वित्तीय साक्षरता केन्द्र (एफएलसी) - दिशा-निर्देश - आरबीआई - Reserve Bank of India
वित्तीय साक्षरता केन्द्र (एफएलसी) - दिशा-निर्देश
भारिबैं/2011-12/590 6 जून 2012 अध्यक्ष / अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक महोदय, वित्तीय साक्षरता केन्द्र (एफएलसी) - दिशा-निर्देश कृपया वित्तीय साक्षरता और ऋण परामर्श केन्द्र (एफएलसीसी) गठित करने संबंधी मॉडेल योजना पर दिनांक 4 फरवरी 2009 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि. केका. एमएफएफआइ. बीसी. सं. 86/12.01.18/2008-09 देखें। 2. मॉडेल योजना चूंकि अब कुछ समय से परिचालन में है, अतः यह निर्णय लिया गया है कि देश में वित्तीय साक्षरता फैलाने में उसकी दक्षता और प्रभाव के संबंध में उसका मूल्यांकन किया जाए। तदनुसार, 16 राज्यों में फैले 30 एफएलसीसी के राष्ट्रव्यापी नमूना सर्वेक्षण के माध्यम से एफएलसीसी के कार्य का अध्ययन किया गया। अध्ययन के निष्कर्षों में वित्तीय साक्षरता प्रयासों को वांछित ढंग से बढ़ाने में मॉडेल योजना की परिसीमाएं इंगित की गई हैं। उक्त अध्ययन के कुछ निष्कर्ष नीचे प्रस्तुत हैं : क) सभी एफएलसीसी शहरी और अर्धशहरी क्षेत्रों में स्थित है। कोई भी एफएलसीसी ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत नहीं है, जहाँ आर्थिक रूप से वंचित जनता का बृहत् वर्ग निवास करता है। ख) स्थानीय जनता को एफएलसीसी की मौजूदगी का ज्ञान सीमित रूप में है। ग) एफएलसीसी अधिकांशतः केन्द्र में प्रत्यक्ष आने वाले ग्राहकों को सेवा प्रदान करते हैं जबकि एफएलसीसी द्वारा बाह्य साक्षरता अभियान अपवाद स्वरूप में पाए गए । घ) एफएलसीसी में उपलब्ध साक्षरता सामग्री सामान्यतः प्रायोजक बैंकों के विभिन्न उत्पाद संबंधी प्रचार सामग्री है। ड.) हालांकि 53% एफएलसीसी अलग न्यासों / सोयाइटियों, जो इस प्रयोजन के लिए गठित किए गए हैं, द्वारा चलाये जाते हैं फिर भी ये वास्तव में प्रायोजक बैंकों की संस्थानों के रूप में कार्य कर रहे हैं क्योंकि वे निधियन और प्रशासनिक सहायता के लिए इनके ऊपर निर्भर हैं। इस प्रकार एफएलसीसी प्रायोजक बैंकों से एक-हाथ की दूरी बनाए नहीं रख पा रहे हैं जैसाकि मॉडेल योजना में परिकल्पित है। 3. उक्त को ध्यान में रखते हुए तथा वित्तीय साक्षरता के विविध प्रयासों को बढ़ाने के उद्देश्य से अब विद्यमान एफएलसीसी योजना को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है। जहां विद्यमान एफएलसीसी वित्तीय साक्षरता पर नवीकृत फोकस के साथ कार्य करना जारी रखेंगे, वहीं अग्रणी बैंकों को सूचित किया गया है कि वे प्रत्येक अग्रणी जिला प्रबंधक (एलडीएम) कार्यालयों में समयबद्ध तरीके से वित्तीय साक्षरता केन्द्र (एफएलसी) खोलें। इससे देशभर के सभी जिलों में 630 से अधिक एफएलसी खोले जाएंगे। उक्त के अलावा, बैंक अन्य स्थानों पर भी आवश्यकता आधारित एफएलसी गठित करने पर विचार कर सकते हैं। साथ ही, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित अनूसूचित वाणिज्य बैंकों की सभी ग्रामीण शाखाओं द्वारा भी वित्तीय साक्षरता गतिविधियां चलाई जाएंगी। 4. वित्तीय साक्षरता केन्द्र (एफएलसी) सरल संदेश जैसे बचत क्यों करें, अपने जीवन में आरंभ से ही बचत क्यों करें, क्यों बैंक में बचत करें, क्यों बैंकों से उधार लें, जहाँ तक संभव हो सके क्यों आय उत्पादन गतिविधियों के लिए उधार लें, क्यों समय पर चुकौती करें, क्यों स्वयं का बीमा करें, क्यों अपनी सेवानिवृत्ति के लिए बचत करें आदि के रूप में वित्तीय साक्षरता प्रदान करेंगे। एफएलसी तथा बैंकों की ग्रामीण शाखाँए कम से कम एक माह में आर्थिक रूप से वंचित जनता पर ध्यान केंद्रित करते हुए बाहरी वित्तीय साक्षरता कैम्पों का भी आयोजन करेंगे। इस प्रयोजनार्थ, अनुभवी एनजीओ की सहायता ली जा सकती है। चूंकि एफएलसी का ध्यान वित्तीय साक्षरता के सरल संदेशों पर केंद्रित है, अतः गलत विक्रय की कोई गुंजाइश नहीं होगी। तथापि, एलडीएम कार्यालयों और बैंकों की ग्रामीण शाखाओं में इस प्रयोजनार्थ विशेष रूप से पहचान किए गए अधिकारी की जिम्मेवारी यह सुनिश्चित करने की होगी कि वित्तीय उत्पादों और सेवाओं का गलत विक्रय नहीं हो रहा है। एफएलसी में कार्यरत अधिकारियों को आचरण अभिविन्यास में प्रशिक्षण दिलाया जाना चाहिए ताकि वे प्रभावी प्रशिक्षक के रूप में कार्य कर सकें और साथ ही उन्हें विभिन्न बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं पर आवधिक अद्यतन जानकारी प्रदान की जानी चाहिए। 5. उक्त दिशा-निर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुगम बनाने हेतु हम मानक वित्तीय साक्षरता सामग्री / प्रशिक्षण मोड्यूल तैयार करने की प्रक्रिया में है जो देश भर में बुनियादी बैंकिंग की जानकारी और जागरूकता उपलब्ध कराने हेतु बैंकों को वितरित किए जाएंगे। यदि आवश्यक हो तो, बैंक चार बुनियादी बैंकिंग उत्पादों अर्थात् (i) बचत व ओवरड्राफ्ट खाता, (ii) शुद्ध बचत उत्पाद आदर्शतः एक आवर्ती जमा योजना, (iii) इलेक्ट्रानिक बेनिफिट ट्रांस्फर तथा अन्य प्रेषण हेतु प्रेषण उत्पाद तथा (iv) सामान्य – प्रयोजन क्रेडिट कार्ड (जीसीसी) या किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के रूप में उद्यमी क्रेडिट पर जानकारी प्रसारित करने हेतु कहानियाँ और सचित्र अभिवेदनों का प्रयोग करते हुए देशी भाषा में उक्त व्याख्यात्मक विषयों पर सामग्री भी तैयार कर सकते हैं। 6. एफएलसी और बैंकों की ग्रामीण शाखाएं एक रजिस्टर के रूप में रिकार्ड रखें जिसमें नाम, लिंग, आयु, व्यवसाय, संपर्क ब्योरा, क्या बैंक या बैंक रहित है, प्राप्त की गई सेवाओं का ब्योरा आदि विवरण निहित हो। संबंधित बैंकों के मुख्य / नियंत्रक कार्यालय आवधिक रिपोर्टिंग के माध्यम से तथा आकस्मिक ऑन-साइट दौरों की सहायता से भी अपने एफएलसी / शाखाओं द्वारा किए गए वित्तीय साक्षरता प्रयासों की निगरानी करेंगे। वे आवधिक (कम से कम वर्ष में एक बार) रूप से उनके साक्षरता प्रयासों का प्रभावी मूल्यांकन करेंगे ताकि लगातार सुधार हेतु मार्ग बन सकें। 7. एसएलबीसी / यूटीएलबीसी अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले बैंकों द्वारा किए गए वित्तीय साक्षरता प्रयासों को एसएलबीसी / यूटीएलबीसी बैठकों में कार्य-सूची मद के रूप में समीक्षा करेंगे तथा एफएलसी के कार्य पर एक त्रैमासिक रिपोर्ट संलग्न प्रारूप के अनुसार प्रत्येक तिमाही के अंत के बाद 20 दिनों के भीतर भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों को प्रस्तुत करेंगे। भवदीय ( सी. डी. श्रीनिवासन ) वित्तीय साक्षरता केन्द्र ------------------------- को समाप्त तिमाही के लिए रिपोर्ट
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