरबीआई जैसे आवश्यक समझा जाए, एसआरओ-एफटी से कोई भी अतिरिक्त जानकारी / स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने की मांग कर सकता है।

(viii) अधूरे आवेदन या पात्रता मानदंड को पूरा न करने वाले आवेदन वापस कर दिए जाएंगे/अस्वीकार कर दिए जाएंगे। फिर भी, ऐसे किसी भी आवेदन को वापस करने/अस्वीकार करने से पहले, आरबीआई आवेदक को सुनवाई का अवसर प्रदान करेगा।

11. जहां आवेदक को उपयुक्त माना जाएगा, वहां रिज़र्व बैंक एसआरओ-एफटी को "मान्यता पत्र" जारी करेगा। दी गई मान्यता निम्नलिखित शर्तों के अधीन वैध होगी:

(i) एसआरओ-एफटी द्वारा दी गई जानकारी या विवरण सत्य हैं और किसी भी तरह से भ्रामक नहीं हैं।

(ii) इस रूपरेखा में निर्धारित आवश्यकताओं, जिसमें सदस्यता भी शामिल है, का निरंतर आधार पर पालन किया जाएगा।

(iii)  एसआरओ-एफटी अपनी मान्यता को नियंत्रित करने वाले नियमों और शर्तों का पालन सुनिश्चित करेगा।

(iv) यदि आरबीआई को लगता है कि एसआरओ-एफटी का कामकाज सार्वजनिक हित या किसी अन्य हितधारक के लिए हानिकारक है और/या एसआरओ-एफटी ऐसी गतिविधियां संचालित करता पाया जाता है जो एसआरओ-एफटी के उद्देश्यों के अनुरूप नहीं हैं, तो वह एसआरओ-एफटी को दी गई मान्यता रद्द कर देगा। इस निर्णय पर पहुंचने से पहले एसआरओ-एफटी को एक अवसर प्रदान किया जाएगा।

(v) एसआरओ-एफटी को संबंधित अधिनियमों, विनियमों के सभी प्रासंगिक प्रावधानों के साथ-साथ आरबीआई द्वारा जारी दिशा-निर्देशों, निर्देशों या परिपत्रों का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।

12. आरबीआई किसी भी एसआरओ-एफटी को मान्यता न देने का अधिकार सुरक्षित रखता है। इस संबंध में आरबीआई का निर्णय अंतिम होगा।

अध्याय IV – फिनटेक एसआरओ – कार्य और जिम्मेदारियाँ

13. कार्य

एसआरओ-एफटी को अपने सदस्यों के आचरण का मार्गदर्शन करना चाहिए, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे उद्योग मानकों का पालन करें, प्रासंगिक कानूनों और विनियमों का अनुपालन करें और उच्च नैतिक मानकों को बनाए रखें। इसमें उपभोक्ता संरक्षण, डेटा सुरक्षा, डेटा गोपनीयता आदि के लिए दिशानिर्देश स्थापित करना और लागू करना शामिल है। एसआरओ-एफटी को जिम्मेदार प्रयोग को प्रोत्साहित करने वाला ढांचा प्रदान करके जिम्मेदार नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। एसआरओ-एफटी को अपने सदस्यों के बीच उत्पन्न होने वाली किसी भी शिकायत, हितों के टकराव या विवाद को दूर करने और निष्पक्ष, न्यायसंगत और प्रतिस्पर्धी माहौल को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार होना चाहिए। इन जिम्मेदारियों के माध्यम से, एसआरओ-एफटी को नवाचार की आवश्यकता को संतुलित करते हुए व सत्यनिष्ठा बनाए रखते हुए फिनटेक क्षेत्र में विश्वास और स्थिरता के संरक्षक के रूप में कार्य करना चाहिए । विशेष रूप से, एसआरओ-एफटी को निम्नलिखित कार्य करने होंगे:

(i) मानक-निर्धारण

(क) एसआरओ-एफटी के पास नियम और मानक बनाने और स्थापित करने के लिए वस्तुनिष्ठ, सुपरिभाषित और परामर्शी प्रक्रियाएं होनी चाहिए।

(ख) एसआरओ-एफटी को अपने सदस्यों के लिए आचार संहिता तैयार करनी होंगी, जो उनके द्वारा की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों की प्रकृति के अनुसार अनुकूलित हो।

(ग) एसआरओ-एफटी को पारदर्शिता, प्रकटीकरण, डेटा गोपनीयता आदि के लिए उद्योग मानक और आधारभूत प्रौद्योगिकी मानक निर्धारित करने होंगे, जो उसके सदस्यों द्वारा लागू किए जा सकें ।

(घ) एसआरओ-एफटी को विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए, उदाहरण के लिए, ऋण सेवा प्रदाताओं और विनियमित संस्थाओं के बीच समझौता, फिनटेक क्षेत्र के लिए मानकीकृत दस्तावेज तैयार करने होंगे । समझौते मौजूदा वैधानिक और नियामक आवश्यकताओं के अनुरूप होने चाहिए। इसके अतिरिक्त, एसआरओ-एफटी को सदस्यों को इन मानकीकृत दस्तावेजों को आधार रेखा के रूप में उपयोग करने तथा उन्हें अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप ढालने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, तथा पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए विचलनों और उनके कारणों को दर्ज करना चाहिए।

(ड़) एसआरओ-एफटी को अपने सदस्यों के बीच अनुपालन संस्कृति में सुधार, व्यावसायिकता को बढ़ावा देने, स्वस्थ बाजार व्यवहार बनाने आदि के लिए फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र में मान्यता के लिए एक तंत्र स्थापित करना होगा। मान्यता तंत्र को आरबीआई की पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता होनी चाहिए। एसआरओ-एफटी के बोर्ड द्वारा मान्यता तंत्र के प्रदर्शन की समय-समय पर समीक्षा की जानी चाहिए।

(च) एसआरओ-एफटी को जिम्मेदार विज्ञापनों और बाजार मानकों के लिए आचार संहिता लागू करनी होगी।

(छ) एसआरओ-एफटी को फिनटेक क्षेत्र के लिए उपयुक्त आधारभूत शासन मानक विकसित करने होंगे।

(ज) एसआरओ-एफटी को अपने सदस्यों द्वारा सहमत नियमों के उल्लंघन और कदाचार के परिणामों को निर्दिष्ट करना और उन्हें लागू करना होगा।

(झ) एसआरओ-एफटी को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके द्वारा एकत्र और संग्रहीत डेटा विभिन्न वैधानिक कानूनों की आवश्यकताओं के अनुपालन में है।

(न) एसआरओ द्वारा विकसित मानक / सर्वोत्तम प्रथाएँ लागू वैधानिक / नियामक निर्देशों के अनुपालन में और उनके भीतर होने चाहिए।

(ii) निरीक्षण और प्रवर्तन

(क) फिनटेक को अपनी विभिन्न गतिविधियों की रिपोर्ट एसआरओ-एफटी को देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

(ख) एसआरओ-एफटी के पास अपने निरीक्षण और प्रवर्तन कार्यों का मार्गदर्शन करने के लिए एक संरचित ढांचा होना चाहिए। आधारभूत निगरानी मानकों और निरीक्षण ढांचे को विनियामक अपेक्षाओं को पूरा करना होगा।

(ग) एसआरओ-एफटी को अपवादों का पता लगाने और उन्हें उजागर करने के लिए फिनटेक क्षेत्र की प्रभावी निगरानी के लिए उपयुक्त निगरानी तंत्र तैनात करना होगा। उसमें उद्योग प्रतिभागियों की गतिविधियों का आकलन करने के लिए उपकरणों और तकनीकों का उपयोग शामिल होना चाहिए, जिससे अखंडता और अनुपालन बनाए रखने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण सुनिश्चित हो सके। हालांकि, एसआरओ-एफटी को डेटा संग्रह को निर्दिष्ट उद्देश्यों के लिए फिनटेक को बताई गई आवश्यक जानकारी तक सीमित रखते हुए निगरानी डेटा की सख्त गोपनीयता सुनिश्चित करनी होगी ।

(घ) एसआरओ-एफटी को सदस्य फिनटेक से डेटा संग्रह के लिए उन प्रक्रियाओं को लागू करना रहेगा जो इस रूपरेखा में उल्लिखित व्यापक कार्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करते हुए मालिकाना जानकारी की सुरक्षा करते हैं।

(ड़) एसआरओ-एफटी को आचरण के स्पष्ट मानक स्थापित करने होंगे और सहमत नियमों / संहिताओं के उल्लंघन के लिए परिणामों जैसे कि परामर्श, चेतावनी, फटकार और सदस्यों को निष्कासित करना को निर्दिष्ट करना होगा । यह ध्यान देने योग्य है कि यदि ऐसे परिणामों में मौद्रिक दंड शामिल है, तो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वे उचित हों और निषेधात्मक न हों।

(च) एसआरओ-एफटी को किसी भी फिनटेक इकाई को उसके द्वारा निर्दिष्ट अवधि के लिए या परिस्थितियों की आवश्यकता होने पर अनंत काल के लिए अपना सदस्य बनने से रोकने/हटाने का अधिकार होगा।

(iii) विकासात्मक

(क) एसआरओ-एफटी को वैधानिक और विनियामक आवश्यकताओं की समझ और अनुपालन की संस्कृति को सक्रिय रूप से बढ़ावा देना होगा। उसे अपने सदस्यों के लाभ के लिए विशेषज्ञता और अनुभव के आदान-प्रदान की सुविधाव  साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए।

(ख) एसआरओ-एफटी को अपने सदस्यों के बीच फिनटेक क्षेत्र में विकास, प्रवृत्तियों और सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पत्रिकाओं, बुलेटिनों, पैम्फलेट, पत्रिकाओं आदि जैसे विभिन्न चैनलों के माध्यम से क्षेत्र-विशिष्ट जानकारी का प्रसार करना होगा।

(ग) एसआरओ-एफटी को जिम्मेदार नवोन्मेष को प्रोत्साहित करने के लिए फिनटेक क्षेत्र के भीतर अनुसंधान और विकास की संस्कृति को प्रोत्साहित करना होगा। एसआरओ-एफटी को अध्ययन आयोजित करके, सर्वेक्षण आयोजित करके, शोध पत्र तैयार करके, थिंक टैंक चर्चाओं के माध्यम से यह सुविधा प्रदान करनी चाहिए।

(घ) एसआरओ-एफटी को विशेष रूप से सदस्यता से अज्ञेय क्षेत्र के भीतर छोटी संस्थाओं को मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान करना और वैधानिक और विनियामक नीतियों के साथ संरेखित सर्वोत्तम प्रथाओं को सार्वजनिक रूप से साझा करना होगा।

(iv) शिकायत निवारण और विवाद समाधान

(a) एसआरओ-एफटी को अपने सदस्यों के लिए शिकायत निवारण के साथ-साथ विवाद समाधान रूपरेखा भी स्थापित करना होगा। रूपरेखा/रूपरेखाएँ कुशल, निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए।

(b) एसआरओ-एफटी को उद्योग द्वारा पेश किए जाने वाले उत्पादों और सेवाओं पर केंद्रित ग्राहक शिक्षा की दिशा में काम करना होगा।

(c) एसआरओ-एफटी को ग्राहक सेवा मानकों व उनके पालन का आवधिक मूल्यांकन और शिकायत निवारण रूपरेखा की समीक्षा करना होगा।

14. रिजर्व बैंक के प्रति जिम्मेदारियाँ

एसआरओ-एफटी से अपेक्षित है कि वह वैधानिक और विनियामक ढाँचों के अनुपालन को सुनिश्चित करने, उद्योग मानकों और सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन करने और आरबीआई के साथ पारदर्शी संचार चैनल की सुविधा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। आरबीआई के प्रति इसकी जिम्मेदारियों में व्यापक रूप से क्षेत्र-विशिष्ट अंतर्दृष्टि को प्रसारित करना, विनियामक चिंताओं को संबोधित करना और फिनटेक क्षेत्र के समग्र विकास की दिशा में सहयोगात्मक रूप से काम करना शामिल होगा। एसआरओ-एफटी को एक मूल्यवान पुल के रूप में काम करना चाहिए, सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए और फिनटेक क्षेत्र की गतिशील प्रकृति के अनुरूप नीति प्रदान करनी चाहिए। विशेष रूप से, एसआरओ-एफटी को रिजर्व बैंक के प्रति निम्नलिखित जिम्मेदारियों का निर्वहन करनाहोगा:

एसआरओ-एफटी को रिजर्व बैंक के साथ जुड़ाव में अपने सदस्यों की सामूहिक आवाज़ के रूप में कार्य करना होगा। ऐसी व्यस्तताओं में, यह अपेक्षा की जाएगी कि एसआरओ-एफटी विशिष्ट सदस्यों के स्वार्थ से परे काम करे और फिनटेक क्षेत्र की बड़ी चिंताओं को संबोधित करे। साथ ही, उद्योग संघ के रूप में कार्य करते हुए, एसआरओ-एफटी से यह  अपेक्षित होगा कि वह अपने सभी सदस्यों के लिए न्यायसंगत और पारदर्शी व्यवहार सुनिश्चित करे।

(ii) एसआरओ-एफटी का दायित्व होगा कि वह नियमित रूप से क्षेत्र में विकास के बारे में रिजर्व बैंक को जानकारी दे तथा अपने सदस्यों द्वारा वैधानिक या विनियामक आवश्यकताओं या प्रणालीगत मुद्दों के संबंध में किसी बड़े उल्लंघन की सूचना रिजर्व बैंक को दे, ताकि रिजर्व बैंक समय पर कार्रवाई शुरू कर सके।

(iii) एसआरओ-एफटी को प्रासंगिक और अद्यतन क्षेत्रीय जानकारी एकत्र करनी होगी तथा नीति निर्माण में सहायता के लिए उसे रिजर्व बैंक के साथ साझा करना होगा। इस उद्देश्य के लिए, एसआरओ-एफटी को एक स्केलेबल प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करना चाहिए। इस प्रणाली से रिजर्व बैंक को फिनटेक संस्थाओं के विशिष्ट उत्पादों, सेवाओं तथा गतिविधियों के पैमाने के बारे में विवरण समझने में मदद मिलनी चाहिए। एसआरओ-एफटी को, जहां आवश्यक हो, रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित विनियामक ढांचे के भीतर नए उत्पादों की शुरूआत का समन्वय करना होगा।

(iv) एसआरओ-एफटी को फिनटेक के लिए वर्गीकरण को विकसित करने तथा अद्यतन करने में रिजर्व बैंक से परामर्श करना होगा।

(v) एसआरओ-एफटी को रिजर्व बैंक से सौंपे गए किसी भी कार्य को पूरा करना, संदर्भित प्रस्तावों या सुझावों की समीक्षा करनीतथा रिजर्व बैंक द्वारा निर्देशित अनुसार अनुरोधित डेटा/सूचना प्रदान करना होगा।

(vi) एसआरओ-एफटी को अपनी वार्षिक रिपोर्ट और/या अन्य जानकारी रिजर्व बैंक को प्रस्तुत करनी होगी। इसके अतिरिक्त, एसआरओ-एफटी को रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित आवधिक रिटर्न प्रस्तुत करना होगा।

(vii) एसआरओ-एफटी को रिजर्व बैंक के साथ आवधिक बातचीत के लिए आमंत्रित किया जाएगा और अपने विचार, इनपुट या सुझाव प्रदान करते समय फिनटेक क्षेत्र पर समग्र दृष्टिकोण अपनाने की अपेक्षा की जाएगी। (viii) रिजर्व बैंक एसआरओ-एफटी की पुस्तकों का निरीक्षण करने या किसी ऑडिट फर्म द्वारा पुस्तकों का ऑडिट कराने का अधिकार सुरक्षित रखता है। एसआरओ-एफटी को निरीक्षण/ऑडिट के संचालन के उद्देश्य से निरीक्षण दल को आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए बाध्य होगा। ऐसे निरीक्षण का खर्च एसआरओ-एफटी द्वारा वहन किया जाएगा।

(ix) एसआरओ-एफटी को रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट ऐसे अन्य कार्यों का निर्वहन और ऐसे अन्य निर्देशों का पालन करना होगा।

(x) एसआरओ-एफटी को फिनटेक क्षेत्र में संस्थाओं के विनियमन की सीमा, दायरे और तरीके पर आरबीआई को मार्गदर्शन/सुविधा प्रदान करनी होगी।

(xi) एसआरओ-एफटी को बाजार आसूचना इनपुट एकत्र करने में सुविधा प्रदान करनी होगी तथा आवश्यकतानुसार आवधिक अंतरालों पर और/या तत्काल अंतरालों पर उन्हें आरबीआई को भेजना होगा।

अध्याय V – फिनटेक एसआरओ – शासन और प्रबंधन

15. एसआरओ-एफटी की प्रभावशीलता के लिए शासन के उच्चतम मानकों का पालन करना आवश्यक है। एसआरओ-एफटी को पारदर्शिता, जवाबदेही, अखंडता, निष्पक्षता, जवाबदेही और सभी प्रासंगिक कानूनों और विनियमों के अनुपालन को बनाए रखना होगा। इसके अतिरिक्त, उसे हितों के टकराव के मजबूत प्रबंधन को लागू करना चाहिए, अपने नेतृत्व की पेशेवर क्षमता सुनिश्चित करनी चाहिए और शिकायतों का तुरंत समाधान करना चाहिए। ऐसे शासन सिद्धांतों का सख्ती से पालन करके, एसआरओ-एफटी को अपने द्वारा देखरेख किए जाने वाले फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर विश्वास और विश्वसनीयता पैदा कर सकेगा। तदनुसार, एसआरओ-एफटी को सुशासन के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए निम्नलिखित दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा –

(i) एसआरओ-एफटी को पेशेवर रूप से प्रबंधित किया जाना चाहिए, उसके एसोसिएशन के लेखों (एओए) में यह सुनिश्चित करने के लिए उचित प्रावधान होने चाहिए। एओए को बोर्ड / शासी निकाय / प्रबंधन के कामकाज को स्पष्ट रूप से रेखांकित करना चाहिए, हितों के टकराव को व्यापक रूप से संबोधित करना चाहिए।

(ii) एओए में अपने सदस्यों के प्रवेश, निष्कासन, निलंबन, पुनः प्रवेश आदि के लिए मानदंड भी स्पष्ट रूप से निर्धारित  होने चाहिए।

(iii) एसआरओ-एफटी को शासन में उच्चतम मानकों को अपनाना होगा और निर्णय लेने में निष्पक्षता का सार बनाए रखना होगा। किसी भी अनुचित प्रभाव को रोकने के लिए, एसआरओ-एफटी के लिए कार्यात्मक स्वायत्तता और निष्पक्षता को बनाए रखने की अनिवार्यता को उसके एओए या उपनियमों में स्पष्ट रूप से व्यक्त किया जाना चाहिए।

(iv) बोर्ड को अपने निदेशकों की 'उपयुक्त और उचित' स्थिति की निरंतर निगरानी के लिए एक रूपरेखा तैयार करनी होगी। निदेशक पद में कोई भी बदलाव या उसके उपयुक्त और उचित स्थिति में कोई प्रतिकूल बदलाव, तुरंत आरबीआई को सूचित करना होगा।

(v) बोर्ड में अध्यक्ष सहित कम से कम एक तिहाई सदस्य स्वतंत्र होने चाहिए, और उनका किसी भी फिनटेक इकाई के साथ कोई सक्रिय संबंध नहीं होना चाहिए। इसके अलावा, गैर-स्वतंत्र निदेशकों में से अधिकांश फिनटेक के प्रतिनिधि होने चाहिए जो वर्तमान में सीधे विनियमित नहीं हैं।

(vi) बोर्ड को, अन्य बातों के अलावा, बोर्ड में महत्वपूर्ण पदों के लिए निदेशकों के रोटेशन पर एक नीति तैयार करनी होगी।

(vii) निदेशक पद में कोई भी बदलाव या किसी भी निदेशक के बारे में प्रतिकूल विकास तुरंत आरबीआई को सूचित करना होगा।

(viii) बोर्ड को यह सुनिश्चित करना होगा कि एसआरओ-एफटी के पास पर्याप्त रूप से कुशल मानव संसाधन हैं, तथा क्षेत्र की निगरानी के लिए मजबूत तकनीकी क्षमता है।

(ix) यदि आवश्यक हो तो आरबीआई एसआरओ-एफटी के बोर्ड के किसी भी सदस्य और/या प्रबंधन को हटा सकता है। ऐसी कोई भी प्रतिकूल कार्रवाई शुरू करने से पहले पर्याप्त अवसर प्रदान किया जाएगा।

(x) यदि आरबीआई आवश्यक समझे तो एसआरओ-एफटी के बोर्ड में पर्यवेक्षकों को नामित/प्रतिनियुक्त करेगा।

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