अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - आरबीआई - Reserve Bank of India
एनडीएस-ओएम वेब
सिस्टम रिज़र्व बैंक के स्वामित्व में है। ग्राहकों के लिए कोई प्रभार नहीं है। लेकिन चूंकि सभी सौदे सीसीआइएल द्वारा गारंटीकृत होते हैं और उनका निपटान किया जाता है, इसलिए प्राथमिक व्यापारियेां को निपटान प्रभार देने होंगे और अपने ग्राहकों की ओर से सीसीआइएल के पास पर्याप्त मार्जिन जमा कराने होंगे।
एनडीएस-ओएम वेब के सभी उपयोगकर्ता के पास एक डिजीटल प्रमाणपत्र होना चाहिए, यह डिजीटल प्रमाणपत्र संबंधित प्राथमिक सदस्य द्वारा विनिर्दिष्ट प्रमाणीकरण प्राधिकारी से प्राप्त किया जाएगा। यह उनके प्राथमिक सदस्य द्वारा दिये गये ई-टोकन में निहित होगा। कुशल परिचालनों के लिए एक सुरक्षित, विश्वसनीय, स्थिर इंटरनेट का होना जरूरी है। नवीनतम कन्फिगरेशन, न्यूनतम 1 जीबी रॅम, विंडेज एक्सपी तथा उससे उच्चतर आपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता पड़ेगी।
जीएएच प्रबंधन में प्राथमिक सदस्य के कार्य शामिल है जैसे कि ट्रान्जेक्शनल यूजर्स बनाना (जीएएच के वे कर्मचारी जो बिड रख सकते हैं) तथा केवल देखें उपयोगकर्ता (जीएएच के वे कर्मचारी जो केवल बिड से संबंधित प्रश्न देख सकते हैं), प्रयोगकर्ताओं में संशोधन, प्रयोगकर्ताओं को सस्पेंड करना/अनलॉक करना, प्रयोगकर्ताओं को लॉग-ऑफ करना, प्रयोगकर्ताओं के लाग-इन पासवर्ड प्राप्त करना तथा उन्हें सेट/ रिसेट करना, जोखिम सीमाएं निर्धारित करना, जीएएच आदि द्वारा प्रस्तुत बिड पर कार्रवाई करना।
जब एक बार जीओएच को एनडीएस-ओएम वेब माड्यूल में एक्सेस प्रदान कर दिया जाता है, प्राथमिक व्यापारी जीएएच के अंतर्गत प्रयोगकर्ता का निर्माण कर सकता है, जो सिस्टम में लॉग कर सकता है।
दो प्रकार के जीएएच प्रयोगकर्ता होते हैं (।) ट्रांजेक्शनल प्रयोगकर्ता – वे प्रयोगकर्ता जो ऑर्डर प्रबंधन कर सकते हैं – ऑर्डर देना/परिवर्तन करना/ रद्द करना/ जारी करना और सौदा करना । (।।) व्यू प्रयोगकर्ता – जो केवल उसी जीएएच के अंतर्गत लेन-देन करने वाले विभिन्न प्रयोगकर्ताओं द्वारा दिए गए ऑर्डर/ किए गए सौदे को देख सकते हैं।
हां, एक जीएएच के अधीन एक पीएम जितना चाहे उतने प्रयोगकर्ताओं का निर्माण कर सकता है। पीएम द्वारा बनाए गए प्रयोगकर्ताओं के लिए सीसीआईएल के एनडीएस-ओएम वेव एडमिन से अनुमति लेनी पड़ेगी।
जीएएच एनडीएस-ओएम वेब माड्यूल का एक्सेस इंटरनेट के माध्यम से करेगा। अप्राधिकृत एक्सेस से बचने और प्रणाली में स्वीकृति को सुनिश्चित करने के लिए, आरबीआई ने आईडीआरबीटी से प्रत्येक जीएएच प्रयोगर्ताओं के लिए डिजिटल सर्टिफिकेट प्राप्त करना आवश्यक बनाया है। इस डिजिटल सर्टिफिकेट को ई-टोकन में इंस्टाल कराता है। पीएम द्वारा उपलब्ध दूसरा स्तर जीएएच प्रयोगकर्ता के निर्माण के पहले पीएम को यह सुनिश्चित करना होगा कि जीएएच प्रयोगकर्ता के लिए डिजिटल सर्टिफिकेट और ई-टोकन खरीद लिया गया है।
एनडीएस-ओएम वेब माड्यूल में जीएएच प्रयोगकर्ता द्वारा सौदा करने के पहले, पीएम को कुछ परिचालनगत जोखिम नियंत्रण तय करने के साथ-साथ प्रत्येक जीएएच/जीएएच प्रयोगकर्ता के लिए सीमा तय करनी है, क्योंकि पीएम ही ऐसे जीएएच द्वारा किए गए सौदों के निपटान के लिए जिम्मेदार है। तदनुसार, पीएम को अपने जीएएच के संबंध में परिचालनगत जोखिम नियंत्रण को तय करने की सुविधा दी गई है कि किसे एनडीएस-ओएम वेब पर एक्सेस दिया जाना है जिससे उनके जीएएच सौदों के कारण आए जोखिमों को कम किया जा सके। एनडीएस-ओएम के एकीकृत ऑर्डर बुक में सौदों को शामिल करने के पहले एनडीएस-ओएम वेब पर जीएएच द्वारा किया गया प्रत्येक सौदा पीएम द्वारा तय किए गए प्रत्येक जोखिम नियंत्रण से पुष्टि के अधीन होगा।
जोखिम मानदंडों में शामिल है : 'सिंगल ऑर्डर लिमिट', प्रतिभूतियों की अंतिम कारोबारी मूल्य/प्रतिफल की तुलना में मूल्य/प्रतिफल रेंज लिमिट', कार्यकलापों पर नियंत्रण ( प्रयोगकर्ताओं को खरीद/बिक्री के लिए अधिकार देना), ' सिक्यूरिटी स्टॉक् बैलेंस',' टर्नओवर लिमिट' (जीएएच के सभी [खरीद/बिक्री] ऑर्डर के अंकित मूल्य के सकल राशि के संदर्भ में कारोबारी सीमा) और ' निधीयन सीमा' (निवल कुल निपटान प्रतिफल की सीमा जिस तक जीएएच निवल दीर्घावधि अधिक्रय कर सकता है । तय सीमा से अधिक के ऑर्डर रद्द कर दिए जाएंगे।
सभी ओआरसीपी वैल्यू को दिन में कभी भी संशोधित किया जा सकता हे, बशर्तें कि संबंधित संशोधन भावी आधार पर ही होंगे अर्थात् वे संशोधन एनडीएस-ओएम वेब पर पहले ही संपन्न सौदे को प्रभावित नहीं करेंगे। किसी प्राधिकृत जीएएच द्वारा दिया गया कोई भी आर्डर एनडीएम-ओएम में रूट करने से पहले प्रत्येक जीएएच को दी गई निधीयन/व्यापार सीमा के परिप्रेक्ष्य में वैलिडेट किया जाएगा। ऐसा कोई भी आदेश जो संबधित जीएएच तथा/या अलग-अलग जीएएच प्रयोक्ता के लिए निर्धारित वैल्यू का उल्लंघन करता है, वह एनडीएस-ओएम वेब द्वारा अस्वीकार कर दिया जाएगा। जो आदेश अपने पीएम द्वारा डीएएच के लिए निर्धारित ओआरसीपी वैल्यूऐशन पूरा करते हैं, वे एनडीएस-ओएम सिस्टम में शामिल कर लिए जाएंगे और उनका सौदा उसी प्रकार से किया जाएगा जैसा कि संबंधित नियमों, प्रथाओं तथा प्रक्रियाओं का पालन कर रहे अन्य आदेशों का किया जाता है। चूंकि जीएएच, पीएम के ही घटक हैं, इसलिए सौदे बिना किसी बाधा के वर्तमान बुनियादी सुविधाओं के तहत ही किए जा सकते हैं।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022
क्या यह पेज उपयोगी था?