अमानाथ को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बेंगलूरु – बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत सभी समावेशी निदेशों की अवधि बढ़ाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
अमानाथ को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बेंगलूरु – बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत सभी समावेशी निदेशों की अवधि बढ़ाना
4 जुलाई 2017 अमानाथ को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बेंगलूरु – बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) आम जनता की सूचना के लिए एतदद्वारा अधिसूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि आम जनता के हित में अमानाथ को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बेंगलूरु अंतिम बार 29 दिसंबर 2016 को जारी बाद के निदेशों के साथ पठित 1 अप्रैल 2013 के निदेश की परिचालन अवधि और छह महीनों के लिए बढ़ाना आवश्यक है। तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35क की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए इसके जरिए निदेश देता है कि अमानाथ को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बेंगलूरु को 1 अप्रैल 2013 को जारी समय-समय पर संशोधित निदेश जिसकी वैधता अंतिम बार 4 जुलाई 2017 तक बढ़ाई गई थी, वह 5 जुलाई 2017 से 4 जनवरी 2018 तक छह महीनों की और अवधि के लिए बैंक पर समीक्षाधीन लागू रहेगा संदर्भाधीन निदेश के अन्य निबंधन और शर्तें अपरिवर्तित रहेंगे। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेश का यह अर्थ नहीं निकाला जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने उक्त बैंक का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है। उक्त बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करता रहेगा। रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2017-2018/27 |