उप गवर्नर | श्री टी. रबी शंकर - आरबीआई - Reserve Bank of India
उप गवर्नर
श्री टी.रबी संकर
03 मई 2021 की भारत सरकार की अधिसूचना के अनुपालन में, श्री टी. रबी शंकर ने आज तीन साल की अवधि तक या अगले आदेशों तक, जो भी पहले हो, भारतीय रिज़र्व बैंक के उप-गवर्नर के रूप में पदभार ग्रहण किया।
श्री टी. रबी शंकर उप-गवर्नर के पद पर पदोन्नत होने से पहले रिज़र्व बैंक के कार्यपालक निदेशक थे।
श्री टी. रबी शंकर, पेशेवर केंद्रीय बैंकर 1990 में भारतीय रिजर्व बैंक में शामिल हुए और भारतीय रिजर्व बैंक में विभिन्न पदों पर काम किया है। कार्यपालक निदेशक के रूप में, वे रिज़र्व बैंक में भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, फिनटेक और जोखिम निगरानी विभाग का कार्यभार संभाल रहे थे। उनके विशेषज्ञता प्राप्त क्षेत्रों में विनिमय दर प्रबंधन, आरक्षित पोर्टफोलियो प्रबंधन, लोक ऋण प्रबंधन, मौद्रिक परिचालन और विकास, वित्तीय बाजारों का विनियमन और निगरानी, भुगतान प्रणाली और आईटी अवसंरचना शामिल हैं।
श्री टी. रबी शंकर ने सरकारी बॉन्ड बाजारों और ऋण प्रबंधन को विकसित करने पर आईएमएफ परामर्शदाता (2005-11) के रूप में कार्य किया है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंचों जैसे बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स और विभिन्न आंतरिक और बाह्य विशेषज्ञ समितियों और कार्य समूहों पर रिज़र्व बैंक का प्रतिनिधित्व किया। रिज़र्व बैंक में अपने पेशेवर करियर के अलावा, वे भारतीय वित्तीय प्रौद्योगिकी और संबद्ध सेवाएं (आईएफटीएएस) के अध्यक्ष, ReBIT के निदेशक मंडल के सदस्य, और आईडीआरबीटी गवर्निंग काउंसिल के सदस्य हैं।
श्री टी.रबी शंकर ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से अर्थशास्त्र में मास्टर ऑफ फिलॉसफी की है।
केंद्र सरकार ने श्री टी. रबी शंकर को 3 मई 2024 से एक वर्ष की अवधि के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में पुनः नियुक्त किया है।
संपर्क विवरण
- भारतीय रिज़र्व बैंक
19वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन शहीद भगत सिंह मार्ग
मुंबई-400 001 -
22675094
डिपार्टमेंट्स अंडर डेप्यूटी गवर्नर
पिछले उप गवर्नरों की सूची
श्री एम.के. जैन
श्री महेश कुमार जैन ने आज भारतीय रिजर्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। भारत सरकार ने उन्हें 4 जून 2018 को भारतीय रिजर्व बैंक के उप-गवर्नर के रूप में पदभार ग्रहण करने की तारीख से तीन साल की अवधि या अगला आदेश जो भी पहले हो, तक नियुक्त किया है।
श्री जैन उप गवर्नर के रूप में नियुक्ती से पहले आईडीबीआई बैंक के एमडी और सीईओ थे।
श्री जैन, उप गवर्नर के रूप में बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, सहकारी बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग,गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग,केंद्रीय सुरक्षा कक्ष,दस्तावेज़ प्रबंधन प्रणाली सहित कॉर्पोरेट सेवा विभाग,राजभाषा विभाग,उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण विभाग,वित्तीय समावेशन और विकास विभाग और परिसर विभाग का कार्यभार संभालेगें।
श्री जैन एक पेशेवर बैंकर हैं जिनके पास 32 साल से अधिक सेवा का अनुभव है। आईडीबीआई बैंक में अपने कार्यकाल से पहले, वह इंडियन बैंक का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक और सिंडिकेट बैंक में विभिन्न पदों पर कई क्षेत्रों में कार्य किया है जिसमें कॉरपोरेट और रिटेल क्रेडिट, जोखिम प्रबंधन, कॉर्पोरेट ऋण पुनर्गठन सहित क्रेडिट मॉनिटरिंग, बिजनेस प्रोसेस री-इंजीनियरिंग, ट्रेजरी और इंटरनेशनल बैंकिंग शामिल है।
05 मई 1961 को जन्में श्री जैन ने वाणिज्य और व्यापार प्रशासन में स्नातकोत्तर उपाधि के साथ एफएआईआईबी, सीएफए और एफआरएम भी किया है। वे आईआईबीएफ के फैलो सदस्य भी हैं।
श्री बी.पी. कानूनगो
श्री बी.पी. कानुनगो ने आज, भारतीय रिजर्व बैंक के उप-गवर्नर के रूप में पदभार संभाला। भारत सरकार ने उन्हें 11 मार्च, 2017 को भारतीय रिजर्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में 3 अप्रैल 2017 को या उसके बाद उनके द्वारा पदभार ग्रहण किये जाने की तारीख से तीन वर्ष की अवधि अथवा अगला आदेश, जो भी पहले हो तक के लिए नियुक्त किया है।
उप-गवर्नर के पद पर पदोन्नति के पहले श्री कानुनगो, रिजर्व बैंक के कार्यपालक निदेशक थे।
उप-गवर्नर के रूप में, श्री कानुनगो, मुद्रा प्रबंध विभाग (डीसीएम), बाह्य निवेश एवं परिचालन विभाग (डीईआईओ), सरकारी और बैंक लेखा विभाग (डीजीबीए), सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीआईटी), भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग (डीपीएसएस), विदेशी मुद्रा विभाग (एफईडी), आंतरिक ऋण प्रबंधन विभाग (आईडीएमडी), विधि विभाग (एलडी) और परिसर विभाग (पीडी) का कामकाज देखेंगे।
श्री कानुनगो, व्यवसायी केंद्रीय बैंकर सितंबर 1982 में भारतीय रिजर्व बैंक में शामिल हुए। उन्होंने बैंकों के विदेशी मुद्रा प्रबंध, बैंकिंग और गैर-बैंकिंग पर्यवेक्षण, मुद्रा प्रबंध, सरकारी और बैंक लेखा और लोक ऋण जैसे कई कार्यात्मक क्षेत्रों में काम किया है। उन्होंने जयपुर और कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालयों के प्रमुख के रूप में बैंक में सेवा की है और इसके अलावा वे मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के बैंकिंग लोकपाल भी रह चुके हैं। कार्यपालक निदेशक के रूप में, उन्होंने विदेशी मुद्रा प्रबंध, आंतरिक ऋण प्रबंध और सरकारी और बैंक लेखों का कार्य सम्भाला है।
5 मई 1959 को जन्मे श्री कानुनगो, ने विधि क्षेत्र में स्नातक डिग्री के अलावा उत्कल विश्वविद्यालय से मानविकी में मास्टर डिग्री प्राप्त की हैं।
श्री एन.एस. विश्वनाथन
श्री एन.एस. विश्वनाथन ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। भारत सरकार ने उन्हें 29 जून 2016 को उक्त पद पर 4 जुलाई 2016 को या इसके बाद उनके द्वारा कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से तीन वर्ष की अवधि या अगले आदेश आने तक, जो भी पहले हो, भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के पद पर नियुक्त किया है।
श्री विश्वनाथन उप गवर्नर के पद पर जाने से पहले रिज़र्व बैंक के कार्यपालक निदेशक थे।
उप गवर्नर के रूप में श्री विश्वनाथन बैंकिंग विनियमन विभाग (डीबीआर), सहकारी बैंकिंग विनियमन विभाग (डीसीबीआर), गैर-बैंकिंग विनियमन विभाग (डीएनबीआर), निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी), वित्तीय स्थिरता इकाई (एफएसयू), निरीक्षण विभाग, जोखिम निगरानी विभाग (आरएमडी) तथा सचिव विभाग का कार्य देखेंगे।
श्री विश्वनाथन, करियर केंद्रीय बैंकर ने 1981 में भारतीय रिज़र्व बैंक में कार्यभार संभाला था। उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्रों में बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और सहकारी बैंकों का विनियमन और पर्यवेक्षण, मुद्रा प्रबंध, विदेशी मुद्रा और मानव संसाधन प्रबंध शामिल हैं। वे बैंक ऑफ मॉरिशस में निदेशक, पर्यवेक्षण के रूप में तीन वर्ष के लिए विशेष अन्यत्र नियुक्ति पर रहे। वे रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय चेन्नै के प्रमुख भी रहे हैं।
श्री विश्वनाथन तीन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निदेशक बोर्ड में भिन्न-भिन्न समय पर रिज़र्व बैंक के नामिती थे। वे मुख्य सतर्कता अधिकारी और आंतरिक लेखापरीक्षा, आईएफसीआई के प्रमुख भी थे। वे विभिन्न समितियों, कार्य समूहों और कार्यदलों के साथ भी जुड़े रहे हैं। उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समितियों में रिज़र्व बैंक का प्रतिनिधित्व किया है। इनमें शामिल हैं – नीति विकास समूह, बीआईएस, बासेल के सदस्य और अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट यूनियन विनियामक नेटवर्क के कार्यपालक समिति सदस्य।
27 जून 1958 को जन्मे श्री विश्वनाथन ने बेंगलूरु विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की है।
केंद्र सरकार ने श्री एन.एस. विश्वनाथन को 3 जुलाई 2019 को समाप्त होने वाली उनकी वर्तमान नियुक्ति की तीन वर्ष की अधिसूचित अवधि से आगे एक और वर्ष अर्थात् 3 जुलाई 2020 अथवा अगले आदेश, जो भी पहले हो तक, के लिए उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक के रूप में पुनः नियुक्त किया है।
डॉ. विरल वी. आचार्य
केंद्रीय सरकार ने 28 दिसंबर 2016 की अधिसूचना एफ सं. 7/1/2012-बीओ-I (पीटी.) के माध्यम से डॉ. विरल वी. आचार्य जो वर्तमान में सी.वी. स्टार प्रोफेसर ऑफ इकॉनोमिक्स, वित्त विभाग, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी – स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनस के रूप में कार्यरत हैं, को उनके कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से तीन वर्ष की अवधि के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में नियुक्त किया है। डॉ. आचार्य 20 जनवरी 2017 को कार्यभार ग्रहण करेंगे।
उप गवर्नर के रूप में डॉ. आचार्य मौद्रिक नीति और अनुसंधान क्लस्टर का कार्य देखेंगे।
श्री एस.एस. मूंदड़ा
श्री एस.एस. मूंदड़ा ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। भारत सरकार ने 30 जुलाई 2014 की अपनी अधिसूचना के अनुसार श्री मूंदड़ा द्वारा कार्यभार ग्रहण करने की तारीख अर्थात 31 जुलाई 2014 से या अगले आदेश आने तक, जो भी पहले हो, उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में नियुक्त किया है। रिज़र्व बैंक में कार्यभार ग्रहण करने से पहले श्री मूंदड़ा देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे।
उप गवर्नर के रूप में श्री मूंदड़ा बैंकिंग पर्यवेक्षण, मुद्रा प्रबंध, वित्तीय स्थिरता, ग्रामीण ऋण, ग्राहक सेवा और इसके साथ-साथ रिज़र्व बैंक के मानव संसाधन और सुरक्षा को देखेंगे।
18 जुलाई 1954 को जन्मे श्री मूंदड़ा ने वर्ष 1977 में बैंक ऑफ बड़ौदा में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में अपना कॅरियर शुरू किया था। 37 वर्ष के बैंकिंग कॅरियर के दौरान उन्होंने कई चुनौतीपूर्ण पद धारित किए जिनमें सितंबर 2010 में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के कार्यपालक निदेशक बनने और जनवरी 2013 में बैंक ऑफ बड़ौदा के अध्यक्ष बनने से पहले बैंक ऑफ बड़ौदा के यूरोपीय परिचालन का प्रधान बनना शामिल है।
श्री मूंदड़ा ने कई बहु-आयामी कंपनियों जैसे भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआईएल), केंद्रीय निक्षेपागार सेवाएं (भारत) लिमिटेड (सीडीएसएल), बैंक ऑफ बड़ौदा आस्ति प्रबंधन कंपनी, इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनान्स कॉर्पोरेशन (यूके) लिमिटेड (आईआईएफसीएल), स्टार यूनियन डाई-इची जीवन बीमा निगम कंपनी लिमिटेड, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम लिमिटेड के बोर्डों पर सेवा की है। इन संस्थाओं को मार्गदर्शन देने में प्राप्त हुए अनुभव ने उन्हें व्यापक नेतृत्व कौशल और कंपनी अभिशासन में सर्वोत्तम पद्धतियों में गहन परिज्ञान प्रदान किया है।
उन्होंने भारतीय बैंक संघ (आईबीए) द्वारा गठित वित्तीय समावेशन समिति के अध्यक्ष के रूप में सेवा की है और उन्होंने लघु कारोबार और कम आय परिवारों के लिए व्यापक वित्तीय सेवा (सीसीएफएस) पर नचिकेत मोर समिति सहित आईबीए और आरबीआई द्वारा गठित बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र से संबंधित कई अन्य महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य के रूप में भी सेवा की है।
उन्होंने वाणिज्य में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की है और वे भारतीय बैंकिंग संस्थान के प्रमाणपत्रित एसोसिएट (सीएआईआईबी) हैं ।