निदेशक, राष्ट्रीय बैंक प्रबंधन संस्थान (एनआईबीएम), पुणे की नियुक्ति - आरबीआई - Reserve Bank of India
निदेशक, राष्ट्रीय बैंक प्रबंधन संस्थान (एनआईबीएम), पुणे की नियुक्ति
परिचय
राष्ट्रीय बैंक प्रबंधन संस्थान (एनआईबीएम), पुणे की स्थापना 1969 में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एक स्वायत्त शीर्ष संस्था के रूप में भारत सरकार के परामर्श से की गई थी, जिसे बैंकिंग प्रणाली के "थिंक टैंक" की सक्रिय भूमिका निभाने का अधिदेश था। एनआईबीएम को पुणे विश्वविद्यालय द्वारा स्नातकोत्तर अनुसंधान के लिए एक अनुमोदित केंद्र के रूप में और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वैज्ञानिक और औद्योगिक संस्था (एसआईआरओ) के रूप भी मान्यता प्राप्त है।
भारत और विदेशों में बैंकों, वित्तीय संस्थानों और सरकारी संगठनों के लिए एक अग्रणी प्रशिक्षण और प्रमाणन प्रदाता होने के अतिरिक्त, एनआईबीएम अपने प्रमुख कार्यक्रम के रूप में एआईसीटीई अनुमोदित पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज) प्रदान करता है, जिसकी बैंकिंग क्षेत्र में बहुत अधिक मांग है।
पद
संस्था द्वारा निदेशक की नियुक्ति की जानी है, जो संस्था के मुख्य कार्यपालक अधिकारीके रूप में कार्य करेंगे। निदेशक गवार्निंग बोर्ड को रिपोर्ट करेंगे एवं उनके मार्गदर्शन में अपने कार्यों का निर्वहन करेंगे।
भूमिका
निदेशक से यह अपेक्षित है कि वे संकाय और कर्मचारियों को नेतृत्व और प्रेरणा प्रदान करें एवं प्रासंगिक सांविधिक और नियामक अपेक्षाओं के अनुपालन में संस्थान के कार्यों के सामान्य पर्यवेक्षण व नियंत्रण संबंधी कार्यों का निष्पादन करें।
अपेक्षाएं
निदेशक से यह अपेक्षित है कि वह भारत और विदेशों में तेजी से बदलते बैंकिंग/वित्तीय प्रौद्योगिकी परिवेश को ध्यान में रखते हुए संस्थान के अधिदेशों को पूर्ण करें। निदेशक से एनआईबीएम को बैंकिंग और वित्तीय सेवा उद्योग के लिए विश्व स्तरीय क्षमता विकास के लिए एक शीर्ष स्तरीय राष्ट्रीय संस्थान बनाने की भावी अपेक्षा होगी। वह एनआईबीएम की डिजिटल लर्निंग पहल को आगे ले जाएंगे और इसे मुख्यधारा में परिवर्तित करेंगे।
निदेशक से यह भी अपेक्षित है कि वह संस्थान की प्रतिभागिता स्तर को व्यापकता व विविधता प्रदान करेंगे एवं संस्थान की सार्वजनिक प्रकृति के भीतर रहकर से उसे वित्तीय आत्मनिर्भरता भी प्राप्त कराएंगे।
शैक्षणिक अहर्ताएं
स्नातकोत्तर आधारभूत योग्यता है। एमबीए/पीएचडी को अतिरिक्त वेटेज प्रदान किया जाएगा। इस पद हेतु अनुभवी बैंकर व निपुण शिक्षाविद-प्रशासक आदर्श अभ्यर्थी होंगे।
अनुभव
अभ्यर्थियों से अपेक्षित है कि वो वर्तमान में या पूर्व में वाणिज्यिक बैंकों/ विनियामक निकाय/ अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान में मुख्य महाप्रबंधक या उससे ऊपर के पद पर कार्यरत हों/रहें हो अथवा प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान में प्रोफेसर के पद पर हों/रहें हो। अभ्यर्थी की अधिमानत आयु आवेदन प्राप्त होने की अंतिम तिथि को 60वर्ष से कम होनी चाहिए।
वेतन
वर्तमान में इस पद पर रु.2,25,000/- प्रति माह एवं केंद्रीय सरकार के नियमों के अनुरूप डीए भत्ता प्रदान किया जाता है। निदेशक को परिसर के भीतर पूर्ण रूप से सुसज्जित आवास भी प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, पदाधिकारी उनके द्वारा किए गए कंसल्टेंसी कार्यों से हुई आय की 30% राशि प्रतिधारित करने हेतु पात्र होंगे।
कार्यकाल
निदेशक की नियुक्ति कार्यकाल आधार पर तीन वर्ष के लिए होगी, जिसे 5 वर्षों या अधिकतम 65 वर्ष की आयु, जो भी पूर्व हो, तक बढ़ाया जा सकता है।
आवेदन प्रस्तुत करना एवं अंतिम तिथि
विस्तृत जीवनवृत्त (सिर्फ निर्धारित प्रारूप में) के साथ आवेदन डाक से एनआईबीएम सर्च समिति 2020, द्वारा कॉर्पोरेट कार्यनीति और बजट विभाग, केंद्रीय कार्यालय, भारतीय रिजर्व बैंक, मुख्य भवन, द्वितीय मंज़िल, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई 400001 को या ईमेल से, हर हाल में 06 सितंबर 2020 को शाम 5.30 बजे तक, भेजा जा सकता है।
सर्च समिति के पास आमंत्रण के माध्यम से पद को भरने का सर्वाधिकार सुरक्षित है। प्रतिष्ठित व्यक्ति सर्च समिति को निदेशक पद हेतु नामों का सुझाव देने हेतु आमंत्रित है।