एक ही बैंक की शाखाओं के बीच जमा खातों का अंतरण
आरबीआई/2011-12/528 27 अप्रैल 2012 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय एक ही बैंक की शाखाओं के बीच जमा खातों का अंतरण हमारे ध्यान में यह बात लायी गई है कि जब ग्राहक एक ही बैंक की एक शाखा से दूसरी शाखा में अपने खाते को अंतरित करने के लिए बैंक से संपर्क करते हैं तो कुछ बैंक उनसे नए खाते खोलने पर जोर दे रहे हैं । इस तरह से नए खाते खोलने अथवा ग्राहकों की पूर्ण केवाइसी प्रक्रिया पुनः करने पर ज़ोर देने से ग्राहकों को असुविधा होती है जो खराब ग्राहक सेवा है । यह देखते हुए कि ज्यादातर बैंक शाखाएं अब सीबीएस पर हैं और किसी ग्राहक विशेष के केवाइसी रिकार्ड बैंक की किसी भी शाखा द्वारा देखे जा सकते हैं, ऐसा करना तर्कसंगत नहीं है । 2. बैंकों को सूचित किया जाता है की बैंक की किसी एक शाखा द्वारा एक बार केवाइसी किए जाने पर वह केवाइसी बैंक के भीतर खाते के अंतरण के लिए वैध होनी चाहिए यदि संबंधित खाते के लिए पूर्ण केवाइसी प्रक्रिया की गई हो । ग्राहक को अपने खाते को बिना किसी प्रतिबंध के एक शाखा से दूसरे शाखा में अंतरित करने की अनुमति दी जानी चाहिए। किसी व्यक्ति का सही पता रिकार्ड पर रखने की केवाइसी अपेक्षाओं का अनुपालन करने के लिए, इस तरह के अंतरण के बाद अंतरिती शाखा द्वारा ग्राहक से उसके नये पते को सत्यापित करने वाले दस्तावेज प्राप्त किये जा सकते हैं । यह नोट किया जाए कि 1 जुलाई 2011 के हमारे मास्टर परिपत्र बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 2/14.01.001/2011-12 के पैरा 2.4 (ई) के अनुसार केवाइसी संबंधी सूचनाओं को आवधिक रूप से अद्यतन करने तथा पैरा 2.21(iii) के अनुसार पहचान तथा लेनदेन के रिकार्डों के रख-रखाव संबंधी अनुदेश अपरिवर्तित हैं। बैंकों को निर्धारित अंतराल पर सूचना को अद्यतन करना होगा तथा निर्धारित विधि के अनुसार लेनदेन का रिकार्ड रखना होगा और पहचान का सत्यापन करना होगा । 3. कृपया प्राप्ति-सूचना दें। भवदीय (सुधा दामोदर) |