आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन के आधार पर मुद्रा तिजोरी सहित बैंक शाखाओं के लिए प्रोत्साहन और दंड की योजना से संबंधित मास्टर परिपत्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन के आधार पर मुद्रा तिजोरी सहित बैंक शाखाओं के लिए प्रोत्साहन और दंड की योजना से संबंधित मास्टर परिपत्र
आरबीआई/2014-15/80 July 01, 2014 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी महोदया / महोदय, आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन के आधार पर मुद्रा तिजोरी सहित बैंक शाखाओं के लिए प्रोत्साहन और दंड की योजना से संबंधित मास्टर परिपत्र कृपया जुलाई 1, 2013 के हमारे मास्टर परिपत्र डीसीएम(सीसी) सं.जी-3/03.39.01/2013-14 का संदर्भ लें जिसमें आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन के आधार पर मुद्रा तिजोरी सहित बैंक शाखाओं के लिए प्रोत्साहन और दंड की योजना शामिल है। 2. उक्त विषय पर संशोधित और अद्यतन अनुदेश सूचना एवं आवश्यक कार्रवाई के लिए संलग्न है। 3. यह मास्टर परिपत्र हमारी वेबसाइट /en/web/rbi. पर उपलब्ध है। भवदीय, (एम के मल्ल) अनुलग्नक - यथोक्त आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्य निष्पादन के आधार पर मुद्रा तिजोरी सहित बैंक शाखाओं के लिए प्रोत्साहन और दंड की योजना से संबंधित मास्टर परिपत्र 1. यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी बैंक शाखाएं आम जनता को नोटों और सिक्कों के विनिमय के संबंध में बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करती हैं, मुद्रा तिजोरी सहित बैंक शाखाओं के लिए प्रोत्साहन और दंड की योजना की शुरूवात की गयी है। 2. प्रोत्साहन a) उक्त योजना के अनुसार, नोटों और सिक्कों के विनिमय के लिए सुविधा प्रदान करने हेतु बैंक निम्नलिखित वित्तीय प्रोत्साहन पाने के लिए पात्र हैं :
b) (i) क्षेत्रीय कार्यालयों में वास्तविक रूप से प्राप्त गंदे नोटों पर प्रोत्साहन का भुगतान किया जायेगा । बैंकों को अलग से दावा प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है । मुद्रा तिजोरी शाखाओं को सहलग्न शाखाओं को उनके द्वारा प्रस्तुत गंदे नोटों के लिए समानुपातिक आधार पर प्रोत्साहन हस्तांतरित करना होगा । (ii) इसी तरह, गंदे नोट प्रेषणो के साथ प्राप्त अधिनिर्णित नोटों के संबंध में प्रोत्साहन का भुगतान किया जायेगा । अलग से दावा प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है । (iii) सिक्का वितरण मशीनों (सीवीएम), नोट सोर्टिंग मशीनों(एनएसएम) और जनता को नकदी संबंधी खुदरा सेवाएं प्रदान करने वाली सभी मशीनों की स्थापना के लिए प्रोत्साहन के दावे लेखापरीक्षक के प्रमाणपत्र के साथ 30 दिनों के भीतर तिमाही आधार पर आरबीआई के संबंधित निर्गम कार्यालय को उस बैंक के संपर्क कार्यालय के माध्यम से प्रस्तुत किया जाना चाहिए । कृपया यह सुनिश्वित करें कि सिक्कों की आपूर्ति या तो सीधे ही या सहलग्न योजना के माध्यम से की जाती है ताकि सीवीएम मशीनें कार्यरत बनी रहें। 3. दंड क) नोटों और सिक्कों के विनिमय/ भारतीय रिज़र्व बैंक को भेजे गये प्रेषण/ मुद्रा तिजोरियों के परिचालन आदि में पायी गयी कमियों के लिए बैंकों पर लगाये जानेवाले दंड निम्नानुसार हैं:
ख) विसंगतियों का स्वरूप निर्धारित करने के लिए, क्षेत्रीय कार्यालय के निर्गम विभाग के प्रभारी अधिकारी ही सक्षम प्राधिकारी होंगें जिनके क्षेत्राधेकार में चूककर्ता मुद्रा तिजोरी/ बैंक शाखा स्थित है। ग) सक्षम प्राधिकारी के निर्णय के खिलाफ की जानेवाली अपील, बैंक को नामे करने के पश्चात 30 दिनों के भीतर संबंधित मुद्रा तिजोरी/शाखा के नियंत्रक कार्यालय द्वारा संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्रीय निदेशक को की जाए, जो ऐसी अपील को स्वीकार/अस्वीकार करने का निर्णय लेंगे। घ) स्टाफ नया होना/अप्रशिक्षित होना, स्टाफ में जानकारी का अभाव, सुधारात्मक उपाय किये गये हैं/ किये जाएंगे आदि विषयों पर दंड से छूट के लिए किये गये अपीलों पर विचार नहीं किया जाएगा। |