दि टाइम्स ऑफ इंडिया के आलेख के जवाब में: "टकसालों में नहीं छपने वाले लाखों नोट भारतीय रिज़र्व बैंक की वॉल्टों में पहुंच रहे हैं" - आरबीआई - Reserve Bank of India
दि टाइम्स ऑफ इंडिया के आलेख के जवाब में: "टकसालों में नहीं छपने वाले लाखों नोट भारतीय रिज़र्व बैंक की वॉल्टों में पहुंच रहे हैं"

दि टाइम्स ऑफ इंडिया ने 4 अगस्त 2013 को में एक समाचार छापा गया कि "टकसालों में नहीं छपने वाले लाखों नोट भारतीय रिज़र्व बैंक की वॉल्टों में पहुंच रहे हैं"। यह न्यूज़ रिपोर्ट वर्ष 1999-2000 से 2010-11 की अवधि के दौरान क्रमशः छापे गए नोटों और प्राप्त नोटों/आपूर्ति किए गए नोटों पर सूचना के अधिकार के अंतर्गत करेंसी नोट मुद्रण प्रेसों और भारतीय रिज़र्व बैंक से प्राप्त जानकारी पर आधारित
इस आलेख में प्रकाशित किए गए आंकड़ों में अनेक विसंगतियां हैं जिनके परिणामस्वरूप रिपोर्टर द्वारा गलत निष्कर्ष निकाला गया है।
समाचार पत्र इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि टकसालों में नहीं छापे गए नोट भारतीय रिज़र्व बैंक में पहुंच रहे है, इस समाचार का आधार वे आंकड़े हैं जिन्हेंतालिका 1में दिया गया है जिसे इस आलेख के साथ प्रकाशित किया गया है।
रु.1000 | ||||||
---|---|---|---|---|---|---|
(लाखों में सख्या) | ||||||
वर्ष/प्रेस में उत्पादन | नाशिक | देवास | बीआरबीएनएमपीएल | कुल | आरबीआई को की गई आपूर्ति | अंतर |
1999-00 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
2000-01 | 0 | 0 | 114 | 114 | 114 | 0 (मिलान) |
2001-02 | 43.033 | 0 | 4 | 47.033 | 40 | 7.033 (मार्गस्थ) |
2002-03 | 70.967 | 0 | 100 | 170.967 | 178 | 7.033 |
2003-04 | 82 | 0 | 131 | 213 | 209 | 4 (मार्गस्थ) |
2004-05 | 0.3 | 0 | 253 | 253.3 | 257 | 3.7 (0.3 मार्गस्थ) |
2005-06 | 0 | 0 | 130 | 130 | 130 | 0 (मिलान किंतु 0.3 मिलियन नोट मार्गस्थ हैं) |
2006-07 | 102.342 | 0 | 489 | 591.342 | 598 | 6.658 (प्राप्त किए गए नोटों का आधिक्य) |
2007-08 | 185.868 | 0 | 549 | 734.868 | 699 | 35.868 (मार्गस्थ) |
2008-09 | 117.36 | 0 | 614 | 731.36 | 763 | 31.63 (4.23 मार्गस्थ) |
2009-10 | 318.61 | 0 | 701 | 1019.61 | 1007 | 12.61 (16.85 मार्गस्थ) |
2010-11 | 177.80 | 0 | 269 | 446.80 | 467 | 20.19 (16.85 मार्गस्थ) |
इस तालिका में,
कॉलम 6 में दिए गए आंकड़े जो वर्ष 2006-07 में रु.1000 के नोट के 598 मिलियन नोट दर्शाते हैं, वे गलत हैं। सही आंकड़ा 589 मिलियन नोट (भारतीय रिज़र्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट, 2006-07) हैं।
कॉलम 6 में दिए गए आंकड़े जो वर्ष 2006-07 में रु.1000 के नोट के 598 मिलियन नोट दर्शाते हैं, वे गलत हैं। सही आंकड़ा 589 मिलियन नोट (भारतीय रिज़र्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट, 2006-07) हैं।
वर्ष 2010-11 के लिए इस रिपोर्ट ने रिज़र्व बैंक और बीआरबीएनएमपीएल के आंकड़ों को 12 महीनों (अप्रैल-मार्च) के लिए उपयोग किया है जबकि भारतीय प्रतिभूति मुद्रण और टकसाल निगम लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर) के लिए उपयोग करता है।
फ्लॉटिंग स्टॉक में बदलाव प्रेसों में रखा गया है।
इसके अतिरिक्त एक और नोट करने लायक बात यह है कि अन्य किसी उत्पादन प्रक्रिया की भांति करेंसी नोटों के मुद्रण में भी उत्पादन किए जाने वाले बैंकनोटों का स्टॉक और प्रवाह, दोनों होते हैं, तथा अन्य किसी उत्पादन पेशे की भांति बैंकनोट की मुद्रण प्रक्रिया में भी ऐसे बैंकनोटों की कुछ मात्रा होती है जिनका प्रवाह वर्षों तक रहता है।
जब इन सभी कारकों पर विचार किया जाता है तो आरोपित अंतरों का समाधान हो जाता है।
6 अगस्त 2013 को अपने संस्करण में हुई त्रुटि पर खेद प्रकट करते हुए दि टाइम्स ऑफ इंडिया ने आरटीआई आवेदक को उपलब्ध कराए गए बीआरबीएनएमपीएल के आंकड़ों की सत्यनिष्ठा पर अन्य सवाल उठाया जिसमें दो समान प्रश्नों के जवाब में उपलब्ध कराई गई संख्या के बीच विसंगति के बारे में बताया गया। आंकड़े नीचेतालिका IIमें दिए गए हैं:
तथापि,तालिका II के आधार पर बीआरबीएनएमपीएल के आंकड़ों की सत्यनिष्ठा पर उठाया गया प्रश्न भी गलत है। बीआरबीएनएमपीएल के अनुसार:
तालिका में दर्शाए गए दो भिन्न तारीखों से संबंधित आंकड़ों के ब्यौरे दो भिन्न-भिन्न प्रश्नों के लिए थे।
नवंबर 2011 को दिया गया जवाब “रु.1000 और रु. 500 के मुद्रण की तारीख से प्रत्येक वर्ष मुद्रित किए गए रु. 1000 और रु. 500 के नोटों के ब्यौरे देना” प्रश्न के लिए था। तदनुसार, बीआरबीएनएमपीएल ने अपनी प्रेसों में मुद्रित नोटों से संबंधित आंकड़े उपलब्ध कराए।
दिसंबर 2011 में दिया गया जवाब “बीआरबीएनएमपीएल ने 1947 से दिसंबर 2010 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के आदेश के अनुसार कितने भारतीय करेंसी नोटों का मुद्रण किया”। तदनुसार, बीआरबीएनएमपीएल ने रिज़र्व बैंक की मांग के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक को आपूर्ति किए गए नोटों से संबंधित आंकड़े उपलब्ध कराए।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जनवरी 31, 2023
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