किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना : पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए कार्यशील पूंजी - आरबीआई - Reserve Bank of India
किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना : पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए कार्यशील पूंजी
आरबीआई/2018-19/112 04 फरवरी 2019 अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक/ मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/महोदय, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना : पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए कार्यशील पूंजी कृपया दिनांक 04 जुलाई 2018 को हमारे द्वारा विसविवि.केंका.एफएसडी.बीसी.सं.6/05.05.010/2018-19 के माध्यम से जारी मास्टर परिपत्र - किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना का संदर्भ ग्रहण करें। यह निर्णय लिया गया है कि कार्यशील पूंजी संबंधी आवश्यकताओं के लिए केसीसी योजना का लाभ पशुपालन से संबंधित किसानों और मत्स्य पालन को दिया जाए। दिशानिर्देश अनुबंध में दिए गए हैं। 2. बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे दिशानिर्देशों के अनुसार योजना को लागू करें। भवदीया, (सोनाली सेन गुप्ता) अनुलग्नक : यथोक्त 1. प्रस्तावना 2018-19 के बजट में केंद्र सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की सुविधाओं को पशुपालन एवं मत्स्यपालन (एएच व एफ) से संबंधित किसानों तक पहुँचाने की घोषणा की थी ताकि उनके कार्यशील पूंजी संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद की जा सके। उक्त बजट में किए गए घोषणा के अनुसरण में विषय की जांच की गई तथा सभी हितधारकों के परामर्श से, पशुपालन और मत्स्य पालन से संबंधित गतिविधियों के लिए कार्यशील पूंजी संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए केसीसी सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। 2. उद्देश्य : यह केसीसी सुविधा, पशु, पक्षी, मछली, झींगा, अन्य जलीय जीवों के पालन एवं मछलियों को पकड़ने के लिए अल्पावधि ऋण आवश्यकताओं को पूरा करेगी। 3. पात्रता : पशुपालन एवं मत्स्य पालन के लिए केसीसी के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों हेतु मानदंड निम्नानुसार होंगे: 3.1 मत्स्य पालन 3.1.1 अंतर्देशीय मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर 3.1.1.1 मछुआरे, मछली पकड़ने वाले किसान (व्यक्तिगत और समूह / साझेदार / बंटाईदार / काश्तकार), स्वयं सहायता समूह, संयुक्त देयता समूह एवं महिला समूह। 3.1.1.2 लाभार्थियों को मछली पालन से संबंधित गतिविधियों जैसे तालाब, टैंक, खुले जल निकाय, रेसवे, हैचरी, पालन-पोषण इकाई में से किसी एक का स्वामी या पट्टा धारक होना चाहिए, मछली पालन और मछली पकड़ने से संबंधित गतिविधियों के लिए आवश्यक लाइसेंस हो तथा कोई भी अन्य राज्य विशिष्ट मत्स्य पालन और संबद्ध गतिविधियाँ। 3.1.2 समुद्री मत्स्य पालन 3.1.2.1 ऊपर 3.1.1.1 में उल्लेखित लाभार्थी, जिनके पास स्वयं या पंजीकृत पट्टे पर मछली पकड़ने का जहाज/नाव हो, जिनके पास मुहाने और समुद्र में मछली पकड़ने, मुहाने और खुले समुद्र में पर मछली पालन/ मेरिकल्चर गतिविधियों के लिए आवश्यक मछली पकड़ने का लाइसेंस/अनुमति हो तथा राज्य विशिष्ट कोई भी अन्य मत्स्य पालन और संबद्ध गतिविधि। 3.2 मुर्गीपालन और जुगाली करने वाले छोटे पशु 3.2.1 वे किसान, मुर्गीपालन करने वाले किसान या तो व्यक्तिगत या संयुक्त उधारकर्ता, संयुक्त देयता समूह या स्वयं सहायता समूह, जिसमें भेड़/बकरियां/सुअर/मुर्गी/पक्षी/खरगोश के काश्तकार शामिल हैं, और जिनके पास स्वयं के / किराए पर / पट्टे पर शेड हो। 3.3 डेरी 3.3.1 वे किसान और डेयरी किसान या तो व्यक्तिगत या संयुक्त उधारकर्ता, संयुक्त देयता समूह या स्वयं सहायता समूह जिसमें वे काश्तकार शामिल हैं जिनके पास स्वयं के / किराए पर / पट्टे पर शेड हो। 4. वित्त मान 4.1 वित्त मान, जिला स्तरीय तकनीकी समिति (डीएलटीसी) द्वारा स्थानीय लागत के आधार पर प्रति एकड़ / प्रति यूनिट / प्रति पशु / प्रति पक्षी आदि के आधार पर निर्धारित किया जाएगा। 4.2 वित्त मान के अंतर्गत मत्स्य पालन के कार्यशील पूंजी घटकों में बीज, चारा, जैविक और अजैविक उर्वरक, चूना / अन्य मृदा कंडीशनर, कटाई एवं विपणन प्रभार, ईंधन / बिजली प्रभार, श्रम, पट्टा किराया (यदि जल क्षेत्र पट्टे पर लिया गया हो) आदि के लिए आवर्ती लागत को शामिल किया जा सकता है। मछली पकड़ने के लिए कार्यशील पूंजी में ईंधन, बर्फ, श्रम प्रभार, नौबंध / लैंडिंग प्रभार आदि को शामिल किया जा सकता है जो वित्त मान का हिस्सा हो सकते हैं। 4.3 वित्त मान के अंतर्गत पशुपालन में कार्यशील पूंजी के घटकों में चारा, पशु चिकित्सा सहायता, श्रम, जल और बिजली की आपूर्ति संबंधी आवर्ती लागत को शामिल किया जा सकता है। 4.4 कार्यशील पूंजी की आवश्यकता के मूल्यांकन हेतु अधिकतम अवधि, नकदी प्रवाह विवरणी या उत्पादन का एक चक्र के पूरा होने पर आधारित हो सकती है। 4.5 नकदी ऋण की आवश्यकता का मूल्यांकन करने के लिए तकनीकी जानकारी देने हेतु सरकार के मत्स्य और पशुपालन विशेषज्ञ को डीएलटीसी का सदस्य बनाया जा सकता है। 4.6 कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं का मूल्यांकन करते समय क्षेत्र स्तर के इनपुट को प्रदान करने हेतु पशुधन / मत्स्य पालन क्षेत्र के प्रगतिशील उद्यमियों को भी डीएलटीसी में शामिल किया जा सकता है। 5. सामान्य दिशा – निर्देश 5.1 आहरण शक्ति : आहरण शक्ति का निर्धारण, वर्तमान स्टॉक के मूल्यांकन, स्वीकृति की शर्तों के अनुसार प्राप्य और / या नकदी प्रवाह के आधार पर किया जाएगा। 5.2 चुकौती : ऋण, परिक्रामी नकद उधार सीमा की प्रकृति में होगा। चुकौती का निर्धारण उधारकर्ता द्वारा की गई गतिविधि के आधार पर नकदी प्रवाह / आय सृजन पैटर्न के अनुसार किया जाएगा। 5.3 अंतिम उपयोग की निगरानी: उपयोग सीमा की निगरानी हेतु इस योजना के अंतर्गत जारी किए गए ऋण के लिए खाता / स्मार्ट कार्ड को मौजूदा केसीसी ऋण से अलग रखा / जारी किया जाए। निधियों के अंतिम उपयोग की निगरानी अन्य ऋणों (फसल ऋणों पर केसीसी सहित) के अनुरूप होगी अर्थात यूनिट के प्रगति की जाँच हेतु शाखा अधिकारियों द्वारा यूनिट स्थल/परियोजना का फील्ड दौरा किया जाए। बैंक समय-समय पर सुविधा की समीक्षा करेंगे और उधारकर्ता के निष्पादन के आधार पर सुविधा को जारी रखेंगे / वापस लेंगे/ मान घटाएंगे। 5.4 प्रूडेंशियल मानदंड: संबद्ध गतिविधियों पर, आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण1 पर मौजूदा प्रूडेंशियल मानदंड, लागू होंगे। 5.5 ब्याज दर : ब्याज दर, डीबीआर के मास्टर निदेश ‘भारतीय रिज़र्व बैंक (अग्रिमों पर ब्याज दर) निदेश 2016’ में निर्धारित किए गए अनुसार होगा। 5.6 अल्पावधि फसल ऋणों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना में निर्धारित अन्य सभी दिशा-निर्देश यथोचित परिवर्तनों के साथ लागू होंगे। 1 आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण मानदंड पर बैंकिंग विनियमन विभाग का मास्टर परिपत्र |