अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा (फोरेक्स) लेनदेन
अस्वीकरण : अक्सर पूछे जाने वाले ये प्रश्न केवल सामान्य मार्गदर्शन के प्रयोजन से हैं। यदि अक्सर पूछे जाने वाले इन प्रश्नों और फेमा, 1999 और इसके तहत जारी नियमों/विनियमों/निदेशों/अनुमतियों के बीच कोई विसंगति(यां) हो जाती है तो फेमा, 1999 और नियम आदि को ही प्रभावी माना जाएगा।
उत्तर: निवासी व्यक्तियों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के अनुसार केवल प्राधिकृत व्यक्तियों के साथ और अनुमत प्रयोजनों के लिए ही फोरेक्स लेनदेन की अनुमति है।
अप्राधिकृत व्यक्तियों और फेमा के तहत अनुमत प्रयोजनों के अलावा अन्य प्रयोजनों के लिए फोरेक्स लेनदेन करने वाले निवासी व्यक्ति स्वयं को इस अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई का भागी बना लेंगे।
उत्तर: एक प्राधिकृत व्यक्ति वह प्रतिष्ठान है जो भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा फोरेक्स कारोबार के लिए प्राधिकृत है। यह कोई प्राधिकृत डीलर हो सकता है, कोई मनी-चेंजर, विदेश स्थित बैंकिंग इकाई या फिर फेमा की धारा 10 की उप-धारा (1) के तहत प्राधिकृत कोई अन्य व्यक्ति हो सकता है। प्राधिकृत व्यक्तियों की सूची यहां उपलब्ध है।
उत्तर: इलेक्ट्रॉनिक तरीके से किए जाने वाले अनुमत फोरेक्स लेनदेन केवल भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट अनुबंधों और शर्तों के अनुसार केवल इस प्रयोजन के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म (ईटीपी) अथवा मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लि. (एनएसई), बीएसई लि. (बीएसई) और मेट्रोपोलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लि. (एमएसई)) पर ही किए जाने चाहिएI प्राधिकृत ईटीपी की सूची यहां उपलब्ध है। फेमा के अनुसार निवासी व्यक्तियों को अप्राधिकृत ईटीपी पर फोरेक्स लेनदेन की अनुमति नहीं हैं।
अप्राधिकृत ईटीपी पर फोरेक्स लेनदेन करने वाले निवासी व्यक्ति स्वयं को फेमा तहत दंडात्मक कार्रवाई का भागी बना लेंगे।
उत्तर: इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म (ईटीपी) का आशय है मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज के अलावा कोई भी इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली जिस पर पात्र लिखतों यथा प्रतिभूतियों, मुद्रा बाजार लिखतों, विदेशी मुद्रा लिखतों, डेरिवेटिव, आदि की संविदा की जाती है। भारतीय रिज़र्व बैंक से इलेक्ट्रानिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 के तहत पहले से प्राधिकार लिए बिना कोई भी प्रतिष्ठान ईटीपी का परिचालन नहीं करेगा। प्राधिकृत ईटीपी की सूची यहां उपलब्ध है।
भारतीय रिज़र्व बैंक से प्राधिकार लिए बिना ही ईटीपी का परिचालन करने और धन संग्रह को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से भारत के बाहर भुगतान करने /प्रेषित करने वाले निवासी व्यक्ति स्वयं को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 और धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 सहित विद्यमान कानूनों और विनियमों के तहत दंडात्मक कार्रवाई का भागी बना लेगें।
उत्तर : भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक सचेतक सूची जारी की है जिसमें उन संस्थाओं का नाम सम्मिलित है, जो ना तो विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (फेमा) के तहत फोरेक्स में लेनदेन करने के लिए प्राधिकृत हैं और न ही इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स (रिज़र्व बैंक) निदेश 2018 के तहत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ईटीपी) संचालित करने के लिए प्राधिकृत हैं। सचेतक सूची में उन संस्थाओं/प्लेटफार्मों/वेबसाइटों के भी नाम हैं जो ऐसी अनधिकृत संस्थाओं/ईटीपी को बढ़ावा देती प्रतीत होती हैं, जिनमें ऐसी अनधिकृत संस्थाओं के विज्ञापनों के माध्यम से या प्रशिक्षण/सलाहकार सेवाएं प्रदान करने का दावा करना शामिल है। सचेतक सूची परिपूर्ण नहीं है और प्रकाशन के समय भारतीय रिज़र्व बैंक को जो जानकारी में था, उस पर आधारित है। सचेतक सूची में दिखाई नहीं देने वाली संस्था को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी व्यक्ति/ईटीपी की प्राधिकरण स्थिति का पता प्राधिकृत व्यक्तियों और प्राधिकृत ईटीपी की सूची से लगाया जा सकता है।
उत्तर: फोरेक्स लेनदेन के लिए अप्राधिकृत ईटीपी के बारे में शिकायतों को राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (https://cybercrime.gov.in) पर दर्ज किया जा सकता है। यह पोर्टल भारत सरकार का एक प्रयास है जिस पर पीडि़त/ शिकायतकर्ता सभी प्रकार के साइबर अपराध की शिकायतों की ऑनलाइन रिपोर्ट कर सकते हैं। इस पोर्टल पर रिपोर्ट की गई शिकायतों को शिकायतकर्ता द्वारा प्रदान की कई जानकारी के आधार पर संबंधित राज्यों/संघशासित क्षेत्रों के पुलिस प्राधिकारियों द्वारा देखा जाता है। प्रवर्तन निदेशालय (ed-del-rev@nic.in) और संबंधित राज्यों/ संघशासित क्षेत्रों के पुलिस प्राधिकारियों के पास भी शिकायतें दायर की जा सकती है।
उत्तर: ‘पूंजीखाता लेनदेन’ का मतलब है ऐसे लेनदेन जो भारत में निवासी व्यक्तियों की भारत से बाहर आस्तियों या देयताओं में परिवर्तन करते, जिनमें आकस्मिक देयताएं भी शामिल हैं अथवा जो भारत से बाहर निवासी व्यक्तियों की भारत में आस्तियों अथवा देयताओं में परिवर्तन करते हों। कृपया अनुमत पूंजीखाता लेनदेन के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन (अनुमेय पूंजीखाता लेनेदेन) विनियमावली, 2000 को देखिए।
उत्तर: ‘चालू खाता लेनदेन’ का मतलब है पूंजीखाता लेनदेन के अलावा अन्य लेनदेन। उदाहरण के लिए :
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विदेशी व्यापार, अन्य चालू कारोबार, सेवाओ के संबंध में देय भुगतान और अल्प-अवधि बैंकिंग और कारोबार के सामान्य क्रम में क्रेडिट सुविधाएं;
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ऋणों पर ब्याज के रूप में और निवेशों से निवल आय के रूप में देय भुगतान, विदेश में रह रहे माता-पिता, पति-पत्नी और संतानों के निर्वाह व्यय के लिए धन-प्रेषण; और
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माता-पिता, पति-पत्नी और संतानों की विदेश यात्रा, शिक्षा और चिकित्सा देखभाल के संबंध में व्यय।
कृपया अनुमत चालू खाता लेनदेन के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन (चालू खाता लेनेदेन) नियमावली, 2000 को देखिए।
उत्तर: अनुमत प्रयोजन मुद्रा-युग्म पर निर्भर होते हैं यथा विदेशी मुद्रा – भारतीय रुपया (एफसीवाई – आईएनआर) और विदेशी मुद्रा – विदेशी मुद्रा (एफसीवाई – एफसीवाई)।
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एफसीवाई – आइएनआर फोरेक्स डेरिवेटिव लेनदेन करने के प्रयोजन से अनुमत प्रयोजन (उदाहरण के लिए – यूएसडी-आईएनआर फॉरवर्ड, फ्यूचर्स, आप्शन, आदि) : विनिमय दर जोखिम से बचाव (हेजिंग) करने हेतु।
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एफसीवाई – एफसीवाई फोरेक्स डेरिवेटिव लेनदेन के प्रयोजन से अनुमत प्रयोजन (उदाहरण के लिए ईयूआर–यूएसडी फॉरवर्ड, फ्यूचर्स, आप्शन, आदि) : प्रयोजन की दृष्टि के कोई प्रतिबंध नहीं।
उत्तर:
• ओटीसी व्युत्पन्नी
- रिटेल प्रयोक्ताओं के लिए
- विदेशी मुद्रा फॉरवर्ड
- विदेशी मुद्रा स्वैप
- करेंसी स्वैप
- कॉल और पुट आप्शन की खरीद
- कॉल और पुट स्प्रेड की खरीद
- गैर-रिटेल प्रयोक्ताओं के लिए: खुदरा उपयोगकर्ताओं को पेश किए जाने हेतु सभी विदेशी मुद्रा उत्पाद, कवर्ड विदेशी मुद्रा विकल्प, विदेशी मुद्रा फॉरवर्ड / विदेशी मुद्रा स्वैप / मुद्रा स्वैप / विदेशी मुद्रा विकल्प को करने या रद्द करने का विकल्प और कोई अन्य विदेशी मुद्रा व्युत्पन्नी संविदा जिसमें घटकों के रूप में नकद लिखित और / या अनुमत व्युत्पन्नयों वाले व्युत्पन्नी शामिल हैं , लेकिन लिवरेज व्युत्पन्नी और उन व्युत्पन्नीयों को छोड़कर , जिसमे विशेष रूप से अनुमत व्युत्पन्नयों के अलावा अंतर्निहित व्युत्पन्नी लिखित शामिल हो ।
• एक्सचेंज ट्रेडेड व्युत्पन्नी
- विदेशी मुद्रा फ्यूचर
- विदेशी मुद्रा आप्शन
उत्तर: नवीनतम लेखापरीक्षित वित्तीय विवरणों के अनुसार, न्यूनतम रु.500 करोड़ की निवल संपत्ति या न्यूनतम 1000 करोड़ रुपये का कारोबार वाले प्रतिष्ठानों के अलावा नियंत्रित वित्तीय प्रतिष्ठानों और अनिवासियों (व्यक्तियों के अलावा) को गैर-रिटेल प्रयोक्ताओं के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। अन्य सभी प्रकार के प्रयोक्ताओं को रिटेल प्रयोक्ता के लिए रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022