वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान मत्स्य पालन और पशुपालन से संबंधित किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) हेतु ब्याज सबवेंशन योजना - आरबीआई - Reserve Bank of India
वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान मत्स्य पालन और पशुपालन से संबंधित किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) हेतु ब्याज सबवेंशन योजना
भारिबैं/2019-20/48 26 अगस्त 2019 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / महोदय, वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान मत्स्य पालन और पशुपालन से संबंधित किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) हेतु ब्याज सबवेंशन योजना कृपया दिनांक 04 फरवरी 2019 के हमारे परिपत्र विसविवि.केंका.एफएसडी.बीसी.सं.12/05.05.010/2018-19, जिसमें मत्स्य पालन और पशुपालन से संबंधित किसानों के कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए केसीसी सुविधा का विस्तार किया गया था, तथा दिनांक 27 मई 2019 के हमारे पत्र, जिसमें केसीसी योजना के अंतर्गत कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मत्स्य पालन और पशुपालन से संबंधित किसानों को 2% का ब्याज सबवेंशन और 3% का त्वरित चुकौती प्रोत्साहन (पीआरआई) का लाभ प्रदान किए जाने के संबंध में सरकार की मंजूरी के बारे में सूचित किया गया था, का संदर्भ ग्रहण करें। 2. इस संबंध में, यह सूचित किया जाता है कि अब भारत सरकार ने मत्स्य पालन और पशुपालन से संबंधित किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड सुविधा पर दो वर्ष अर्थात 2018-19 और 2019-20 की अवधि के लिए ब्याज सबवेंशन योजना से संबंधित परिचालनगत दिशा-निर्देश निम्नलिखित शर्तों के साथ जारी किया है:
3. बैंक उक्त योजना का पर्याप्त प्रचार करें ताकि पात्र किसान इसका लाभ उठा सकें। 4. निम्नानुसार यह भी सूचित किया जाता है कि: i) 2 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन के संबंध में बैंकों द्वारा वर्ष 2018-2019 और 2019-2020 हेतु अपने दावे 30 सितंबर और 31 मार्च के आधार पर छमाही रूप में प्रस्तुत करने की आवश्यकता है, जिसमें से तदनुरूपी वर्ष के 31 मार्च को समाप्त वित्तीय वर्ष हेतु किए गए सबवेंशन दावों के साथ सांविधिक लेखा परीक्षक का एक प्रमाणपत्र होना जरूरी है जिसमें पूरे वर्ष के संदर्भ में किए गए दावों को ठीक और सही होने को प्रमाणित किया गया हो। ii) 3 प्रतिशत के त्वरित चुकौती प्रोत्साहन के संबंध में, बैंक वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान किए गए संवितरणों से संबंधित एकबारगी समेकित दावे प्रस्तुत करें तथा ऐसे दावों के साथ सांविधिक लेखा परीक्षक का प्रमाणपत्र होना जरूरी है जिसमें दावों को ठीक और सही होने को प्रमाणित किया गया हो। वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान किए गए संवितरणों से संबंधित किसी भी शेष दावे और जो क्रमशः 2019-20 और 2020-21 के दौरान देय हो, को अलग से समेकित किया जाए और उसे 'अतिरिक्त दावा' के रूप में अंकित किया जाए तथा इस दावे को सांविधिक लेखा परीक्षक द्वारा विधिवत रूप से ठीक और सही होने को प्रमाणित किया गया हो। iii) 2 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन और 3 प्रतिशत त्वरित चुकौती प्रोत्साहन के संबंध में दावों को वर्ष / छमाही की समाप्ति के एक तिमाही के भीतर प्रस्तुत किया जाए। वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान किए गए संवितरण से संबंधित ‘अतिरिक्त दावा’ को क्रमशः अधिकतम 30 जून 2020 और 30 जून 2021 तक प्रस्तुत करें। उक्त उल्लेखित दावों को फार्मेट I और II (इसके साथ संलग्न) में मुख्य महाप्रबंधक, वित्तीय समावेशन और विकास विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट, मुंबई 400 001, को हार्ड कॉपी और सॉफ्ट कॉपी (एक्सेल फॉर्मेट) में fsdco@rbi.org.in पर प्रेषित करें। iv) ऐसे लेखापरीक्षित दावों की प्रतियाँ पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार और कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, को भी प्रेषित की जा सकती हैं। । भवदीया, (सोनाली सेन गुप्ता) |