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बचत बैंक जमा खाता (बीएसबीडीए) – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (आरआरबी/एसटीसीबी/डीसीसीबी)

वर्तमान के उन सभी 'नो फ्रील' खातों को बीएसबीडीए के रूप में माना जाना चाहिए जो 24 नवंबर 2005 के परिपत्र शबैवि.बीपीडी.परि. सं. 19/13.01.000/2005-06 द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसरण में खोले गए हैं और जिन्‍हें 17 अगस्त 2012 के परिपत्र शबैवि.बीपीडी.परि. सं.5/13.01.000/2012-13 के अनुपालन में बीएसबीडीए में परिवर्तित कर दिया गया है तथा जो उक्‍त परिपत्र के अंतर्गत नए खोले गए हैं।

जी नहीं, 'नो फ्रील' खातों पर 24 नवंबर 2005 के परिपत्र शबैवि.बीपीडी.परि.सं. 19/13.01.000/2005-06 में निहित अनुदेशों के अधिक्रमण में बैंकों को अब अपने सभी ग्राहकों को 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' प्रदान करने के लिए 17 अगस्त 2012 के परिपत्र शबैवि.बीपीडी.परि. सं. 5/13.01.000/2012-13 द्वारा सूचित किया गया है जिसमें उसमें वर्णित प्रकार से न्‍यूनतम आम सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। बैंकों से अपेक्षित है कि वे अपने वर्तमान के 'नो फ्रील' खातों को'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' में परिवर्तित कर दें।

जी नहीं, व्‍यक्ति एक बैंक में केवल एक ही 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' रखने के लिए पात्र है।
बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' धारी उस बैंक में अन्‍य बचत खाता खोलने के लिए पात्र नहीं है। यदि ग्राहक का उस बैंक में अन्‍य बचत खाता मौजूद हो तो उसे वह खाता 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' खोलने के 30 दिनों के भीतर बंद कर देना होगा।
जी हां, व्‍यक्ति जिस बैंक में उसका 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' हो वहां पर मीयादी / सावधि जमा, आवर्ती जमा आदि खाते रख सकता है।
जी नहीं, 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' को शाखाओं के माध्‍यम से सभी ग्राहकों को उपलब्‍ध सामान्‍य बैंकिंग सेवा के रूप में माना जाना चाहिए।
जी नहीं, बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे व्‍यक्तियों के संबंध में बीएसबीडीए खोलने के लिए आयु और आय मानदंड जैसे प्रतिबंध न लगाएं।

बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' लागू करने का उद्देश्‍य निश्चित रूप से रिज़र्व बैंक के वित्‍तीय समावेशन उद्देश्‍यों को आगे बढ़ाने के प्रयासों का भाग है। 24 नवंबर 2005 के परिपत्र शबैवि.बीपीडी.परि.सं. 19/13.01.000/2005-06 द्वारा 'नो फ्रील' के रूप में खोले गए सभी खातों का नाम बदलकर 17 अगस्त 2012 के परिपत्र शबैवि.बीपीडी.परि. सं.5/13.01.000/2012-13 के पैरा 2 में दिए गए अनुदेशों के अनुसार बीएसबीडीए कर दिया जाना चाहिए।

बुनियादी बचत बैंक जमा खाते' पीएमएल अधिनियम और नियमावली के उपबंध की शर्त पर होंगे और उन पर बैंक खाते खोलने के लिए अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) / धन शोधन निवारण (एएमएल) के संबंध में समय-समय पर जारी रिज़र्व बैंक के अनुदेश लागू होंगे। बीएसबीडीए सरलीकृत केवाईसी मानदंडों के साथ भी खोले जा सकेंगे। तथापि, यदि सरलीकृत केवाइसी के आधार पर बीएसबीडीए खोला जाता है तो इन खातों को अतिरिक्‍त रुप से 'बीएसबीडीए – छोटा खाता' माना जाए और इस पर ऐसे खातों के लिए निर्दिष्‍ट की गई 01 जुलाई 2013 के हमारे मास्टर परिपत्र सं.शबैवि.बीपीडी(पीसीबी)माप.सं.16/12.05.001/2013-14 के अनुच्छेद 2.6(iii) में उल्लिखित शर्तें लागू होंगी।

जी नहीं, बीएसबीडीए ग्राहक उसी बैंक में कोई अन्‍य बचत बैंक खाता नहीं रख सकता है। यदि 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' सरलीकृत केवाइसी मानदंडों के आधार पर खोला जाता है, तो इस खाते को अतिरिक्‍त रूप से एक 'छोटा खाता' के रूप में माना जाएगा और इस पर ऐसे खातों के लिए निर्धारित शर्तें लागू होंगी जो "अपने ग्राहक को जानिए / धन शोधन निवारण/ आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध / पीएमएलए 2002 के अंतर्गत बैंकों का दायित्व" पर 01 जुलाई 2013 के हमारे मास्टर परिपत्र सं. शबैवि.बीपीडी(पीसीबी) माप.सं.16/12. 05.001/2013-14 के अनुच्छेद 2.6(iii) में उल्लिखित है।

दिनांक 16 दिसंबर 2010 की भारत सरकार अधिसूचना में अधिसूचित प्रकार से बीएसबीडीए-छोटा खाता निम्‍नलिखित शर्तों पर होंगे :

  1. ऐसे खातों में कुल क्रेडिट एक वर्ष में एक लाख रूपए से अधिक न हो।

  2. खातों में अधिकतम शेष किसी भी समय पचास हजार रूपए से अधिक नहीं होना चाहिए।

  3. किसी महीने में नकद आहरणों और अंतरणों के रूप में कुल नामे (डेबिट) दस हजार रूपए से अधिक नहीं होना चाहिए।

  4. सामान्‍य केवाइसी औपचारिकताएं पूरी किए बिना विदेशी प्रेषण (रेमिटेंस) छोटे खातों में जमा (क्रेडिट) नहीं किया जा सकेगा।

  5. छोटे खाते प्रारंभ में 12 महीनों की अवधि के लिए वैध होते हैं जिन्‍हें यदि व्‍यक्ति आधिकारिक रूप से वैध प्रलेख के लिए आवेदन करने का प्रमाण प्रस्‍तुत करें तो और 12 महीनों के लिए बढ़ाया जा सकता है।

  6. छोटे खाते बैंकों की केवल सीबीएस सहबद्ध शाखाओं में ही अथवा ऐसी शाखाओं में खोले जा सकते हैं जहां शर्तों को पूरा किए जाने की व्‍यक्ति द्वारा (मैन्‍युअली)निगरानीकरनासंभवहै।

बुनियादी बचत बैंक जमा खाते में नि:शुल्‍क उपलब्‍ध सेवाएं हैं - नकदी जमा करना तथा नकद आहरण, इलेक्‍ट्रानिक भुगतान माध्‍यमों के जरिए अथवा बैंक शाखाओं तथा एटीएम में चेक जमा करने / चेकों की वसूली के स्‍वरूप में 'प्राप्ति' / धन का जमा (क्रेडिट)।
बीएसबीडीए खोलने के लिए किसी प्रारंभिक जमाराशि की कोई आवश्‍यकता नहीं है।
जी हां, तथापि, न्‍यूनतम निर्धारित सेवाओं के अतिरिक्‍त सेवाओं की अनुमति देने का निर्णय बैंकों के विवेक पर छोड़ दिया गया है जो या तो अतिरिक्‍त सेवाएं नि:शुल्‍क दे सकते हैं अथवा एक उचित एवं पारदर्शी आधार पर अतिरिक्‍त मूल्यवर्द्धित (वैल्‍यू ऍडेड) सेवाओं के लिए मूल्‍यन संरचना सहित ऐसी अपेक्षाएं निर्दिष्‍ट कर सकते हैं जिन्‍हें कि ग्राहकों को पूर्व सूचना देते हुए एक नि:पक्षपाती रूप में लागू किया जाना होगा। बैंकों से अपेक्षित है कि वे मूल्यवर्द्धित सेवाओं के लिए एक उचित मूल्‍यन संरचना स्‍थापित करें अथवा न्‍यूनतम शेष रखने की आवश्‍यकता निर्धारित करें जिसे सुस्‍पष्‍ट रूप से प्रदर्शित किया जाए और साथ ही साथ खाता खोलते समय ग्राहक को बतायी जाए। ऐसी अतिरिक्‍त सेवाएं देना सभी बुनियादी बचत बैंक जमा खाता ग्राहकों के लिए गैर-विवेकपूर्ण, पक्षपातरहित एवं पारदर्शी होना चाहिए। तथापि, अतिरिक्‍त सुविधाओं युक्‍त ऐसे खातों को बीएसबीडीए के रूप में नहीं माना जाएगा।
जी हां, कृपया उपर्युक्‍त प्रश्‍न (प्रश्‍न सं.14) का उत्‍तर देखें। तथापि, यदि बैंक कोई अतिरिक्‍त प्रभार नहीं लगाता है और न्‍यूनतम शेष के बिना बीडीबीडीए खातों के अंतर्गत निर्धारित उन सुविधाओं के अलावा मुफ्त में अतिरिक्‍त सुविधाएं दे रहा हो तो ऐसे खाते बीएसबीडीए के रूप में वर्गीकृत किए जा सकते हैं।
जी नहीं, बीएसबीडीए में बैंकों से अपेक्षित है कि वे एटीएम और अन्‍य माध्‍यम जिसमें आरटीजीएस/ एनइएफटी/ समाशोधन/ शाखा/ नकद आहरण/ अंतरण/ इंटरनेट नामे / स्‍थायी अनुदेश/ ईएमआइ आदि शामिल है, के माध्‍यम से न्‍यूनतम चार आहरण बिना प्रभार के उपलब्‍ध करायें। यह बैंक पर निर्भर रहेगा कि वह अतिरिक्‍त आहरण/णों के लिए मुफ्त में या प्रभार के साथ अनुमति दें। तथापि, यदि बैंक अतिरिक्‍त आहरण के लिए प्रभार लगाने का निर्णय लें तो बैंक द्वारा उचित, पक्षपातरहित और पारदर्शी ढंग से मूल्‍यन संरचना तैयार की जाए।
बैंकों को बिना किसी प्रभार के एटीएम डेबिट कार्ड उपलब्‍ध कराने चाहिए और ऐसे कार्डों पर कोई वार्षिक शुल्‍क की उगाही नहीं की जानी चाहिए।
एटीएम के माध्‍यम से शेष राशि की जांच को एटीएम पर मुफ्त में दिए जा रहे चार आहरणों में न गिना जाए।
बीएसबीडीए खोलने के समय ही एटीएम डेबिट कार्ड प्रस्‍तावित किए जाएं और यदि ग्राहक उसके लिए लिखित रूप में अनुरोध करता है तो वह जारी किया जाए। बैंक ऐसे ग्राहकों को एटीएम डेबिट कार्ड जबरन न दें।

बैंकों को बीएसबीडीए खोलते समय ऐसे ग्राहकों को एटीएम डेबिट कार्ड, एटीएम पिन और उससे जुड़े जोखिम के बारे में जानकारी देनी चाहिए। तथापि, यदि ग्राहक एटीएम डेबिट कार्ड न रखना

चाहता हो तो बैंकों को ऐसे ग्राहकों को जबरन एटीएम डेबिट कार्ड देने की आवश्‍यकता नहीं है। तथापि, यदि ग्राहक एटीएम डेबिट कार्ड रखना चाहता हो तो बैंक अपने अन्‍य ग्राहकों को एटीएम डेबिट कार्ड और पिन सौंपने के लिए अपनाई जा रही पद्धति अपनाते हुए सुरक्षित सुपुर्दगी चैनलों के माध्‍यम से बीएसबीडीए ग्राहकों को वह उपलब्‍ध कराए।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022

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