वित्तीय साक्षरता केंद्र (एफएलसी) - संशोधित दिशानिर्देश - आरबीआई - Reserve Bank of India
वित्तीय साक्षरता केंद्र (एफएलसी) - संशोधित दिशानिर्देश
भारिबैं/2015–16/286 14 जनवरी 2016 अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय/ महोदया, वित्तीय साक्षरता केंद्र (एफएलसी) - संशोधित दिशानिर्देश कृपया आप हमारा दिनांक 6 जून 2012 का परिपत्र ग्राआऋवि.एफएलसी.सं.12452/12.01.018/2011-12 और दिनांक 31 जनवरी 2013 का परिपत्र ग्राआऋवि.एफएलसी.सं.7641/12.01.018/2012-13 देखें जिनमें वित्तीय साक्षरता केंद्रों (एफएलसी) और बैंकों की ग्रामीण शाखाओं द्वारा वित्तीय साक्षरता कैम्प के आयोजन पर परिचालनात्मक दिशानिर्देश जारी किए गए थे। रिज़र्व बैंक द्वारा वित्तीय समावेशन के संबंध में किए गए प्रयासों और पीएमजेडीवाई के माध्यम से बैंकों द्वारा खोले गए खातों के बाद इस क्षेत्र में काफी मात्रा में वित्तीय समावेशन हो गया है। आगे पहले से खोले गए खातों को सक्रिय रखने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। आने वाले वर्षों में वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में वित्तीय साक्षरता इसके केंद्र में होगी क्योंकि इससे उपभोक्ता औपचारिक उत्पादों के लाभ और उत्पद देने वालों को समझने तथा अपनी आवश्यकताओं के अनुसार चयन करने एवं धन का सदुपयोग करने में सक्षम होते हैं। एफएलसी और बैंकों की ग्रामीण शाखाएं विभिन्न लक्ष्य समूह अर्थात किसान, माइक्रो और लघु उद्यमकर्ता, स्कूली बच्चे, स्वयं सहायता समूहों, वरिष्ठ नागरिकों आदि के लिए आवश्यकतानुरूप दृष्टिकोण अपना सकते हैं। वित्तीय साक्षरता कैम्प के आयोजन के दौरान आधारभूत स्तर पर एक ही समय पर विभिन्न स्टेकधारियों अर्थात अग्रणी जिला प्रबंधक (एलडीएम), नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक (डीडीएम), रिज़र्व बैंक के अग्रणी जिला अधिकारी (एलडीओ), जिला और स्थानीय प्रशासन, ब्लाक स्तरीय अधिकारी, एनजीओ, एसएचजी, व्यवसाय प्रतिनिधि (बीसी), किसानों के क्लब, पंचायत, पीएसीएस, गांव स्तरीय अधिकारी, आदि का होना महत्वपूर्ण है। उपर्युक्त को ध्यान में रखते हुए दिशानिर्देश संशोधित किए गए हैं ताकि वे वर्तमान वित्तीय स्थिति के अनुरूप हों। तदनुसार, अग्रणी बैंकों के वित्तीय साक्षरता केंद्रों के लिए संशोधित दिशानिर्देश और वित्तीय साक्षरता केंद्रों तथा बैंकों की ग्रामीण शाखाओं द्वारा वित्तीय साक्षरता कैम्प के आयोजन के लिए परिचालनात्मक दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं एवं इसके साथ, रिपोर्टिंग प्रणाली सहित संलग्न हैं (अनुबंध I) जिनका पालन एसएलबीसी संयोजक बैंकों/ अग्रणी बैंकों को करना है। बैंक नोट करें कि इन संशोधित दिशानिर्देशों से वित्तीय साक्षरता केंद्र – दिशानिर्देश पर दिनांक 6 जून 2012 का ग्राआऋवि.एफएलसी.सं.12452/12.01.018/2011-12 अधिक्रमित हो गया है। प्रशिक्षकों द्वारा आवश्यकता के अनुसार दिनांक 31 जनवरी 2013 के परिपत्र ग्राआऋवि.एफएलसी.सं.7641/12.01.018/2012—13 द्वारा जारी वित्तीय साक्षरता गाइड का उपयोग किया जा सकता है परंतु इनमें पृष्ठ सं. iii, iv और v को शामिल न किया जाए क्योंकि उनमें कैम्प के आयोजन पर परिचालनात्मक दिशानिर्देश दिए गए हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक के अग्रणी जिला अधिकारियों द्वारा वित्तीय साक्षरता कैम्प का निरंतर आधार पर आकलन/ मूल्यांकन किया जाएगा। भवदीय (ए. उद्गाता) बैंकों के वित्तीय साक्षरता केन्द्रों (एफएलसी) के लिए संशोधित दिशानिर्देश और कैम्प के आयोजन के लिए परिचालनात्मक दिशानिर्देश I. मजबूत एफएलसी ढांचा – बोर्ड अनुमोदित नीतियां वित्तीय साक्षरता केंद्र ऐसे मूलभूत अंग अथवा मूलभूत इकाइयां हैं जो आधारभूत स्तर पर वित्तीय साक्षरता शुरू करते हैं। अत: बैंकों को चाहिए कि वे न्यूनतम मूलभूत बुनियादी संरचना उपलब्ध करें और वर्तमान एफएलसी आर्थिक - प्रणाली को मज़बूत करें। 1. आधारभूत स्तर पर वित्तीय साक्षरता उपायों के संचालन में वित्तीय साक्षरता परामर्शदाता/ वित्तीय साक्षरता केंद्र के मुख्य निदेशक महत्वपूर्ण स्टेकधारी होते हैं। बैंकों को चाहिए कि एफएलसी में वित्तीय साक्षरता परामर्शदाता को नियोजित/ भर्ती करने की प्रणालियों पर वे तत्काल बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति स्थापित करे। निम्नलिखित कुछ मुद्दों को ध्यान में रखा जाए : क) वित्तीय साक्षरता परामर्शदाता की अर्हता और कैम्प आयोजित करने का ज्ञान/ कौशल 2. भौतिक बुनियादी संरचना : एफएलसी अग्रणी बैंक कार्यालय अथवा ग्रामीण शाखा का भाग होने के कारण वहां आने वाले ग्राहकों के साथ बातचीत करने के लिए न्यूनतम 10 सदस्यों की बैठने की क्षमता वाला अलग कमरा/ स्थान होना चाहिए। 3. कम्प्यूटर/ लैपटॉप और प्रिंटर तथा फर्नीचर एवं जुड़नार जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध की जानी चाहिए। 4. वित्तीय साक्षरता परामर्शदाता को सवारी की सहायता उपलब्ध की जाए। 5. प्रत्येक एफएलसी में उस जिले की जनता की शिकायतों का निवारण करने के लिए समर्पित ‘हेल्पलाइन’ होनी चाहिए और उसका पर्याप्त रूप से प्रचार किया जाना चाहिए। 6. वित्तीय साक्षरता परामर्शदाता के लिए कौशल निर्माण : इस वर्ष वित्तीय साक्षरता परामर्शदाता को प्रशिक्षण देने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक सीएबी, पुणे के सहयोग से कार्यशाला/ प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा। रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय प्रत्येक राज्य में वित्तीय साक्षरता सप्ताह के भाग के रूप में राज्य स्तर पर प्रति वर्ष कार्यशालाएं आयोजित करेंगे। प्रत्येक एसएलबीसी संयोजक बैंक को चाहिए कि वह एलडीएम/ प्रायोजक बैंकों से (अनुबंध II में दिए गए फार्मेट में) प्राप्त निविष्टियों के आधार पर साथ-साथ अपने एसएलबीसी/ यूटीएलबीसी वेबसाइट के माध्यम से वित्तीय साक्षरता केंद्रों पर डेटाबेस को अद्यतन करें। II. वित्तीय साक्षरता के प्रति आवश्यकतानुरूप दृष्टिकोण और कैम्प का आयोजन हमारे जैसे वैविध्यपूर्ण देश में प्रत्येक व्यक्ति को मूलभूत वित्तीय साक्षरता का ज्ञान होने की अपेक्षा करने के अलावा वित्तीय शिक्षा विविध लक्ष्य समूहों की आवश्यकताओं की पूर्ति के अनुरूप होनी चाहिए। इस संबंध में एफएलसी और ग्रामीण शाखाओं को चाहिए कि वे आधारभूत स्तर पर विविध लक्ष्य समूह निर्धारित करें और एक ही समूह के श्रोताओं के लिए कैम्प आयोजित करें ताकि उस पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जा सके और वित्तीय शिक्षा का गहराई से संप्रेषण हो सके। आगे, कैम्प के आयोजन पर एफएलसी और बैंकों की ग्रामीण शाखाओं का दृष्टिकोण निम्नानुसार होगा : 1. पीएमजेडीवाई खाता धारकों सहित वित्तीय प्रणाली में हाल ही में समावेशित लोगों के लिए विशेष कैम्प। देशभर में एफएलसी और बैंकों की ग्रामीण शाखाओं को इस लक्ष्य समूह का समाधान इस विशेष बात को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए कि वे हाल ही में वित्तीय प्रणाली से जुड़े हैं। उन्हें उद्देश्यपूर्ण लेनदेन करने और बैंक खाता होने से संबद्ध लाभों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। इस लक्ष्य समूह के लिए निहित सूचना के साथ नमूना बुकलेट तैयार की गई है और इसके साथ संलग्न है। बैंक बुकलेट का स्थानीय भाषा में अनुवाद कर सकते हैं और कैम्प के सहभागियों को दे सकते हैं। लक्ष्य : प्रत्येक एफएलसी और बैंकों की ग्रामीण शाखा द्वारा प्रति माह न्यूनतम एक आउटडोर कैम्प, एक वर्ष की अवधि के लिए विशेष कैम्प आयोजित करना आवश्यक है। प्रत्येक कैम्प में अधिकाधिक संख्या में सहभागियों को शामिल करने के प्रयास किए जाएं। 2. निम्नलिखित घटकों के लिए विशेष लक्ष्य समूह कैम्प :
लक्ष्य : प्रत्येक एफएलसी और बैंकों की ग्रामीण शाखा द्वारा प्रति माह प्रत्येक लक्ष्य समूह के लिए एक कैम्प। कैम्प के आयोजन से पहले पर्याप्त प्रचार किया जाए। III सम्मिलित दृष्टिकोण और वित्तीय सहायता समर्थन एफएलसी को चाहिए कि कैम्प के आयोजन के दौरान जिला/ पंचायत/ गांव स्तर पर यथासंभव विभिन्न स्टेकधारियों अर्थात अग्रणी जिला प्रबंधक (एलडीएम), नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक (डीडीएम), रिज़र्व बैंक के अग्रणी जिला अधिकारी (एलडीओ), जिला और स्थानीय प्रशासन, ब्लाक स्तरीय अधिकारी, एनजीओ, स्वयं सहायता समूह, व्यवसाय प्रतिनिधि (बीसी), किसानों के क्लब, पंचायत, पीएसीएस, गांव स्तरीय अधिकारी, आदि को उस स्थान पर लाने के प्रयास करें। कैम्प आयोजित करने से पहले पर्याप्त प्रचार किया जाना चाहिए। कैम्प को सफल बनाने के लिए पैम्फलेट के वितरण, पंचायत और स्थानीय प्रशासन के माध्यम से सूचना और मीडिया प्रचार आदि पर विचार किया जाना चाहिए। इस समय, सभी बैंकों द्वारा एफएलसी की स्थापना के लिए निधियन पर नाबार्ड व्यापक नीति तैयार कर रहा है। वित्तीय समावेशन निधि से वित्तीय साक्षरता गतिविधियों पर निधियन संबंधी विवरण के संबंध में बैंक नाबार्ड द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन कर सकते हैं। रिपोर्टिंग प्रणाली एसएलबीसी/ यूटीएलबीसी रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को तिमाही आधार पर संलग्न एक्सेल शीट (अनुबंध III – भाग क, ख और ग) तिमाही की समाप्ति से 20 दिनों के भीतर प्रस्तुत करेगी। एफएलसी इस परिपत्र में किए गए उल्लेख से अतिरिक्त, स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार यथावश्यक वित्तीय साक्षरता गतिविधि शुरू करने के लिए स्वतंत्र हैं।
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