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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) – श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक, महाराष्‍ट्र - अवधि विस्‍तार एवं निदेशों में छूट

मार्च 28, 2018

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) – श्री गणेश सहकारी बैंक
लिमिटेड, नासिक, महाराष्‍ट्र - अवधि विस्‍तार एवं निदेशों में छूट

श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नाशिक, महाराष्ट्र, को 02 अप्रैल 2013 की कारोबार समाप्ति से दिनांक 01 अप्रैल 2013 के निदेश के माध्‍यम से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय समय पर संशोधित निदेशों के माध्‍यम से बढ़ाया गया जिनमें पिछली बार 25 सितंबर 2017 के निदेश के माध्‍यम से 29 मार्च 2018 तक अवधि को बढ़ाया गया तथा इन्‍हें समीक्षाधीन रखा गया। अन्‍य शर्तों के बीच मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी जमाकर्ता द्वारा प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाता या किसी भी अन्य जमा खाते में किसी भी नाम से जाना जाए, में से कुल शेष राशि के 70,000 रुपये से अधिक की राशि आहरण करने की अनुमति नहीं थी।

भारतीय रिजर्व बैंक ने उक्त बैंक की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की है और सार्वजनिक हित की दृष्टि से इन उपरोक्त निदेशों को संशोधित किया जाता है। तदनुसार, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप-धारा (1) और (2) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा निदेश देता है कि श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक को 01 अप्रैल 2013 को जारी निदेश सं. UBD.CO. BSD-1 No. D-39/12.22.435/2012-13 के पैरा 1 (1) तथा बाद में 24 मार्च 2017 के माध्‍यम से जारी संशोधित निदेश को आंशिक रूप से निम्नानुसार संशोधित किया जाए:

प्रत्येक बचत बैंक खाते या चालू खाता या सावधि जमा खाते या किसी भी अन्य जमा खाते (जो भी नाम से जाना जाता है) में कुल शेष राशि से 80,000/- रुपये (अस्‍सी हजार रुपये मात्र) से अधिक नहीं; जमाकर्ता द्वारा वापस लेने की अनुमति दी जाए, बशर्ते कि जहां कहीं ऐसे जमाकर्ता किसी भी तरह से बैंक को देयता दे रहे हों, यानी किसी ऋणदाता या प्रतिभू के रूप में, जिनमें बैंक जमाराशियों के खिलाफ ऋण भी शामिल है, तो इस राशि को पहले संबं‍धित उधार खाते में समायोजित किया जाए।"

भारतीय रिज़र्व बैंक सार्वजनिक हित में इस बात से संतुष्‍ट है कि श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक को 01 अप्रैल 2013 को जारी किए गए निदेश की परिचालन अवधि को अगले छ: माह की अवधि के लिए बढ़ाया जाए। तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद् द्वारा निदेश देता है कि 01 अप्रैल 2013 को जारी निदेश की वैधता 29 मार्च 2018 तक थी जिसे अगले 30 मार्च 2018 से 29 सितंबर 2018 तक बढ़ा दिया गया है तथा वे समीक्षाधीन रहेंगे।

श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक को जारी किए गए दिनां‍क 1 अप्रैल, 2013 के निदेश के अन्य नियम और शर्तें, अपरिवर्तित रहेंगे।

दिनांक 21 मार्च 2018 के निदेश की प्रति जिसमें बढ़ाई गई अवधि की सूचना दी गई है, जनसाधारण के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उपरोक्त अवधि विस्तार और / या संशोधित करने का अर्थ यह नहीं होना चाहिए कि भारतीय रिजर्व बैंक उपर्युक्‍त बैंक की वित्तीय स्थिति में काफी सुधार से संतुष्ट है।

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/2591

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