मास्टर परिपत्र - बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर परिपत्र - बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार
आरबीआई/2014-15/3 1 जुलाई 2014 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक और प्राधिकृत बैंक महोदया /महोदय, मास्टर परिपत्र - बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार निवासियों द्वारा लिए गए बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार, समय-समय पर यथासंशोधित 3 मई, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.3/2000-आरबी, अर्थात 3 मई 2000 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना और देना) विनियमावली, 2000 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 6 की उप-धारा 3 के खंड (डी) द्वारा नियंत्रित होते हैं। 2. यह मास्टर परिपत्र "बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक ऋण " विषय पर सभी वर्तमान अनुदेशों को एक स्थान पर समेकित करता है। इस मास्टर परिपत्र में समेकित परिपत्रों/ अधिसूचनाओं की सूची परिशिष्ट में दी गई है। सामान्य मार्गदर्शन के लिए इस मास्टर परिपत्र का संदर्भ लिया जाए। आवश्यक होने पर विस्तृत जानकारी के लिए प्राधिकृत व्यक्ति और प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक संबंधित परिपत्रों/अधिसूचनाओं का संदर्भ लें। 3. नए अनुदेश जारी होने पर, इस मास्टर परिपत्र को समय-समय पर अद्यतन किया जाता है। मास्टर परिपत्र किस तारीख तक अद्यतन है, इसका उचित रूप में उल्लेख किया जाता है। भवदीय, (बी.पी.कानूनगो) |