प्रेस प्रकाशनियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
29 सितंबर 2023 दिनांक 28 सितंबर 2023 को मुद्रा बाजार परिचालन (राशि करोड़ ₹ में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 28,923.54 6.78 5.00-7.24 I. मांग मुद्रा 841.00 6.59 5.80-6.85 II. ट्राइपार्टी रेपो 27,261.00 6.78 5.00-7.24 III. बाज़ार रेपो 821.54 6.78 6.20-6.90 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 0.00 - - ख. मीयादी खंड I. सूचना मुद्रा** 103.70 6.64 5.80-6.85 II. मीयादी मुद्रा@@ 40.00 - 6.95-6.95 III. ट्राइपार्टी रेपो 3,412.80 6.74 6.40-6.95 IV. बाज़ार रेपो 2,912.90 6.35 6.25-6.50 V. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 0.00 - - भारतीय रिज़र्व बैंक परिचालन@
29 सितंबर 2023 दिनांक 28 सितंबर 2023 को मुद्रा बाजार परिचालन (राशि करोड़ ₹ में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 28,923.54 6.78 5.00-7.24 I. मांग मुद्रा 841.00 6.59 5.80-6.85 II. ट्राइपार्टी रेपो 27,261.00 6.78 5.00-7.24 III. बाज़ार रेपो 821.54 6.78 6.20-6.90 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 0.00 - - ख. मीयादी खंड I. सूचना मुद्रा** 103.70 6.64 5.80-6.85 II. मीयादी मुद्रा@@ 40.00 - 6.95-6.95 III. ट्राइपार्टी रेपो 3,412.80 6.74 6.40-6.95 IV. बाज़ार रेपो 2,912.90 6.35 6.25-6.50 V. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 0.00 - - भारतीय रिज़र्व बैंक परिचालन@
29 सितंबर 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर श्री स्वामीनाथन जे की अध्यक्षता में एमएसएमई को ऋण प्रवाह की समीक्षा के लिए स्थायी सलाहकार समिति की 28वीं बैठक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को ऋण के प्रवाह की समीक्षा करने के लिए स्थायी सलाहकार समिति (एसएसी) की 28वीं बैठक 29 सितंबर 2023 को लखनऊ में भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर श्री स्वामीनाथन जे की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में एमएसएमई मंत्रालय और वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियो; अध्यक्ष, सिडबी, कार्यपालक निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक, प्रमुख बैंकों और नाबार्ड के वरिष्ठ प्रबंधन, सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी निधि ट्रस्ट, नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, भारतीय बैंक संघ और एमएसएमई संघों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
29 सितंबर 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर श्री स्वामीनाथन जे की अध्यक्षता में एमएसएमई को ऋण प्रवाह की समीक्षा के लिए स्थायी सलाहकार समिति की 28वीं बैठक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को ऋण के प्रवाह की समीक्षा करने के लिए स्थायी सलाहकार समिति (एसएसी) की 28वीं बैठक 29 सितंबर 2023 को लखनऊ में भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर श्री स्वामीनाथन जे की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में एमएसएमई मंत्रालय और वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियो; अध्यक्ष, सिडबी, कार्यपालक निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक, प्रमुख बैंकों और नाबार्ड के वरिष्ठ प्रबंधन, सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी निधि ट्रस्ट, नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, भारतीय बैंक संघ और एमएसएमई संघों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
भारतीय रिज़र्व बैंक – बुलेटिन साप्ताहिक सांख्यिकी संपूरक – सारांश 1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां* (₹ करोड़) मद 2022 2023 घट-बढ़ 16 सितंबर 8 सितंबर 15 सितंबर सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 6178 24915 16939 -7976 10761 * आंकडे अनंतिम हैं। 2. विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि* मद 15 सितंबर 2023 तक निम्नलिखित अवधि में घट-बढ़ सप्ताह मार्च 2023 की समाप्ति पर वर्ष ₹ करोड़ मिलियन अ.$ ₹ करोड़ मिलियन अ.$ ₹ करोड़ मिलियन अ.$ ₹ करोड़ मिलियन अ.$
भारतीय रिज़र्व बैंक – बुलेटिन साप्ताहिक सांख्यिकी संपूरक – सारांश 1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां* (₹ करोड़) मद 2022 2023 घट-बढ़ 16 सितंबर 8 सितंबर 15 सितंबर सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 6178 24915 16939 -7976 10761 * आंकडे अनंतिम हैं। 2. विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि* मद 15 सितंबर 2023 तक निम्नलिखित अवधि में घट-बढ़ सप्ताह मार्च 2023 की समाप्ति पर वर्ष ₹ करोड़ मिलियन अ.$ ₹ करोड़ मिलियन अ.$ ₹ करोड़ मिलियन अ.$ ₹ करोड़ मिलियन अ.$
29 सितंबर 2023भारतीय रिज़र्व बैंक ने लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ, उत्तर प्रदेशका लाइसेंस रद्द कियाभारतीय रिज़र्व बैंक ने आज दिनांक 28 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा “लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश” का लाइसेंस रद्द कर दिया है। परिणामस्वरूप, बैंक 29 सितंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। आयुक्त एवं रजिस्ट्रार, सहकारिता, उत्तर प्रदेश से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्न कारणों से बैंक का लाइसेंस रद्द किया:बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और आय की संभावनाएं नहीं हैं। इस प्रकार, यह बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 11 (1) और धारा 22 (3) (डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है;बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धाराओं 22 (3) (ए), 22 (3) (बी), 22 (3) (सी), 22 (3) (डी) और 22 (3) (ई) की अपेक्षाओं के अनुपालन में विफल रहा है;बैंक का बने रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के प्रतिकूल है;बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूर्ण भुगतान करने में असमर्थ होगा; तथायदि बैंक को अपने बैंकिंग व्यवसाय को जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो जनहित प्रतिकूल रूप से प्रभावित होगा।2. लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप, “लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश” को तत्काल प्रभाव से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 5 (बी) में यथापरिभाषित 'बैंकिंग' कारोबार, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ जमाराशियों को स्वीकार करने और जमाराशियों की चुकौती करना शामिल हैं, करने से प्रतिबंधित किया गया है ।3. परिसमापन के बाद, प्रत्येक जमाकर्ता, डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अंतर्गत, निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से₹5,00,000/- (पांच लाख रुपये मात्र) की मौद्रिक सीमा तक अपने जमाराशि के संबंध में जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा। बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 99.53% जमाकर्ता डीआईसीजीसी से उनकी पूरी जमाराशि प्राप्त करने के हकदार हैं।(योगेश दयाल)मुख्य महाप्रबंधकप्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1023
29 सितंबर 2023भारतीय रिज़र्व बैंक ने लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ, उत्तर प्रदेशका लाइसेंस रद्द कियाभारतीय रिज़र्व बैंक ने आज दिनांक 28 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा “लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश” का लाइसेंस रद्द कर दिया है। परिणामस्वरूप, बैंक 29 सितंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। आयुक्त एवं रजिस्ट्रार, सहकारिता, उत्तर प्रदेश से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्न कारणों से बैंक का लाइसेंस रद्द किया:बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और आय की संभावनाएं नहीं हैं। इस प्रकार, यह बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 11 (1) और धारा 22 (3) (डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है;बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धाराओं 22 (3) (ए), 22 (3) (बी), 22 (3) (सी), 22 (3) (डी) और 22 (3) (ई) की अपेक्षाओं के अनुपालन में विफल रहा है;बैंक का बने रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के प्रतिकूल है;बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूर्ण भुगतान करने में असमर्थ होगा; तथायदि बैंक को अपने बैंकिंग व्यवसाय को जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो जनहित प्रतिकूल रूप से प्रभावित होगा।2. लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप, “लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश” को तत्काल प्रभाव से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 5 (बी) में यथापरिभाषित 'बैंकिंग' कारोबार, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ जमाराशियों को स्वीकार करने और जमाराशियों की चुकौती करना शामिल हैं, करने से प्रतिबंधित किया गया है ।3. परिसमापन के बाद, प्रत्येक जमाकर्ता, डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अंतर्गत, निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से₹5,00,000/- (पांच लाख रुपये मात्र) की मौद्रिक सीमा तक अपने जमाराशि के संबंध में जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा। बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 99.53% जमाकर्ता डीआईसीजीसी से उनकी पूरी जमाराशि प्राप्त करने के हकदार हैं।(योगेश दयाल)मुख्य महाप्रबंधकप्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1023
दिनांक 28 सितंबर 2023 को आयोजित हामीदारी नीलामियों के परिणाम निम्नलिखित सरकारी प्रतिभूतियों की अतिरिक्त प्रतिस्पर्धी हामीदारी (एसीयू) के लिए 28 सितंबर 2023 को आयोजित हामीदारी नीलामियों में भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिक व्यापारियों को देय हामीदारी कमीशन के लिए कट-ऑफ दर निम्नानुसार निर्धारित की हैं: (₹ करोड़) प्रतिभूति का नामअधिसूचित राशिन्यूनतम हामीदारी वायदा (एमयूसी) की राशिअतिरिक्त प्रतिस्पर्धी हामीदारी की स्वीकृत राशिहामीदारी की कुल राशिएसीयू कमीशन की कट-ऑफ द (पैसे प्रति ₹100) 6.99% जीएस 20268,0004,0113,9898,0000.63 7.17% जीएस 20307,0003,5073,4937,0000.48 7.18% जीएस 203712,0006,0065,99412,0001.40 7.25% जीएस 206312,0006,0065,99412,0001.80 प्रतिभूतियों की बिक्री के लिए नीलामी 28 सितंबर 2023 को आयोजित की जाएगी।
दिनांक 28 सितंबर 2023 को आयोजित हामीदारी नीलामियों के परिणाम निम्नलिखित सरकारी प्रतिभूतियों की अतिरिक्त प्रतिस्पर्धी हामीदारी (एसीयू) के लिए 28 सितंबर 2023 को आयोजित हामीदारी नीलामियों में भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिक व्यापारियों को देय हामीदारी कमीशन के लिए कट-ऑफ दर निम्नानुसार निर्धारित की हैं: (₹ करोड़) प्रतिभूति का नामअधिसूचित राशिन्यूनतम हामीदारी वायदा (एमयूसी) की राशिअतिरिक्त प्रतिस्पर्धी हामीदारी की स्वीकृत राशिहामीदारी की कुल राशिएसीयू कमीशन की कट-ऑफ द (पैसे प्रति ₹100) 6.99% जीएस 20268,0004,0113,9898,0000.63 7.17% जीएस 20307,0003,5073,4937,0000.48 7.18% जीएस 203712,0006,0065,99412,0001.40 7.25% जीएस 206312,0006,0065,99412,0001.80 प्रतिभूतियों की बिक्री के लिए नीलामी 28 सितंबर 2023 को आयोजित की जाएगी।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सारस्वत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा सारस्वत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20(1)(b)(iii) के प्रावधानों तथा निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और उन फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनका हित है, को ऋण और अग्रिम’ पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के उल्लंघन के लिए ₹23 लाख (तेईस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराएँ 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सारस्वत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा सारस्वत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20(1)(b)(iii) के प्रावधानों तथा निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और उन फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनका हित है, को ऋण और अग्रिम’ पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के उल्लंघन के लिए ₹23 लाख (तेईस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराएँ 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने राजकोट नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, राजकोट पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा राजकोट नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, राजकोट (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'जमाराशि पर ब्याज दर' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹13 लाख (तेरह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराएँ 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि
भारतीय रिज़र्व बैंक ने राजकोट नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, राजकोट पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा राजकोट नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, राजकोट (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'जमाराशि पर ब्याज दर' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹13 लाख (तेरह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराएँ 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि
28 सितंबर 2023भारतीय रिज़र्व बैंक ने बेसिन कैथोलिक को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वसई, महाराष्ट्रपर मौद्रिक दंड लगायाभारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा बेसिन कैथोलिक को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वसई, महाराष्ट्र (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों और 'एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध' पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के उल्लंघन के लिए₹25 लाख (पच्चीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराएँ 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।पृष्ठभूमि31 मार्च 2021 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण तथा जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट, निरीक्षण रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक ने अपने एक निदेशक/ उसकी स्वामित्व वाली फर्म को कई बेजमानती ऋण दिए थे। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि बीआर अधिनियम के प्रावधानों और भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के उल्लंघन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।नोटिस पर बैंक के उत्तर, इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि सांविधिक प्रावधानों तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के उल्लंघन का उपरोक्त आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।(योगेश दयाल)मुख्य महाप्रबंधकप्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1015
28 सितंबर 2023भारतीय रिज़र्व बैंक ने बेसिन कैथोलिक को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वसई, महाराष्ट्रपर मौद्रिक दंड लगायाभारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा बेसिन कैथोलिक को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वसई, महाराष्ट्र (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों और 'एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध' पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के उल्लंघन के लिए₹25 लाख (पच्चीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराएँ 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।पृष्ठभूमि31 मार्च 2021 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण तथा जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट, निरीक्षण रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक ने अपने एक निदेशक/ उसकी स्वामित्व वाली फर्म को कई बेजमानती ऋण दिए थे। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि बीआर अधिनियम के प्रावधानों और भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के उल्लंघन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।नोटिस पर बैंक के उत्तर, इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि सांविधिक प्रावधानों तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के उल्लंघन का उपरोक्त आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।(योगेश दयाल)मुख्य महाप्रबंधकप्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1015
दिनांक 27 सितंबर 2023 को मुद्रा बाजार परिचालन (राशि करोड़ ₹ में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण)भारित औसत दरसीमा क.ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV)463,422.356.770.05-6.90 I. मांग मुद्रा9,782.406.775.00-6.85 II. ट्राइपार्टी रेपो320,314.856.776.75-6.79 III. बाज़ार रेपो133,325.106.790.05-6.90 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो0.00-- ख.मीयादी खंड I. सूचना मुद्रा**592.306.836.10-6.88 II. मीयादी मुद्रा@@92.00-6.55-7.05 III. ट्राइपार्टी रेपो12,928.057.046.35-7.20 IV. बाज़ार रेपो955.006.796.78-6.80 V. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो0.00-- भारतीय रिज़र्व बैंक परिचालन@ नीलामी की तारीखअवधि (दिवस)परिपक्वता की तारीखराशिवर्तमान दर/ कट ऑफ दर ग.चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ़), सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ़) एवं स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ़)
दिनांक 27 सितंबर 2023 को मुद्रा बाजार परिचालन (राशि करोड़ ₹ में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण)भारित औसत दरसीमा क.ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV)463,422.356.770.05-6.90 I. मांग मुद्रा9,782.406.775.00-6.85 II. ट्राइपार्टी रेपो320,314.856.776.75-6.79 III. बाज़ार रेपो133,325.106.790.05-6.90 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो0.00-- ख.मीयादी खंड I. सूचना मुद्रा**592.306.836.10-6.88 II. मीयादी मुद्रा@@92.00-6.55-7.05 III. ट्राइपार्टी रेपो12,928.057.046.35-7.20 IV. बाज़ार रेपो955.006.796.78-6.80 V. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो0.00-- भारतीय रिज़र्व बैंक परिचालन@ नीलामी की तारीखअवधि (दिवस)परिपक्वता की तारीखराशिवर्तमान दर/ कट ऑफ दर ग.चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ़), सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ़) एवं स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ़)
भारत की अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति (आईआईपी), जून 2023 आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने जून 2023 के अंत के भारत की अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति से संबंधित आंकड़े जारी किए [1]। जून 2023 के अंत में भारत के आईआईपी की मुख्य बातें: 2023-24 की पहली तिमाही के दौरान भारत पर अनिवासियों के निवल दावों में 12.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई तथा जून 2023 के अंत में यह 379.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। तिमाही के दौरान अनिवासियों के निवल दावों में वृद्धि भारतीय निवासियों की विदेशी वित्तीय आस्तियों (यूएस $ 24.1 बिलियन) की तुलना में भारत में विदेशी स्वामित्व वाली वित्तीय आस्तियों (यूएस $ 36.2 बिलियन) में उच्चतर वृद्धि के कारण हुई (तालिका 1)। अप्रैल-जून 2023 के दौरान भारतीय निवासियों की विदेशी आस्तियों की वृद्धि में आरक्षित आस्तियों में वृद्धि (16.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का सबसे अधिक योगदान था, इसके बाद प्रत्यक्ष निवेश, ऋण और व्यापार ऋण का स्थान था।
भारत की अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति (आईआईपी), जून 2023 आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने जून 2023 के अंत के भारत की अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति से संबंधित आंकड़े जारी किए [1]। जून 2023 के अंत में भारत के आईआईपी की मुख्य बातें: 2023-24 की पहली तिमाही के दौरान भारत पर अनिवासियों के निवल दावों में 12.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई तथा जून 2023 के अंत में यह 379.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। तिमाही के दौरान अनिवासियों के निवल दावों में वृद्धि भारतीय निवासियों की विदेशी वित्तीय आस्तियों (यूएस $ 24.1 बिलियन) की तुलना में भारत में विदेशी स्वामित्व वाली वित्तीय आस्तियों (यूएस $ 36.2 बिलियन) में उच्चतर वृद्धि के कारण हुई (तालिका 1)। अप्रैल-जून 2023 के दौरान भारतीय निवासियों की विदेशी आस्तियों की वृद्धि में आरक्षित आस्तियों में वृद्धि (16.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का सबसे अधिक योगदान था, इसके बाद प्रत्यक्ष निवेश, ऋण और व्यापार ऋण का स्थान था।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 18, 2024