बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दी मराठा सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दी मराठा सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
30 दिसंबर 2019 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 ए के अंतर्गत दी मराठा सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 31 अगस्त 2016 के निदेश सं.डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-आई.नं.डी-4/12.22.141/2016-17 के माध्यम से दिनांक 31 अगस्त, 2016 की कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधी को दिनांक 25 सितम्बर 2019 के आदेश सं.डीसीबीआर.सीओ.एआईडी./नं.डी-20/12.22.140/2019-20 के माध्यम से समीक्षा के अधीन रखते हुए बढ़ाया गया था और ये निदेश दिनांक 31 दिसम्बर 2019 तक वैध हैं । 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उपधारा (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए समय समय पर यथासंशोधित किए गए दिनांक 31 अगस्त 2016 के निदेश सं.डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-आई.नं.डी-4/12.22.141/2016-17 जिनकी वैधता अवधि दिनांक 31 दिसम्बर 2019 तक बढाई गई थी, अब बैंक पर दिनांक 01 जनवरी 2020 से दिनांक 31 मार्च 2020 तक आगे तीन महीनों के लिए वैध रहेंगे जिसकी सूचना दिनांक 20 दिसम्बर 2019 के निदेश सं.डीओआर.सीओ.एआईडी./नं.डी-43/12.22.140/2019-20 के माध्यम से दी गई है, तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे। 3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य नियम और शर्ते अपरिवर्तित रहेंगी। उपरोक्त वैधता को सूचित करनेवाले दिनांक 20 दिसम्बर 2019 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता की सूचना के लिए लगाई गई है। 4. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढाने या/ और संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1543 |