बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश- ब्रह्मवर्त कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लि., कानपुर, उत्तर प्रदेश -संशोधन - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश- ब्रह्मवर्त कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लि., कानपुर, उत्तर प्रदेश -संशोधन
30 सितंबर 2015 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35क भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचित करता है कि ब्रह्मवर्त कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लि., कानपुर पर लागू निदेशों के आंशिक रूप से संशोधित करते हुए दिनांक 23 सितम्बर 2015 के निदेश द्वारा शिथिल किया जा रहा है। अब संशोधित निदेश में दी गई शर्तों के अधीन प्रत्येक जमाकर्ता को ₹ 40,000/- (चालीस हजार मात्र, पहले अनुमत ₹ 1,000/- सहित) तक की राशि आहरित करने की अनुमति है। 30 जून, 2015 के हमारे पहले निदेश के अन्य सभी प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे तथा यह निदेश 06 जनवरी 2016 को कारोबार की समाप्ति तक वैध तथा समीक्षाधीन बने रहेंगे। ये निदेश बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35क की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए हैं। निदेश की प्रतिलिपि इच्छुक आम जनता के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है। उक्त शिथिलता जमाकर्ताओं की कठिनाई को कम करने के उद्देश्य से प्रदान की गई है और इसका अर्थ यह ना समझा जाए कि बैंक की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/795 |