भारतीय रिजर्व बैंक अभिलेखागार, पुणे - आरबीआई - Reserve Bank of India
हमारे बारे में
भारतीय रिज़र्व बैंक अभिलेखागार, पुणे
भारतीय रिज़र्व बैंक अभिलेखागार (आरबीआईए) पुणे जो पहले केंद्रीय रिकार्ड्स और दस्तावेजीकरण केंद्र (सीआरडीसी) के नाम से जाना जाता था की स्थापना 24 अगस्त 1981 को निम्नलिखित दो उद्देशों से की गयी। अप्रचलित स्थायी अभिलेखों का संग्रह करना तथा केंद्रीय अभिलेखागार के रूप में अनुसंधान करना। डॉ. आर एल साहू, मुख्य पुरालेखपाल / उप महाप्रबंधक भारतीय रिज़र्व बैंक अभिलेखागार के प्रमुख है। विशेषज्ञ अधिकारी, जैसे की पुरालेखपाल, रसायनज्ञ, सहायक पुरालेखपाल, सहायक ग्रंथपाल तथा सामान्य कैडर के कर्मचारी उनको सहायता प्रदान करते हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक अभिलेखागार, आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग, केंद्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई के तहत कार्य करता है।कृषि बैंकिंग महाविद्यालय (कृबैंम), भारतीय रिज़र्व बैंक, पुणे भारतीय रिज़र्व बैंक अभिलेखागार को उसकी स्थापना के बाद से प्रशासनिक सहायता प्रदान कर रहा है।
विजन
भावी पीढ़ी के लिए, इलेक्ट्रॉनिक रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक के सभी स्थायी रिकार्डों के वैज्ञानिक संरक्षण के सर्वोत्तम मानकों को अपनाकर, अभिलेखागार के रूप में उत्कृष्टता पाना।
मिशन
अपने अभिलेखीय संसाधनों के भाग के रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक के अमूल्य अभिलेख को संरक्षित करना और सक्षम एवं प्रतिबद्ध कर्मचारियों तथा उपलब्ध कला प्रौद्योगिकी के अनुभव का लाभ उठाते हुए वर्तमान और भावी पीढ़ियों को संदर्भ और शोध के लिए उन्हें उपलब्ध कराना।
भारतीय रिज़र्व बैंक अभिलेखागार के कार्य
- 12 वर्ष या उससे पहले या केंद्रीय कार्यालय के संबंधित विभाग द्वारा निर्धारित की गयी अवधि में बंद हो चूके बैंक के ऐतिहासिक या विधिक महत्व वाले अप्रचलित रिकार्ड की प्राप्ति।
- रिकार्ड, फोटो और पेंटिंग का वैज्ञानिक संरक्षण। विभिन्न कीटों से रिकार्ड को बचाने के लिए, कार्यालयों / विभागों से प्राप्त रिकार्ड्स को वैक्यूम फ्यूमिगेशन चैंबर में फ्यूमिगेट करना। इसके अलावा, भंगुर और नाजुक अभिलेखों की वैज्ञानिक रूप से एसीटेट पन्नी, टिशू पेपर और हस्तनिर्मित कागज से मरम्मत करना।
- बैंक के सभी विभागों तथा कार्यालयों को और बाहर के संस्थानों और शोधकर्ताओं को पुनर्प्राप्ति सेवाओं और अनुसंधान सुविधाएं प्रदान करना।
- भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रकाशित किताबें, रिपोर्ट्स, पत्रिकाएं, मैनुअल्स, ब्रोशर आदि प्रकाशनों की तीन प्रतियों का अभिलेखीय पुस्तकालय में रखरखाव।
- संदर्भ मीडिया जैसे अभिलेखों और प्रकाशन के संबंध में अनुक्रमित सूची तैयार करना।
- बैंक में अभिलेख प्रबंधन के संबंध में एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करना और बैंक के सभी विभागों और कार्यालयों में अभिलेख और रिकार्ड्स प्रबंधन नीति (एआरएमपी) के कार्यान्वयन पर नजर रखना।
- मौखिक इतिहास रिकार्डिंग्ज का संरक्षण करना।
- बैंक के इतिहास से संबंधित सामयिक विषयों पर प्रदर्शनियों का आयोजन करना।
- डिजिटाइजेशन और अभिलेखों की माइक्रोफ़िल्मिंग करना।
अभिलेखों तक पहुंच
भारतीय रिज़र्व बैंक ऐतिहासिक अनुसंधान नियम 2001 के अनुसार कुछ अपवादों और निर्माण एजेंसियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के अधीन विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों के अनुसंधान विद्वानों, स्नातकोत्तर छात्रों के साथ-साथ भारतीय रिज़र्व बैंक और अन्य बैंकों के कर्मचारियों के सदस्य 30 वर्ष से अधिक पुराने अप्रचलित अभिलेखों तक पहुंच सकते हैं।
अभिलेखागार में सभी कार्य दिवसों पर (सोम-शुक्र) 9.15 बजे से शाम 5 बजे तक अनुसंधान सुविधाओं का उपयोग किया जा सकता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक अभिलेखागार संग्रहालय
भारतीय रिज़र्व बैंक अभिलेखागार के परिसर में 1 जून, 2010 को संग्रहालय का उद्घाटन किया गया था। संग्रहालय भारतीय रिज़र्व बैंक के इतिहास से संबंधित विषयों पर अभिलेखागार से संबंधित दस्तावेजों का संग्रह करता है और बैंक के केंद्रीय कार्यालय के विभागों और क्षेत्रीय कार्यालयों से प्राप्त कुछ कलाकृतियों का संग्रह करता है।
संग्रहालय सभी कार्य दिवसों पर (सोम-शुक्र) दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक जनता के लिए खुला रहता है।
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मुख्य पुरालेखपाल
भारतीय रिज़र्व बैंक अभिलेखागार
कृषि बैंकिंग महाविद्यालय परिसर
भारतीय रिज़र्व बैंक, यूनिवर्सिटी रोड
पुणे - भारत, पिन: 411016