अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक - एकीकृत ओम्बड्समैन योजना, 2021
नहीं, आरई के ग्राहक के लिए आरबी-आइओएस, 2021 के तहत शिकायत दर्ज करने या उसका समाधान करने के लिए कोई प्रभार या शुल्क नहीं है। इसके अलावा, शिकायतकर्ता को आरबीआई ओम्बड्समैन के पास शिकायत दर्ज करने के लिए किसी तृतीय-पक्ष एजेंसी से संपर्क करने या किसी शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। शिकायतकर्ता प्रश्न 16 में उल्लिखित किसी भी तरीके से स्वयं या प्रतिनिधि के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं।
विवादित लेनदेन की राशि जिसके लिए आरबी-आइओएस, 2021 के तहत शिकायत की जा सकती है और जिस पर आरबीआई ओम्बड्समैन समाधान प्रदान कर सकता पर कोई सीमा नहीं है। तथापि, आरबी-आइओएस के अंतर्गत केवल वही शिकायतें स्वीकार्य हैं जिनमें शिकायतकर्ता को आरई के कृत्य या चूक या कार्य से होने वाली किसी भी हानि के लिए मांगी गई क्षतिपूर्ति, यदि कोई हो, ₹20 लाख या उससे कम है। इसके अलावा शिकायतकर्ता द्वारा सहन की गई मानसिक पीड़ा / उत्पीड़न के एवज में ओम्बड्समैन ₹1 लाख रुपये तक की क्षतिपूर्ति दे सकता है, जैसा की प्रश्न 23 में बताया गया है।
शिकायत प्राप्त होने पर, यह आंकलन करने के लिए जांच की जाती है, कि क्या यह शिकायत स्वीकार्य या अस्वीकार्य है (जैसा कि प्रश्न 14 में बताया गया है)। यदि शिकायत को अस्वीकार्य पाया जाता है, तो शिकायत बंद कर दी जाती है, और शिकायतकर्ता को उस संबंध में उपयुक्त रूप से सूचित किया जाता है।
स्वीकार्य शिकायत के लिए आईबीआई ओम्बड्समैन शिकायतकर्ता और विनियमित संस्था के बीच समझौते द्वारा शिकायत के निपटान को बढ़ावा देने का प्रयास करेगा। यदि पक्षकारों के बीच शिकायत का एक सौहार्दपूर्ण समाधान हो जाता है, तो इसे अभिलिखित किया जाएगा व पक्षकारों द्वारा हस्ताक्षरित किया जाएगा। चूंकि पक्षकारों ने इस पर अपने हस्ताक्षर करके समझौते के लिए सहमति व्यक्त की है, यह दोनों पक्षों पर बाध्यकारी हो जाता है और ओम्बड्समैन द्वारा कोई औपचारिक निर्णय जारी नहीं किया जाता है।
यदि मामले का समाधान समझौते (सुविधा या सुलह या मध्यस्थता) के माध्यम से नहीं होता है, तो ओम्बड्समैन, दोनों पक्षों को एक उचित अवसर देने के बाद (और उनके समक्ष रखे गए अभिलेख, बैंकिंग विधि के सिद्धांतों और प्रथाओं, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी निदेशों, अनुदेशों और दिशानिर्देशों और ऐसे अन्य कारक जो उनकी राय में शिकायत पर निर्णय लेने के लिए प्रासंगिक हैं, के आधार पर) एक अधिनिर्णय पारित कर सकता है (विशिष्ट प्रदर्शन के लिए विनियमित संस्था को निर्देशित करते हुए) या शिकायत को अस्वीकार कर सकता है (यदि यह पाया जाता है कि आरई प्रचलित मानदंडों और प्रथाओं का पालन कर रही है)। शिकायत का निष्कर्ष शिकायतकर्ता और आरई दोनों को सूचित किया जाता है।
हां, आरबीआई ओम्बड्समैन कार्यालय से परामर्श और आरबीआई ओम्बड्समैन कार्यालय द्वारा दी गई आवश्यकता के अधीन सुलह बैठक आरबीआई की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा के माध्यम से वर्चुअल रूप से आयोजित की जा सकती है, जिसके लिए निकटतम आरबीआई कार्यालय, या संबंधित बैंक की किसी भी नजदीकी शाखा में जाना पड़ सकता है या वेबएक्स आदि जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से आयोजित की जा सकती है। ऑडियो कॉन्फ्रेंस कॉल भी संभव है।
हाँ। आरबी-आइओएस, 2021 के खंड 16 के अनुसार, आरबीआई ओम्बड्समैन किसी भी स्तर पर शिकायत को अस्वीकार कर सकता है, यदि शिकायत:
- आरबी-आइओएस, 2021 के खंड 10 के तहत अस्वीकार्य है;
- शिकायत, सुझाव देने या मार्गदर्शन या स्पष्टीकरण मांगने की प्रकृति की है;
- ओम्बड्समैनकी राय में सेवा में कोई कमी नहीं है;
- परिणामी हानि के लिए मांगी गई क्षतिपूर्ति, आरबी-आइओएस, 2021 में दर्शाए गए अनुसार ओम्बड्समैन की क्षतिपूर्ति देने के अधिकार से परे है (कृपया प्रश्न 22 देखें);
- शिकायतकर्ता द्वारा उचित तत्परता के साथ आगे की कार्रवाई नहीं की गई है;
- शिकायत बिना किसी उचित कारण के हो;
- शिकायत के लिए विस्तृत दस्तावेज़ी और मौखिक साक्ष्य पर विचार करने की आवश्यकता है और ओम्बड्समैन के समक्ष की कार्यवाही ऐसी शिकायत के न्यायनिर्णयन के लिए उपयुक्त नहीं है;
- ओम्बड्समैन की राय में, शिकायतकर्ता को कोई वित्तीय हानि या क्षति, या असुविधा नहीं हुई है।
उप ओम्बड्समैन किसी शिकायत को केवल निम्नलिखित आधारों पर अस्वीकार कर सकता है:
- आरबी-आइओएस, 2021 के खंड 10 के तहत अस्वीकार्य है;
- शिकायत, सुझाव देने या मार्गदर्शन या स्पष्टीकरण मांगने की प्रकृति की है।
यदि ओम्बड्समैन संतुष्ट है कि आरई की ओर से सेवा में कमी है और ओम्बड्समैन द्वारा अनुमत निर्दिष्ट अवधि के भीतर शिकायत का निपटान समझौते द्वारा नहीं किया जाता है, तो आरबीआई ओम्बड्समैन एक अधिनिर्णय पारित कर सकता है, यदि लागू हो। अधिनिर्णय पारित करने से पूर्व, ओम्बड्समैन शिकायतकर्ता और आरई को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का उचित अवसर प्रदान करता है।
शिकायतकर्ता अधिनिर्णय को पूर्ण और अंतिम निपटान के रूप में स्वीकार कर सकता है या इसे अस्वीकार कर सकता है। हालांकि, यदि वह अधिनिर्णय स्वीकार करना चाहता है, तो यह अनिवार्य है कि शिकायतकर्ता 30 दिन के भीतर संबंधित आरई को अपना स्वीकृति पत्र प्रस्तुत करे, ऐसा न करने पर, अधिनिर्णय समाप्त हो जाएगा।
यदि आरई उचित समय जैसा कि आरबीआई ओम्बड्समैन द्वारा तय किया जा सकता है, के भीतर आरबीआई ओम्बड्समैन के निर्णय का पालन नहीं करती है तो सेवा में स्पष्ट कमियां होने पर ओम्बड्समैनएक अधिनिर्णय पारित कर सकता है। शिकायतकर्ता द्वारा अधिनिर्णय स्वीकार करने के 30 दिन के भीतर, अन्यथा कि आरई ने अपील दायर की हो, आरई द्वारा अधिनिर्णय का अनुपालन किया जाना चाहिए।
हां, आरबी-आइओएस, 2021 योजना के अपीलीय खंडों के तहत बंद शिकायतों के लिए शिकायतकर्ता तथा आरई के लिए अपील का प्रावधान है। शिकायत के अधिनिर्णय (निर्धारित समय के भीतर उचित और संतोषजनक जानकारी प्रस्तुत न करने के लिए जारी किए गए अधिनिर्णय के संबंध में आरई को छोड़कर) या योजना के किसी अपीलीय खंड अर्थात खंड 16 (2) के उप-खंड (ग) से (च) के तहत अस्वीकृति से पीड़ित कोई भी व्यक्ति,अधिनिर्णय की सूचना प्राप्त होने (या आरई के मामले में शिकायतकर्ता द्वारा अधिनिर्णय की स्वीकृति की तिथि से) या शिकायत की अस्वीकृति की तिथि के 30 दिन के भीतर आरबीआई में अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील दायर कर सकता है।
अपीलीय प्राधिकारी की शक्तियां योजना को कार्यान्वित करने वाले भारतीय रिज़र्व बैंक के विभाग के प्रभारी कार्यपालक निदेशक के पास निहित हैं। अपीलीय प्राधिकारी का पता है:
अपीलीय प्राधिकारी
रिज़र्व बैंक-एकीकृत ओम्बड्समैन योजना, 2021
उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण विभाग
भारतीय रिज़र्व बैंक
प्रथम तल, अमर भवन, फोर्ट, मुंबई- 400 001
बंद की गई शिकायत के लिए अपील सीएमएस पोर्टल (https://cms.rbi.org.in) के माध्यम से दर्ज की जा सकती है। वैकल्पिक रूप से, अपील ई-मेल के माध्यम से aaos@rbi.org.in पर भी भेजी जा सकती है।
इसके अतिरिक्त, यदि शिकायतकर्ता ओम्बड्समैन द्वारा प्रदान किए गए समाधान से संतुष्ट नहीं है, तो वह कानून के अनुसार अन्य उपायों और / या उपलब्ध उपचारों का पता लगाने के लिए स्वतंत्र है।
नहीं। अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनी जमाकर्ता द्वारा जमा की गई किसी भी राशि या उस पर अर्जित किसी भी ब्याज, प्रीमियम, बोनस या अन्य लाभ को जब्त नहीं कर सकती है।
अपीलीय खंडों के तहत बंद की गई शिकायत को खारिज करने के आरबीआई ओम्बड्समैन के अधिनिर्णय या निर्णय के विरूद्ध अपील अधिनिर्णय की सूचना प्राप्त होने या शिकायत की अस्वीकृति की तिथि के 30 दिन के भीतर दायर की जा सकती है। अपीलीय प्राधिकारी, यदि संतुष्ट है कि आवेदक के पास निर्दिष्ट समय के भीतर अपील दायर नहीं करने का पर्याप्त कारण था, तो 30 दिन से अनधिक अवधि के विस्तार की अनुमति भी दे सकता है।
अपीलीय प्राधिकारी, अपील और संबंधित दस्तावेजों की जांच करने के बाद, निम्नानुसार कार्य कर सकता है:
- अपील को खारिज कर सकता है; या
- अपील की अनुमति देते हुए आरबीआई ओम्बड्समैन के अधिनिर्णय/आदेश को रद्द कर सकता है; या
- ओम्बड्समैन को मामला नए सिरे से निपटान हेतु इन निदेशों के साथ, जो अपीलीय प्राधिकारी आवश्यक या उचित समझे, वापस भेजा जा सकता है; या
- ओम्बड्समैन के अधिनिर्णय/आदेश को संशोधित कर, ऐसे संशोधित आदेश या अधिनिर्णय को प्रभावी करने के लिए आवश्यक निदेश दे सकता है; या
- कोई अन्य आदेश, जो उसे उचित लगे, पारित कर सकता है।
इसके अतिरिक्त, अपीलीय प्राधिकारी के आदेश का प्रभाव आरबीआई ओम्बड्समैन द्वारा पारित निर्णय या शिकायत को खारिज करने वाले आदेश जैसा ही होगा।
हाँ। योजना के तहत शिकायतकर्ता द्वारा किसी भी स्तर पर शिकायत वापस ली जा सकती है। शिकायत वापस लेने के लिए शिकायतकर्ता शिकायत प्रबंध प्रणाली पोर्टल (https://cms.rbi.org.in) पर लॉग ऑन कर ‘शिकायत ट्रैक करें’ टैब पर जा सकता है।
योजना निम्न लिंक पर उपलब्ध है - /documents/87730/38689832/RBIOS2021_12112021.pdf
हाँ। शिकायतकर्ता आरबीआई के सीएमएस पोर्टल (https://cms.rbi.org.in ) पर लॉग ऑन कर ‘फीडबैक’ टैब के तहत अपनी प्रतिक्रिया साझा कर सकते हैं। आरबी-आइओएस, 2021 के तहत शिकायत निवारण में और अधिक सुधार के लिए आरबीआई में इस फीडबैक का विश्लेषण किया जाता है।
ऑनलाइन पोर्टल (https://cms.rbi.org.in ) दो भाषाओं अर्थात हिंदी और अंग्रेजी में शिकायत दर्ज करने में सक्षम बनाता है। हालांकि, शिकायत के तथ्यों/विवरण को विवरण बॉक्स में 2,000 वर्णों तक किसी भी भाषा में टाइप, कॉपी और पेस्ट किया जा सकता है। भौतिक और ईमेल शिकायतें किसी भी भाषा में दर्ज की जा सकती हैं।
समष्टि स्तर: आरबीआई आरबी-आइओएस, 2021 और संबंधित मामलों पर विभिन्न माध्यमों से जागरूकता उत्पन्न करता है जिसमें निम्न शामिल हैं:
- ‘आरबीआई कहता है’ टैग लाइन के साथ जागरूकता अभियानों का आयोजन किया गया जो आरबीआई की वेबसाइट https://website.rbi.org.in/en/web/rbi/rbi-kehta-hai/sachet-portal पर मौजूद है।
- जागरूकता संबंधी संदेश आरबीआई की वेबसाइट के साथ-साथ सीएमएस पोर्टल पर भी अपलोड किए गए हैं। इनमें मोबाइल ऐप/यूपीआई/क्यूआर कोड आदि का उपयोग करके धोखाधड़ी सहित साइबर अपराध संबंधी जागरूकता शामिल है।
- अनाधिकृत संस्थाओं द्वारा जमा राशि के अवैध संग्रह संबंधी जागरूकता संदेश सचेत पोर्टल https://website.rbi.org.in/en/web/rbi/rbi-kehta-hai/sachet-portal. पर होस्ट किए गए।
- विभिन्न मल्टीमीडिया चैनलों में संदेश प्रसारित किए गए, जिसमें प्राइम टाइम के दौरान प्रसारित संदेश भी शामिल हैं।
- आरबीआई ने दो पुस्तिकाएं जारी की हैं। एक धोखेबाजों द्वारा उपयोग की जाने वाली सामान्य कार्यप्रणाली और विभिन्न वित्तीय लेनदेन करते समय बरती जाने वाली सावधानियों पर 'बी (ए) वेयर'नामक पुस्तिका है और दूसरी 'राजू और चालीस चोर', जिसमें ऐसी चालीस कहानियां शामिल हैं, जो धोखेबाजों द्वारा अपनाए जाने वाले विभिन्न धोखाधड़ी के तरीकों की झलक दिखाती है और इस प्रकार की घटनाओं से बचाव के लिए ‘क्या करें और क्या न करें’ के बारे में सरल उपाय प्रदान करती है।
- सभी बैंक अपने ग्राहकों को बार-बार एसएमएस/ईमेल भेजते हैं, जिसमें विभिन्न प्रकार की धोखाधड़ी के तौर-तरीकों और इस तरह की धोखाधड़ी से खुद को बचाने के लिए ग्राहक की ओर से बरती जाने वाली आवश्यक सावधानी का विवरण दिया जाता है ।
- ‘क्या करें और क्या न करें’ की सूची आरबीआई की वेबसाइट पर टिकर के रूप में प्रकाशित की गई है।
उपर्युक्त के अलावा आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालयों, वित्तीय साक्षरता केन्द्रों (सीएफएल / एफएलसी) द्वारा आयोजित विभिन्न आउटरीच कार्यक्रम, विशिष्ट जागरूकता कार्यक्रम, टाउन हॉल कार्यक्रम का आयोजन और आरबीआई ओम्बड्समैन कार्यालयों के माध्यम से विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर सूचना/संदेशों का प्रदर्शन नियमित रूप से किया जा रहा है। ‘ओम्बड्समैन स्पीक का आयोजन मार्च माह में और उसका दोहराव अक्टूबर माह में प्रतिवर्ष किया जाता है ।
असफल या 'विफल' लेनदेन के कारण बड़ी संख्या में ग्राहकों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने 20 सितंबर 2019 को प्राधिकृत भुगतान प्रणालियों का उपयोग करते हुए विफल हुए लेनदेन के लिए टर्न अराउंड टाइम (टीएटी) और ग्राहक क्षतिपूर्ति को सुसंगत बनाने हेतु एक परिपत्र जारी किया। जिसमें असफल लेनदेन के मामले में धन को वापस करने के लिए टीएटी निर्धारित है। इसके अलावा, यदि विनियमित संस्था की ओर से धन वापस करने में में देरी होती है तो परिपत्र में इस हेतु एक क्षतिपूर्ति तंत्र भी निर्धारित किया गया है। परिपत्र का विवरण निम्न लिंक पर उपलब्ध है: https://website.rbi.org.in/hi/web/rbi/-/notifications/harmonisation-of-turn-around-time-tat-and-customer-compensation-for-failed-transactions-using-authorised-payment-systems-11693
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022